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Drug Addiction Cases In India – Drug OR Death : दिल्ली-मुंबई नहीं, नशे में ये है देश का सबसे बदनाम राज्य, सबसे ज्यादा मौतें

शर्मसार करने वाले ये आंकडे यहीं नहीं थम रहे हैं, ये तेजी से बढ़ रहे हैं।

जयपुर
मुंबई में क्रूज से बरामद Deug Case के बाद एक बाद फिर देश भर में नशे को लेकर चर्चा बढ़ गई है। जितनी तेजी से नशे ने राज्यों में पैर पसारना शुरु किया है उतनी तेजी से ही तस्करी भी बढ़ गई है। बड़ी बात ये है कि नशा लोगों की जिंदगी बर्बाद कर रहा है लेकिन इसका सबसे ज्यादा खामियाजा Rajasthan भुगत रहा है। यहां जिंदगी बर्बाद तो हो ही रही है साथ ही नशे के कारण जानें भी जा रही है। देश में नशाखोरी के चलते मौतों के मामले में राजस्थान सबसे आगे है। शर्मसार करने वाले ये आंकडे यहीं नहीं थम रहे हैं, ये तेजी से बढ़ रहे हैं।

नशे से सबसे ज्यादा नुकसान राजस्थान कोए तीन सौ से ज्यादा मौतें सिर्फ तीन साल में
नशे के चलते कर्ज होनाए बर्बाद होना जैसे मामले तो कई सामने आए लेकिन इनसे भी ज्यादा बड़े मामलों में राजस्थान देश में बदनाम हो गया। एनसीआरबी रिकाॅर्ड के अनुसार साल 2017- 18 और 2019 में 2300 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। शर्म की बात ये है कि इनमें सबसे ज्यादा 338 लोग राजस्थान के है। उसक बाद कर्नाटक 239 और उत्तर प्रदेश 236 का नंबर आता है। जिन लोगों की मौत हुई हैए उनमें से सत्तर फीसदी की उम्र बीस से पचास साल के बीच है।

भांग ए अफीम और गांजे ने कर दिया राजस्थान को बदनाम
हाल ही में एनसीआरबी ने रिकाॅर्ड जारी किए हैं। साल 2020 में नशा पिछले सालों की तुलना में बढ़ा है। पिछले साल अधिकतर समय लाॅकडाउन में गुजरा उसके बाद भी देश में पकड़ी गई 13 लाख 70 हजार किलो प्रतिबंधित दवाएं और ड्रग पकडी गई है। तीन लाख किलो अफीम युक्त नशा पकडा गया देश भर में जिनमें माॅरफिन, हेरोईन और पाॅपी हस्क जैसी ड्रग शामिल हैं। आठ लाख 50 हजार किलो से ज्यादा भांग युक्त नशा बरामद किया गया है जिसमें गांजा, भांग, सुल्फ, हशीश और चरस शामिल हैं। इनके साथ ही पांच हजार तीन सौ किलो से ज्यादा फिजियोएक्टिव ड्रग भी बरामद की गई हैं जो दिमाग पर सीधे करते हैं असर और अवेचतन मन पर काबू करते हैंए इनमें केटोमाइन, मेटापेटोमाइन समेत अन्य ड्रग शामिल हैं। 82 हजार किलो से ज्यादा मेडिसिनल दवाएं और इंजेक्शन भी बरामद कि गए हैं जो दवा की पर्ची के बिना मिलना मुश्किल हैं। ये बरामदगी तो पूरे देश की है लेकिन इनमें तीन राज्यों का बड़ा योगदान हैे। इनमें राजस्थान, उत्तर प्रदेश और एमपी का नंबर है। राजस्थान और उत्तर प्रदेश से सबसे ज्यादा गांजे, अफीम और डोडा की तस्करी होती है। साथ ही पाकिस्तान के रास्ते राजस्थान और अन्य राज्यों में हेरोईन का जाल भी बिछाया जाता है। इसी साल गंगानगर, बीकानेर, बाडमेर से हेरोईन बरामद करने के दस से ज्यादा केस सामने आ चुके हैं। यूपी, एमपी और राजस्थान में अफीम की खेती के लिए करीब पचास हजार से ज्यादा लाइसेंस जारी किए गए हैं और इसके अलावा करीब एक लाख से ज्यादा जगहों पर अवैध तरीके से इसकी खेती की जाती है।

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