India Necklace of Diamonds Strategy | India 10 Bases Dominate Indian Ocean | Malacca Strait to East Africa | Tri-Services ANC | North Agalega Radar | Duqm Logistics | INS Jatayu | INS Vajrakosh | Dukkam Port | भारत की नेकलेस ऑफ डायमंड रणनीति

भारत के पास दुनिया की चौथी सबसे पावरफुल सेना है. इस सेना को ताकत सिर्फ हथियारों से नहीं मिलती बल्कि जांबाजी और रणनीति भारतीय सेना की ताकत को टॉप पर पहुंचा देती है. ऐसी ही रणनीतियों में से एक ‘हीरों की माला’ (Necklace of Diamonds) है, जो असल में चीन की ‘स्ट्रिंग ऑफ पर्ल्स’ (String of Pearls) चाल का एक मुंहतोड़ जवाब है. भारत ने इस रणनीति के तहत समुंदर 10 खौफनाक किले खड़े कर दिए हैं. जिसके दम पर भारत चाहे तो चीन की पनडुब्बियों से लेकर जहाज तक सब चुटकियों में डुबा सकता है.
भारत ने हिंद महासागर पर धाक जमाने के लिए सेशेल्स, मॉरीशस और ओमान जैसे देशों में अपने ये किले खड़े किए हैं, जो देश के रक्षक की तरह समुद्री डकैतों को देखते ही गोली मारने के तैयार रहते हैं. इसके अलावा इन किलों के जरिए समुंदर के अंदर होने वाली गतिविधियों पर भी नजर रखी जाती है.
ट्राई-सर्विस थिएटर कमांड
पूर्वी हिंद महासागर का पहला अभेद्य किला ‘अंडमान और निकोबार द्वीप समूह’ में है. यहां अंडमान और निकोबार कमांड (ANC) मौजूद है, जो भारत की इकलौती ऐसी ट्राई-सर्विस थिएटर कमांड है. इसके जरिए जो जमीन, हवा और पानी के दुश्मन को एक साथ कंट्रोल किया जाता है. ये द्वीप, सिक्स-डिग्री चैनल और स्ट्रेट ऑफ मलक्का जैसी विश्व की सबसे व्यस्त और महत्वपूर्ण समुद्री-गलियों के ठीक पास हैं, जहां से दुनिया का एक बड़ा हिस्सा गुजरता है! इस लोकेशन के दम पर, ANC भारत को यह अद्भुत शक्ति देता है कि वह हिंद और प्रशांत महासागर के बीच होने वाले हर शिपिंग ट्रैफिक पर नजर रख सके और, जरूरत पड़ने पर, उसे अपने इशारों पर नचा सके.
नॉर्थ अगालेगा द्वीप (मॉरीशस)
भारत ने मॉरीशस के एक द्वीप पर रडार और भयंकर निगरानी वाला बुनियादी ढांचा स्थापित किया है, जो खतरनाक मास्टरस्ट्रोक है, इसे भारतीय नौसेना का दूसरा किला माना जाता है, और यह भारत की ‘नेकलेस ऑफ डायमंड्स’ रणनीति को विस्फोटक ताकत देता है. यह अड्डा भारत मध्य हिंद महासागर में जहाजों की गतिविधियों की दूर तक निगरानी करने की शक्ति को कई गुना बढ़ा देता है, इसके साथ ही पूर्वी अफ्रीका और पश्चिमी हिंद महासागर के समुद्री मार्गों पर भारत को प्रभुत्व देता है.
अजम्प्शन द्वीप (सेशेल्स)
भारत ने सेशेल्स के अजम्प्शन द्वीप पर भयावह किला खड़ा किया है! भारत और सेशेल्स की साझेदारी में बनी इस जगह पर भारतीय-विकसित रडार और लॉजिस्टिक्स सुविधाएं मौजूद हैं, जो हिंद महासागर में सीक्रेट जासूसी का काम करती है. मध्य पश्चिमी हिंद महासागर में स्थित इस किले के जरिए भारत को आसपास के देशों की सीमाओं तक पहुंच मिलती है.
दुक्म पोर्ट (ओमान)
भारत ने ओमान में दुक्म पोर्ट को किले के तौर पर खड़ा किया है, जिससे भारतीय नौसेना को पश्चिमी हिंद महासागर और खाड़ी क्षेत्र में गजब की ताकत मिलती है. दुक्म के जरिए भारत, हॉर्न ऑफ अफ्रीका और ओमान की खाड़ी की ओर फैले समुद्री व्यापार मार्गों को सुरक्षित कर सकता है.
मिनिकॉय (INS जटायु) – लक्षद्वीप द्वीप समूह
भारत ने लक्षद्वीप के मिनिकॉय द्वीप पर आईएनएस जटायु नाम से नौसैनिक अड्डा बनवाया है. जो अरब सागर और हिंद महासागर के पश्चिमी प्रवेश द्वारों पर अपनी कवरेज को मजबूत करता है. एक शॉकिंग रिपोर्ट के अनुसार, यह अल्ट्रा-मॉडर्न अड्डा, समुद्री डकैती और ड्रग्स तस्करी के खिलाफ अभियानों में भारत की ताकत बढ़ाता है. इसके जरिए भारत को समुद्री संचार लाइनों (SLOCs) और क्षेत्र में उभर रहे हर खतरे की सीक्रेट निगरानी करने में मदद मिलती है और पश्चिमी महासागर में भारत की बादशाहत कायम है.
INS Vajrakosh
कारवार में पश्चिमी तट पर स्थित INS Vajrakosh (वज्रकोश) भारतीय नौसेना के लिए मिसाइल और गोला-बारूद से लैस अड्डा है. जहां से अरब सागर में आक्रामक और रक्षात्मक अभियानों को अंजाम दिया जाता है.
पोरबंदर (INS सरदार पटेल)
गुजरात में INS सरदार पटेल को कमीशन करके भारत ने अरब सागर और कच्छ की खाड़ी के सामने पश्चिमी तट पर अपनी लोहे जैसी पकड़ को मजबूत कर लिया है. यह कोई सामान्य अड्डा नहीं, बल्कि एक ताकतवर बेस है जो जहाजों, पनडुब्बियों और समुद्री विमानों के संचालन की निगरानी करता है. इस अड्डे की लोकेशन भारत को अरब सागर से गुजरने वाले हर शिपिंग पर नजर रखने की ताकत देती है, और सबसे बड़ी बात ये भी है कि यह कच्चे तेल आयात मार्गों का भी रक्षक बनकर खड़ा रहता है.
विशाखापत्तनम (पूर्वी नौसेना कमान)
विशाखापत्तनम सिर्फ एक बंदरगाह नहीं, बल्कि पूर्वी नौसेना कमान (Electronic Navigational Chart) का ठिकाना और भारत का सबसे बड़ा पूर्वी तट नौसैनिक केंद्र है, जो बंगाल की खाड़ी और अंडमान सागर में भारत की पूरी पूर्वी समुद्री सीमा पर बाज की नजर बनाए रखता है. यह भारत को अड्डा पूर्वी हिंद महासागर में सीधे ऑपरेशन चलाने की ताकत देता है.
कवरत्ती (INS द्वीप रक्षक) – लक्षद्वीप द्वीप समूह
भारत ने कवरत्ती में अपना नौसैनिक अड्डा स्थापित करके लक्षद्वीप द्वीपसमूह में अपनी पकड़ मबूत कर ली है. इसके जरिए अरब सागर और दुनिया के प्रमुख शिपिंग मार्गों पर भारत को प्रभुत्व हासिल करने में मदद मिलती है. ये भारत के लिए जासूसी पॉइंट की तरह भी काम कर सकता है.
INS जटायु
भारत का ये खतरनाक बेस, देश की समुद्री सीमाओं के दक्षिणी छोर की निगरानी करता है. यहां से जहाजी ऑपरेशन सीधे हिंद महासागर, अरब सागर, मालदीव और क्षेत्र के अन्य महत्वपूर्ण समुद्री मार्गों तक कनेक्टिविटी मिल जाती है. इसे भारत को डबल-पावर (हवाई और समुद्री) देने वाला सीक्रेट अड्डा माना जाता है, जो हिंद महासागर क्षेत्र में भारत को दुश्मन की हर हरकत पर सीधी नजर रखने की सुविधा देता है.



