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Indian Air Force ranking | China PLAAF- भारत Vs चीन: 1716 फाइटर जेट वाली इंडियन एयरफोर्स ने 3733 वाले PLAAF को कैसे पछाड़ा? WDMMA रैंकिंग का चौंकाने वाला सच

Last Updated:October 18, 2025, 19:17 IST

Indian China Airforce: भारतीय वायुसेना ने चीन की PLAAF को पछाड़ते हुए दुनिया की तीसरी सबसे ताकतवर एयरफोर्स का दर्जा पाया. WDMMA रैंकिंग में भारत क्वालिटी, ट्रेनिंग और टेक्नोलॉजी के दम पर आगे निकला.

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भारत बनाम चीन: 1716 जेट्स वाली IAF ने 3733 वाले PLAAF को कैसे पछाड़ा?WDMMA 2025 की रिपोर्ट में भारतीय वायुसेना ने चीन की PLAAF को पीछे छोड़ा. (फाइल फोटो PTI/AP)

नई दिल्ली: एशिया की शक्ति-संतुलन की तस्वीर अब बदल चुकी है. वर्ल्ड डायरेक्ट्री ऑफ मॉडर्न मिलिट्री एयरक्राफ्ट (WDMMA) की नई रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय वायुसेना (IAF) ने चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी एयरफोर्स (PLAAF) को पछाड़ते हुए दुनिया की तीसरी सबसे ताकतवर एयरफोर्स का दर्जा हासिल कर लिया है. यह उपलब्धि सिर्फ संख्या के आधार पर नहीं, बल्कि क्वालिटी, टेक्नोलॉजी, ट्रेनिंग और रेडीनेस के मामले में भारत की बढ़त को दर्शाती है.

भारत की यह छलांग ऐसे वक्त में आई है जब एशिया में तनाव बढ़ा हुआ है और भारत ने हाल ही में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जरिए अपनी एयर डॉमिनेंस का प्रदर्शन किया था. इस चार दिन चले ऑपरेशन में भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान-ऑक्यूपाइड कश्मीर में कई अहम ठिकानों पर सटीक हमले किए. यह दिखाता है कि अब भारत सिर्फ संख्या नहीं, बल्कि रणनीति और सटीकता से भी आसमान पर राज करने लगा है.

WDMMA रैंकिंग में भारत का जलवाWDMMA की रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका 242.9 TruVal स्कोर के साथ पहले, रूस 114.2 के साथ दूसरे स्थान पर है. भारत अब 69.4 अंकों के साथ तीसरे स्थान पर है, जबकि चीन 63.8 के स्कोर के साथ चौथे पायदान पर फिसल गया. जापान (58.1), इज़रायल (56.3) और फ्रांस (55.3) इसके बाद हैं.दिलचस्प बात यह है कि WDMMA सिर्फ फ्लीट साइज़ नहीं बल्कि ऑपरेशनल रेडीनेस, टेक्नोलॉजी बैलेंस, पायलट ट्रेनिंग और मिशन परफॉर्मेंस को भी ध्यान में रखता है.

क्वालिटी बनाम क्वांटिटी: भारत कैसे आगे निकला
कागजों पर चीन के पास 3733 फाइटर जेट हैं जबकि भारत के पास 1716. लेकिन WDMMA के ‘TruVal’ सिस्टम में यह मायने रखता है कि कौन-सी एयरफोर्स कितनी कुशल, तैयार और तकनीकी रूप से संतुलित है.
भारत ने पायलट ट्रेनिंग, फ्लेक्सिबल डिप्लॉयमेंट और क्विक मिशन एक्सिक्यूशन पर फोकस किया है. जबकि चीन अब भी भारी फ्लीट पर निर्भर है. भारत का एयरफ्लीट भी बैलेंस्ड है 31.6% फाइटर्स, 29% हेलिकॉप्टर्स और 21.8% ट्रेनर्स… जो हर स्थिति में ऑपरेशन को आसान बनाता है.

ऑपरेशन सिंदूर ने दिखाई भारतीय ताकतमई 2025 में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम हमले के बाद भारत ने जो जवाब दिया उसने पूरी दुनिया को चौंका दिया. चार दिन चले ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने पाकिस्तान और PoK में 100 से अधिक दुश्मन सैनिकों और 12 एयरक्राफ्ट को निशाना बनाया. चीन के बनाए J-10C जेट्स और HQ-9 मिसाइल सिस्टम भारत के प्रिसिजन स्ट्राइक्स को नहीं रोक सके. भारतीय मिसाइलों ने चीनी तकनीक पर आधारित एयर डिफेंस सिस्टम को भेद दिया. इससे साफ हुआ कि भारत की तकनीकी बढ़त अब सिर्फ नाम की नहीं, बल्कि जमीन पर असर डालने वाली है.

आधुनिकीकरण की उड़ान: भविष्य की तैयारीIAF के पास रफाल, सुखोई-30MKI, मिग-29 और स्वदेशी तेजस जैसे विमान हैं. अब टारगेट अगले दो दशकों में 600 से ज़्यादा नए विमान शामिल करने का है… LCA Mk1A, Mk2, मल्टी-रोल फाइटर और फिफ्थ-जेनरेशन AMCA. भारत अब नेटवर्क-सेंट्रिक वॉरफेयर और UAVs पर फोकस कर रहा है, ताकि आने वाले समय में किसी भी मोर्चे पर उसका आकाश पर दबदबा कायम रहे.

Sumit Kumar

Sumit Kumar is working as Senior Sub Editor in Hindi. He has been associated with the Central Desk team here for the last 3 years. He has a Master’s degree in Journalism. Before working in Hindi, …और पढ़ें

Sumit Kumar is working as Senior Sub Editor in Hindi. He has been associated with the Central Desk team here for the last 3 years. He has a Master’s degree in Journalism. Before working in Hindi, … और पढ़ें

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October 18, 2025, 19:11 IST

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भारत बनाम चीन: 1716 जेट्स वाली IAF ने 3733 वाले PLAAF को कैसे पछाड़ा?

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