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IND VS AUS : गाबा के मैदान को क्यों नहीं किया जाता कवर, ब्रिसबेन में बारिश से क्यों नहीं डरते पिच क्यूरेटर

ब्रिसबेन. आज के दौर में किसी भी अंतरार्ष्ट्रीय मैदान पर बारिश से बचने के लिए अत्याधुनिक कवर्स मौजूद होते है और जहां मॉर्डन कवर्स नहीं होते वहां मैनुएल तरीके से पूरा मैदान कवर किया जाता है. इंग्लैंड, दक्षिण अफ्रीका और न्यूजीलैंड में अब मैच में बारिश की वजह से मैच में कम रुकावट होती है यहां तक कि श्रीलंका जैसे देश में पूरा मैदान कवर करने के लिए पर्याप्त व्यवस्था है. पर हैरानी की बात है कि ब्रिसबेन जैसे मॉर्डन शहर में गाबा का ऐतिहासिक मैदान है वहां सिर्फ पिच का स्क्वायर ढका गया और पूरा मैदान बारिश में एक्सपोज हो गया.

सवाल बड़ा ये है कि आखिर क्यों इतने पुराने क्रिकेट वेन्यू पर मैदान को पूरा ढकने की व्यवस्था क्यों नही की गई है . और क्या रीजन है कि टेस्ट मैच के पहले दिन इतनी जोरदार बारिश के बाद भी ना तो ग्राउंड मैन तनाव में दिखा और ना ही क्यूरेटर की तरफ से कोई व्यवस्था कि गई ताकि मैदान बचा रहे और बारिश रुके तो मैदान सुखाने में टाइम ना लगे. मौसम विभाग की माने तो शनिवार को 15MM बारिश होने के आसार थे फिर भी सिर्फ पिच को ही कवर किया गया.

ड्रेनेज को लेकर ओवर कॉनफिडेंट अधिकारी 

गाबा का क्रिकेट इतिहास बहुत पुराना है। 1895 में इसे क्रिकेट मैदान के रूप में संरक्षित किया गया था, और यहां पहला मैच 19 दिसंबर 1896 को संसद और प्रेस के बीच खेला गया था। इससे पहले, यहां का ग्रीन हिल्स मैदान क्रिकेट का केंद्र हुआ करता था।1931 में गाबा के मैदान पर पहला टेस्ट खेला गया और 1960-61 में इसी मैदान पर इतिहास का पहला टाई टेस्ट मैच खेला गया. पिछले कुछ सालों से यहां पर कुछ नाटकीय बदलाव भी किए गए. खुले हुए ग्रीन स्टैंड हटाकर वहां आधुनिक दर्शक दीर्घा बनाई गई . बदलते समय के साथ चलना जरूरी था और गाबा मैदान साथ चला भी .. पर एक चीज उन्होने इस मैदान की कभी नहीं छेड़ा और वो था यहां का ड्रेनेज सिस्टम. 1931 से आज तक इस मैदान पर पानी कभी रुका नहीं , कितना भी बारिश हो जाए पानी निकल जाता था. अब ये स्टेडियम टूटने वाला है और शायद इसी वजह से गाबा का सिस्टम भी बिगड़ा है . मैदान पर पानी भी रुका और लोग ये कहने पर मजबूर हुए कि पूरा मैदान कवर होता तो शायद बेहतर होता. पिछले कुछ सालों में  गाबा में कई बदलाव हुए. 1993 से 2005 तक, छह चरणों में इसके पुनर्निर्माण पर करीब 128 मिलियन ऑस्ट्रेलियाई डॉलर खर्च किए गए, जिससे इसकी क्षमता और सुविधाएं आधुनिक हो सकीं. आज गाबा में अंतरराष्ट्रीय मैचों के लिए लगभग 36,000 दर्शकों की क्षमता है, जिसमें नए स्कोरबोर्ड और पूल डेक जैसी सुविधाएं भी शामिल हैं.

ब्रिसबेन की बुक में रिकॉर्ड ही रिकॉर्ड 

टेस्ट मैचों में गाबा का पिच बल्लेबाजी के लिए अनुकूल माना जाता है। पांच दिनों के खेल में पिच अक्सर सपाट और सटीक रहती है, जिसमें पहले दिन तेज गेंदबाजों को थोड़ी मदद मिल सकती है, लेकिन बाद में यह बल्लेबाजों के लिए आदर्श बन जाती है यहां खेले गए 10 टेस्ट मैचों में से 3 मैच पहले बल्लेबाजी करने वाली टीम ने जीते हैं और 7 मैच दूसरी पारी में बल्लेबाजी करने वाली टीम ने अपने नाम किए हैं। दिलचस्प बात यह है कि स्पिनर्स और पेसर्स दोनों को गाबा में समान सफलता मिली है। नाथन लायन ने इस मैदान पर 36 विकेट चटकाए हैं, जबकि मिशेल स्टार्क, पैट कमिंस और जोश हेजलवुड ने यहां कुल 122 विकेट लिए हैं।  कुल मिलाकर एक बात तो साफ है बारिश आगे भी खलल डालती रहेगी और ऐसे में ग्राउंड मैन का रोल बढ़ जाएगा और ये रिकॉर्ड तभी और बेहतर हो पाएंगे जब मैच के लिए ग्राउंड समय से खेलने लायक बनाया जा सके.

Tags: Border Gavaskar Trophy, Gaba Test, IND vs AUS Brisbane Test, India vs Australia

FIRST PUBLISHED : December 14, 2024, 13:25 IST

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