National

India Pakistan War History: 100 टैंक लेकर पंजाब में घुसी PAK Army, भारत के पास नहीं थे आधुनिक हथियार, खेतों में ऐसा फंसाया, सब छोड़ छाड़ कर भागे पाकिस्तानी

Last Updated:May 03, 2025, 05:31 IST

India Pakistan 1965 War History: भारत और पाकिस्‍तान के बीच साल 1965 में पंजाब के खेमकरण सेक्टर में खूनी जंग हुई. इस दौरान एक तरफ पाकिस्‍तान की सेना बेहद मजबूत नजर आ रही थी। वहीं, भारत के पास संसाधनों की कमी थी….और पढ़ें100 टैंक लेकर घुसी PAK आर्मी, भारत ने खेतों में ऐसा फंसाया, सब छोड़छाड़ भाग गए

पाकिस्‍तान को भारत ने धूल चटाई. (File Photo)

हाइलाइट्स

भारत और पाकिस्‍तान के बीच पंजाब के खेमकरण में युद्ध हुआ.पाकिस्‍तान की सेना आधुनिक पैटर्न टैंक के बावजूद भी हार गई.भारत की छोटी सी चतुराई के आगे पाक सेना फिस्‍स हो गई.

India Pakistan 1965 War History: भारत और पाकिस्‍तान के बीच पहलगाम आतंकी हमले के बाद तनाव अपने चरम पर है. दोनों देशों के बीच ऐसा कोई पहली बार नहीं हुआ है. इससे पहले दोनों देशों के बीच कई युद्ध लड़े जा चुके हैं. चलिए आज हम आपको पंजाब के खेमकरण सेक्टर में भारत पाकिस्‍तान के बीच 1965 में हुए उस वीर गाथा के बारे में बताते हैं, जिसके बारे में शायद ही आपको पता हो. तब अमेरिका में बने 100 से ज्‍यादा आधुनिक पैटर्न टैंक लेकर आई पाकिस्‍तान की सेना को कम संसाधनों के बावजूद केवल चतुराई के दम पर भारत ने धूल चटा दी थी. दरअसल, हुआ कुछ यूं कि 1965 के युद्ध में पाकिस्तान ने कश्‍मीर को हथियारने के लिए “ऑपरेशन ग्रैंड स्लैम” के तहत जम्मू-कश्मीर के अखनूर पर कब्जा करने की योजना बनाई थी.

भारत ने क्‍यों जानबूझकर खुद को दिखाया कमजोर?इसके बाद पाकिस्तान ने पंजाब के खेमकरण सेक्टर में बड़े पैमाने पर हमला किया. इस हमले में आधुनिक अमेरिकी पैटन टैंक इस्‍तेमाल किए गए. पाकिस्तान का इरादा पहले अमृतसर और आगे जालंधर तक बढ़ने का था. सेना की चौथी माउंटेन डिवीजन को उन्‍हें रोकने की जिम्‍मेदारी दी गई. मेजर जनरल गुरबख्श सिंह भारतीय सेना की इस टुकड़ी का नेतृत्‍व कर रहे थे. अमेरिका में बने आधुनिक टैंक के साथ पाकिस्‍तानी आर्मी पूरे कॉन्फिडेंस में भारतीय क्षेत्र में आगे घुस रही थी. भारत ने भी जानबूझ कर खुद को कमजोर दिखाया और उन्‍हें रोकने की कोशिश तक नहीं की. खेमकरण सेक्टर में भारत की रक्षा की मजबूत तैयारी की.

गन्‍ने के खेत वाली रणनीति में फंसा पाकिस्‍तानइस क्षेत्र में गन्ने के खेत और सिंचाई नहरों से घिरा एक दलदली इलाका था, जिसे “भैनी ढिल्लन का दलदल” भी कहा जाता है. भारतीय कमांडरों ने इस भौगोलिक स्थिति का चतुराई से उपयोग किया. पाकिस्‍तान सेना को लग रहा था कि पंजाब में भारत ने पहले ही घुटने टेक दिए हैं. जैसे ही पाकिस्तानी टैंक गन्ने के खेतों और दलदली क्षेत्र में घुसे, वे कीचड़ में फंसने लगे. इन टैंकों को निकलना मुश्किल हो गया, जिससे वे आसान निशाना बन गए. भारत ने उन्‍हें घेर लिया. भारतीय इंजीनियरों ने पुराने सिंचाई रिकॉर्ड्स का अध्ययन कर यह अनुमान लगाया कि क्षेत्र में पानी भरने में केवल आठ घंटे लगेंगे. उन्होंने नहरों से पानी छोड़कर दलदल को और गहरा कर दिया, जिससे पाकिस्तानी टैंकों की मुश्किलें बढ़ गईं.

दलदल में फंसे टैंकों को चुनचुनकर माराएक बार जब पाकिस्‍तानी टैंप दलदल में फंस गए फिर चुन-चुन कर 100 टैंकों को ध्‍वस्‍त कर दिया गया. पाक सेना इन टैंक को छोड़क दुमदबाकर भागने को मजबूर हो गई. इस लड़ाई में कंपनी क्वार्टर मास्टर हवलदार अब्दुल हमीद ने असाधारण वीरता दिखाई. वो एक जीप-माउंटेड रिकॉइललेस राइफल (106mm) के साथ तैनात थे. अब्दुल हमीद ने अकेले ही सात पाकिस्तानी पैटन टैंकों को नष्ट किया. वो दुश्मन के गोलों से घायल होने के बावजूद आखिरी सांस तक लड़ते रहे. उनकी वीरता के लिए उन्हें मरणोपरांत भारत का सर्वोच्च सैन्य सम्मान परमवीर चक्र प्रदान किया गया. दलदली इलाके का चतुराई से उपयोग, अब्दुल हमीद जैसे वीरों का पराक्रम, और सामूहिक दृढ़ता ने पाकिस्तान के आधुनिक टैंकों को धूल चटा दी. इस जीत ने न केवल 1965 के युद्ध में भारत की स्थिति को मजबूत किया, बल्कि इसे भारतीय सैन्य इतिहास में एक गौरवशाली अध्याय के रूप में दर्ज किया.

homenation

100 टैंक लेकर घुसी PAK आर्मी, भारत ने खेतों में ऐसा फंसाया, सब छोड़छाड़ भाग गए

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj