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India Russia SU-57 Deal | India Russia Defence Deal- भारत ले रहा दुनिया का सबसे ‘अजेय’ फाइटर जेट! Su-57 की डील फाइनल, गर्जना सुना कांप उठेगा पाकिस्तान

Last Updated:October 27, 2025, 03:31 IST

India Russia SU-57 Deal: भारत-रूस Su-57 डील लगभग फाइनल हो गई है. इस डील के बाद 84 स्टील्थ फाइटर जेट्स में भारत को मिलेगी स्टील्थ और ताकत की नई परिभाषा. इस डील से पाकिस्तान और चीन के लिए कड़ा संदेश मेलेगा साथ ही IAF को मिलेगी नई उड़ान.भारत ले रहा दुनिया का सबसे 'अजेय' फाइटर जेट! Su-57 की डील डन, कांपेगा PAKभारत और रूस के बीच 84 Su-57 स्टील्थ फाइटर जेट्स की डील लगभग फाइनल. (फोटो Reuters)

India Russia SU-57 Deal: भारत और रूस के बीच रक्षा सहयोग एक बार फिर चर्चा में है. सात साल पहले जिसे भारत ने “तकनीकी सीमाओं” के कारण ठुकरा दिया था, वही रूसी लड़ाकू विमान Su-57 अब भारत की एयर फोर्स की जरूरत बनता दिख रहा है. रूस ने भारत को 84 Su-57 स्टील्थ फाइटर जेट्स की पेशकश की है, और सूत्रों के मुताबिक इस डील पर बातचीत लगभग फाइनल स्टेज में पहुंच चुकी है.

इन विमानों की पहली दो स्क्वाड्रन रूस से सीधे भारत को मिलेंगी, जबकि बाकी तीन से पांच स्क्वाड्रन का निर्माण हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा भारत में किया जाएगा. रूस ने इसमें भारतीय हथियारों जैसे अस्ट्रा मिसाइल और रुद्रम सीरीज को एकीकृत करने की भी पेशकश की है. ये प्रस्ताव भारत के लिए रणनीतिक रूप से बड़ा कदम साबित हो सकता है, खासकर तब जब MiG-21 विमानों की रिटायरमेंट और AMCA प्रोजेक्ट की देरी के बीच IAF की स्क्वाड्रन ताकत पर दबाव है.

84 Su-57 की पेशकश, भारत में होगा असेंबली प्लानरिपोर्ट्स के मुताबिक रूस ने भारत को Su-57 की कुल 84 यूनिट्स का पैकेज ऑफर किया है. इनमे से शुरुआती दो स्क्वाड्रन रूस से सीधे सप्लाई की जाएंगी, और बाकी का निर्माण भारत में HAL के सहयोग से होगा. इस मॉडल से भारत को “Make in India” के तहत स्थानीय प्रोडक्शन का अनुभव मिलेगा. रूस ने यह भी साफ किया है कि वह भारतीय टेक्नोलॉजी और मिसाइल सिस्टम को अपने प्लेटफॉर्म में शामिल करने को तैयार है जो भारत की सॉवरेन डिफेंस पॉलिसी के लिए अहम है.

AMCA प्रोजेक्ट की देरी के बीच IAF को मिलेगी नई ताकत. (फोटो Reuters)

Su-57: स्टील्थ, स्पीड और स्ट्राइक का कॉम्बोSu-57 रूस का 5th Generation स्टील्थ फाइटर है, जिसे दुश्मन के रडार से छिपकर हमला करने के लिए डिजाइन किया गया है. इसका इंटरनल वेपन बे (internal weapons bay) इसकी असली ताकत है, जो रडार सिग्नेचर को कम करता है. हालांकि इस प्रोजेक्ट को सालों की देरी, फंडिंग की कमी और 2019 में प्रोटोटाइप क्रैश जैसे झटके झेलने पड़े. लेकिन हालिया अपडेट्स और टेस्ट उड़ानों ने इसे फिर सुर्खियों में ला दिया है.

क्यों जरूरी है भारत के लिए ये डीलभारतीय वायुसेना के पास इस वक्त करीब 30 स्क्वाड्रन हैं, जबकि उसे न्यूनतम 42 स्क्वाड्रन की जरूरत मानी जाती है. पुराने MiG-21s की रिटायरमेंट के बाद यह गैप और बढ़ गया है. ऐसे में Su-57 को “स्टॉपगैप” समाधान के रूप में देखा जा रहा है. यानी जब तक भारत का AMCA (Advanced Medium Combat Aircraft) प्रोजेक्ट पूरी तरह तैयार नहीं होता. रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि रूस से यह डील भारत को तात्कालिक ताकत देगी, लेकिन साथ ही AMCA के स्वदेशी विकास में निवेश भी जारी रहना चाहिए.

ग्लोबल परिप्रेक्ष्य और रणनीतिक संदेश
अल्जीरिया, ईरान जैसे देशों के बाद अगर भारत भी Su-57 का ऑर्डर फाइनल करता है, तो यह रूस के लिए रणनीतिक और आर्थिक दोनों दृष्टियों से बड़ी जीत होगी. वहीं, भारत के लिए यह पाकिस्तान और चीन दोनों के लिए “संदेश” होगा कि भारतीय वायुसेना किसी भी स्थिति के लिए तैयार है.
Sumit Kumar

Sumit Kumar is working as Senior Sub Editor in Hindi. He has been associated with the Central Desk team here for the last 3 years. He has a Master’s degree in Journalism. Before working in Hindi, …और पढ़ें

Sumit Kumar is working as Senior Sub Editor in Hindi. He has been associated with the Central Desk team here for the last 3 years. He has a Master’s degree in Journalism. Before working in Hindi, … और पढ़ें

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October 27, 2025, 03:31 IST

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