Health

पशुओं को बनाना है हेल्दी और सुंदर तो इस तरह से करें खास तेल का इस्तेमाल

Telangana: आज के समय में आवश्यक सामग्रियों में मिलावट दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है. ऐसा अक्सर सुनने को मिलता है कि इसमें ज्यादा मिलावट की जाती है, खासकर खाना पकाने में इस्तेमाल होने वाले तेल में. मिलावटी तेल का इस्तेमाल करने वाले अस्पताल में भर्ती हैं. इस संदर्भ में, नलगोंडा जिले के रामुलाबंदा के बोब्बिली जनार्दन उत्तम स्वास्थ्य के उद्देश्य से कट्टे गनुगा तेल बना रहे हैं, जिसे बैलों द्वारा चलाया जाता है.

कैसे बनाएं अरंडी का तेल?मजदूरों का कहना है कि वे इस गनुगा तेल के लिए रंगारेड्डी, हैदराबाद और नलगोंडा जिलों के विभिन्न गांवों से यहां आते हैं. इसी तरह, ग्राहकों का कहना है कि इसकी कीमत 420 रुपये प्रति लीटर है और जिन लोगों ने गनुगा तेल का इस्तेमाल किया है वे बहुत स्वस्थ हैं. अधिक दूध पैदा करने के लिए चरखी से निकाला गया अपशिष्ट तेल भैंसों को खिलाया जाता है. पशुचिकित्सकों ने भी बताया कि ये काफी पौष्टिक होते हैं. बोब्बाली जनार्दन गनुगा तेल बनाने के लिए उड़ीसा से मजदूर लाते हैं.

हर रोज सैंकड़ों लीटर तेल किया जाता है तैयारइस मौके पर कई खरीदारों ने कहा कि गनुगा तेल का उपयोग स्वास्थ्य के लिए काफी अच्छा है. वर्तमान समय में बाजार में सारा मिलावटी तेल तैयार किया जाता है. ठीक उसी तरह यहां गनुगा तेल भी बिना किसी मिलावट के बनाया जाता है. उन्होंने कहा कि गनुगा तेल बनाने से प्राप्त पिपी मवेशियों के लिए अच्छा है. ऐसा कहा जाता है कि जिन मवेशियों ने इन्हें खा लिया है वे और अधिक चरेंगे. उसी प्रकार मवेशी भी बहुत ताकतवर और स्वस्थ होते हैं. लगभग हर दिन इसे एक डिब्बे में पैक करके ऑर्डर पर दूसरी जगहों पर सप्लाई किया जाता है. यहां आने वाले ग्राहक हैदराबाद और रंगारेड्डी जैसे दूर-दराज इलाकों से आते हैं. प्रतिदिन लगभग सैकड़ों लीटर गनुगा तेल तैयार किया जा रहा है.

FIRST PUBLISHED : August 25, 2024, 12:51 IST

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