India-China Relation: पीएम मोदी ने ASEAN + QUAD के दिए संकेत, अगर ऐसा हुआ तो बुरी तरह घिरेगा चीन – prime minister narendra modi indicates ASEAN plus QUAD bad news for china eas laos summit
नई दिल्ली/विएंतिएन (लाओस). प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत अंतरराष्ट्रीय फोरम पर लगातार अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करा रहा है. पीएम मोदी की कूटनीति का लोहा पूरी दुनिया मानने लगी है. रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध खत्म कराने में पीएम मोदी के प्रयासों की हर तरफ तारीफ हो रही है. इसके साथ ही वह देश के हित के लिए किसी से भी आंखें मिलाने में जरा भी नहीं हिचकिचाते हैं. पीएम मोदी ASEAN और EAS के शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए लाओस की राजधानी विएंतिएन में थे. लाओस के पड़ोस में चीन स्थित है. पीएम मोदी ने उसी लाओस में जाकर चीन को घेरने का आधार तैयार कर आए. उन्होंने आसियान और पूर्वी एशियाई देशों के संगठन ईएएस के मंच से ASEAN और QUAD के बीच सहयोग बढ़ाने की बात की है. उन्होंने इंडो-पैसिफिक रीजन में नया सिस्टम तैयार करने का आह्वान कर दिया.
इंडो-पैसिफिक और इंडियन ओशन क्षेत्र में चीन की बढ़ती गतिविधियों को देखते हुए उसपर लगाम लगाने के लिए QUAD का गठन किया गया है. QUAD का पूरा नाम क्वाड्रीलेटरल सिक्योरिटी डायलॉग है. इस ग्रुपिंग में भारत के साथ ही अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान शामिल है. QUAD का गठन चीन के बढ़ते हस्तक्षेप को काउंटर करने के लिए किया गया है. बीजिंग इसका पुरजोर तरीके से विरोध करता रहा है. इसके मेंबर कंट्री सुरक्षा से जुड़ी सूचनाओं का आदान-प्रदान करते हैं, ताकि रियल टाइम पर चीन की गतिविधियों का पता चल सके और उसका माकूल जावाब दिया जा सके.
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पड़ोस से चीन पर नकेल कसने की प्लानिंगपीएम मोदी ने EAS की बैठक में शिरकते करते हुए आसियान और QUAD के बीच सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया. विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक, ईस्ट एशिया समिट में भारत की भागीदारी नई दिल्ली के लुक ईस्ट की पॉलिसी को दिखाता है. यह एक मजबूत पिलर है. बता दें कि पूर्वी एशिया के कई देशों का चीन के साथ मैरीटाइम बॉर्डर को लेकर विवाद चल रहा है. चीन आर्थिक और सैन्य ताकत के दम पर इंडो-पैसिफिक रीजन के कई हिस्सों में अपना दावा ठोकता है. जापान, वियतनाम, फिलीपींस जैसे देशों के साथ बीजिंग का विवाद किसी से छुपा नहीं है. ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आसियान और QUAD के बीच सहयोग बढ़ाने पर जोर देना स्ट्रैटजिक तौर पर काफी अहम है.
भारत-चीन संबंधचीन की ओर से अक्सर ही उकसावे वाली कार्रवाई की जाती रही है. फिर चाहे वह अरुणाचल प्रदेश हो या फिर चीन का BRI-CPEC प्रोजेक्ट. इसके अलावा चीन हिन्द महासागर में भी कई ऐसी गतिविधियों को अंजाम दे चुका है, जिससे पड़ोसी देश पर विश्वास करना काफी मुश्किल है. इंडियन ओशन में कई बार चीन के एयरक्राफ्ट और पनडुब्बियों को देखा जा चुका है. चीन का कहना है कि वह फ्री नेविगेशन पॉलिसी के तहत रिसर्च के लिए समुद्री क्षेत्रों में भ्रमण करता रहता है. चौंकाने वाली बात यह है कि चीन की ओर से इसकी जानकारी किसी भी देश को नहीं दी जाती है. अब पीएम मोदी की अगुआई में भारत ने भी चीन को घेरने की कोशिशें तेज कर दी हैं.
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FIRST PUBLISHED : October 11, 2024, 23:50 IST