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भारत-पाकिस्तान सीजफायर: परमाणु धमकी से अमेरिका पर दबाव बनाने की कोशिश

भारत और पाकिस्तान के बीच लड़ाई अब रुक चुकी है. दोनों देश सीजफायर पर सहमत हो गए हैं, जिसके बाद अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा यानी LoC पर अब शांति है. हालांकि इस बीच पाकिस्तान को लेकर एक चौंकाने वाली सच्चाई सामने आई है. CNN- को शीर्ष खुफिया सूत्रों से पता चला है कि, पाकिस्तान ने परमाणु युद्ध की धमकी देकर अमेरिका को दबाव में लाने की कोशिश की. इसी तनाव के बीच अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर को कॉल किया और सीजफायर पर बातचीत तेज हुई.

भारत ने जब ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान के कई सैन्य और आतंकी ठिकानों को सटीक निशाना बनाया, तो इस जवाबी कार्रवाई से पाकिस्तान में खलबली मच गई. इसके तुरंत बाद पाकिस्तान ने अपनी नेशनल कमांड अथॉरिटी (NCA) की आपात बैठक बुलाई. यही संस्था देश के परमाणु हथियारों की जिम्मेदारी संभालती है.

‘अगर नहीं रुके तो दबा देंगे परमाणु बटन’

इस बीच पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने अमेरिकी सीनेटर मार्को रुबियो को साफ शब्दों में कह दिया कि अगर हालात नहीं संभले, तो ‘हम परमाणु बटन दबा देंगे.’ यह धमकी कोई सामान्य बयान नहीं था, बल्कि एक सुनियोजित रणनीति का हिस्सा थी जिससे अमेरिका को युद्धविराम के लिए हस्तक्षेप करने पर मजबूर किया गया.

पाक अधिकारी का कबूलनामा: ‘हां, हमने अमेरिका को धमकाया’

इस पूरे घटनाक्रम का सबसे चौंकाने वाला पहलू तब सामने आया जब एक वरिष्ठ पाकिस्तानी सैन्य अधिकारी ने पत्रकारों से साफ कहा, ‘हां, हमने अमेरिका को धमकाया कि अगर उन्होंने युद्ध नहीं रुकवाया तो हम बटन दबा देंगे.’

पाकिस्तानी अधिकारी ने यह भी दावा किया कि पाकिस्तान ने जोखिम का मूल्यांकन किया और फिर यह कदम उठाया. उन्होंने यह भी कहा कि ‘दो परमाणु देशों के बीच युद्ध की कोई गुंजाइश नहीं है. यह विनाश का फॉर्मूला है.’ यह बयान अब अंतरराष्ट्रीय रणनीतिक हलकों में गंभीर चिंता का विषय बन गया है.

अमेरिका ने देखा तबाही का खतरा, फिर घुमाया जयशंकर को फोन

इस धमकी के बाद अमेरिका को दक्षिण एशिया में परमाणु युद्ध की आशंका नजर आने लगी. पहले अमेरिकी राजनेताओं को यह टकराव सिर्फ एक स्थानीय विवाद लगता था, लेकिन पाकिस्तान के परमाणु संकेतों ने वॉशिंगटन को मजबूर कर दिया कि वह सक्रिय हो. इसी कड़ी में अमेरिकी विदेश मंत्री ने भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर को फोन किया, और कुछ ही घंटों में सीजफायर की औपचारिक घोषणा हो गई.

अब शेखी बघार रहा पाकिस्तान

पाकिस्तान अब इस पूरे घटनाक्रम को रणनीतिक संतुलन बनाने की ‘मिच्योर’ कोशिश कह रहा है. पाकिस्तानी अधिकारी का कहना है कि यह कोई लापरवाही नहीं थी, बल्कि युद्ध रोकने का एक कूटनीतिक हथियार था.

इस पूरे घटनाक्रम से साफ है कि पाकिस्तान ने सिर्फ मिसाइल या बम नहीं, बल्कि परमाणु खतरे का मनोवैज्ञानिक हथियार चलाया. यही धमकी अमेरिका के लिए खतरे की घंटी बन गई और वॉशिंगटन ने तुरंत सक्रिय होकर दिल्ली को संपर्क किया. अब सवाल यह है कि क्या अमेरिका भविष्य में पाकिस्तान की इन रणनीतियों का हिस्सा बनेगा या भारत अपनी सुरक्षा नीति को नए सिरे से सख्त करेगा.

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