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India Mongolia Coal News: Why India Will Import Mongolian Coal via Russia and Not China | Modi Strategic Energy Move- मंगोलिया के रास्ते कोकिंग कोयला क्यों मंगाना चाह रहा है भारत

Last Updated:October 15, 2025, 11:37 IST

India Mongolia Coal: भारत अब मंगोलिया से कोकिंग कोयला रूस के रास्ते मंगाने की तैयारी में है. चीन के रास्ते पर भरोसा न करते हुए मोदी सरकार ने रूस के व्लादिवोस्तोक पोर्ट को विकल्प बनाया है. भारत चाहता है कि उसकी ऊर्जा आपूर्ति चीन पर निर्भर न रहे.मंगोलिया का कोयला रूस के रास्ते क्यों मंगाएगा भारत? चीन को नहीं देगा भाव

भारत ने मंगलवार को मंगोलिया के साथ कई अहम समझौते किए, जिनमें तेल रिफाइनरी प्रोजेक्ट में फंडिंग, मंगोलियाई सैनिकों को प्रशिक्षण, मुफ्त ई-वीजा, और लद्दाख व मंगोलिया के एक प्रांत के बीच सांस्कृतिक साझेदारी शामिल है. लेकिन इन सबके बीच सबसे रणनीतिक फैसला यह रहा कि भारत अब मंगोलिया से कोकिंग कोयला (Coking Coal) मंगाने की योजना बना रहा है. लेकिन इस पूरे व्यापार का रास्ता सबसे खास है. भारत कोयला मंगोलिया से यह कोयला चीन के नहीं बल्कि रूस के रास्ते मंगाएगा. हालांकि भारत का विदेश मंत्रालय मंगोलियाई कोयले के आयात हेतु एक नया व्यापार गलियारा स्थापित करने के लिए रूस और मंगोलिया के साथ चर्चा कर रहा है.

भारत का विदेश मंत्रालय मंगोलियाई कोयले के आयात हेतु एक नया व्यापार गलियारा स्थापित करने के लिए रूस और मंगोलिया के साथ रणनीतिक चर्चा कर रहा है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक विदेश मंत्रालय के सचिव (पूर्व दिशा) पी. कुमारण ने बताया कि मंगोलिया कोकिंग कोयले के विशाल भंडार वाला देश है, लेकिन वह लैंडलॉक्ड है, यानी उसके पास कोई समुद्री बंदरगाह नहीं है. फिलहाल उसका ज्यादातर कोयला चीन के बंदरगाहों से बाहर भेजा जाता है.रूस से कैसे भारत पहुंचेगा कोयला?

उन्होंने कहा, ‘अगर भारत को मंगोलिया से कोयला लेना है, तो या तो वो चीन के तियानजिन बंदरगाह से आएगा या फिर रूस के व्लादिवोस्तोक पोर्ट से. दोनों विकल्पों पर बात चल रही है.’ हालांकि भारत रणनीतिक कारणों से चीन के रास्ते को प्राथमिकता नहीं देगा. लद्दाख सीमा विवाद के बाद भारत नहीं चाहता कि उसकी ऊर्जा आपूर्ति चीन पर निर्भर रहे. इसी वजह से भारत चाहता है कि वह रूस के रास्ते कोयला मंगाए. हालांकि यह मार्ग महंगा और लंबा भी होगा.

अगर रूस से कोयला लाया गया तो इस योजना के तहत मंगोलिया से कोयला ट्रांस-साइबेरियन रेलवे के जरिए रूस के व्लादिवोस्तोक बंदरगाह तक पहुंचाया जाएगा. वहां से जहाजों के जरिए भारत के पूर्वी तट तक भेजा जाएगा.

मंगोलिया से कोयला क्यों खरीदना चाहता है भारत?

भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा कच्चा इस्पात (Crude Steel) उत्पादक देश है. भारत की इस्पात कंपनियां हर साल लगभग 70 मिलियन टन कोकिंग कोयला इस्तेमाल करती हैं, जिसमें से 85% आयात होता है. कोकिंग कोयला एक हाई क्लास और कम अशुद्धता वाला कोयला है जो बिना हवा के गर्म करने पर कोक नाम ठोस और छिद्रयुक्त पदार्थ में बदल जाता है. अब तक भारत में इसका आधे से ज्यादा हिस्सा ऑस्ट्रेलिया से आता रहा है, लेकिन हाल में ऑस्ट्रेलियाई आपूर्ति में रुकावटों के बाद भारत विकल्प तलाश रहा है. 2024 में आई एक रिपोर्ट में एक अधिकारी ने कहा, ‘मंगोलिया का कोयला ऑस्ट्रेलियाई कोयले से लगभग 50 डॉलर प्रति टन सस्ता है, और गुणवत्ता भी बेहतर है. बस चुनौती परिवहन की है.’

Yogendra Mishra

योगेंद्र मिश्र ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से जर्नलिज्म में ग्रेजुएशन किया है. 2017 से वह मीडिया में जुड़े हुए हैं. न्यूज नेशन, टीवी 9 भारतवर्ष और नवभारत टाइम्स में अपनी सेवाएं देने के बाद अब हिंदी के इंटरने…और पढ़ें

योगेंद्र मिश्र ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से जर्नलिज्म में ग्रेजुएशन किया है. 2017 से वह मीडिया में जुड़े हुए हैं. न्यूज नेशन, टीवी 9 भारतवर्ष और नवभारत टाइम्स में अपनी सेवाएं देने के बाद अब हिंदी के इंटरने… और पढ़ें

First Published :

October 15, 2025, 11:32 IST

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मंगोलिया का कोयला रूस के रास्ते क्यों मंगाएगा भारत? चीन को नहीं देगा भाव

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