Indian Army News |Indian Army Modernisation- हर जवान ‘किलर मशीन’, 4.25 लाख नई कार्बाइन… हर बटालियन में ड्रोन एक्सपर्ट, इंडियन आर्मी का 21वीं सदी वाला प्लान

Last Updated:October 24, 2025, 03:31 IST
Bhairav commandos: ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारतीय सेना का मेगा मॉडर्नाइजेशन शुरू. 4.25 लाख नई कार्बाइन, हर बटालियन में ड्रोन एक्सपर्ट और 25 भैरव कमांडो यूनिट्स बनेंगी… 21वीं सदी में स्मार्ट फोर्स तैयार करने का प्लान है. पढ़िए कैसे होगा.
भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद बड़ा रिफॉर्म शुरू किया है. (फोटो AI)
नई दिल्ली: ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारतीय सेना ने अपने युद्धक ढांचे में अब तक का सबसे बड़ा बदलाव शुरू कर दिया है. सेना ने घोषणा की है कि वह 4.25 लाख नई अत्याधुनिक कार्बाइनों की इंडक्शन के साथ-साथ हर इन्फैंट्री बटालियन में ड्रोन स्पेशलिस्ट और नई ‘भैरव’ कमांडो यूनिट्स तैनात करेगी. इस बड़े रिफॉर्म का उद्देश्य भारतीय सेना को 21वीं सदी की हाई-टेक, स्मार्ट और रैपिड-एक्शन फोर्स में बदलना है.
इंफैंट्री दिवस (27 अक्टूबर) से पहले सेना के इन्फैंट्री महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल अजय कुमार ने बताया कि 2,770 करोड़ रुपए का ऑर्डर दो भारतीय कंपनियों भारत फोर्ज और पीएलआर-अडानी को दिया गया है. इनमें से 60% कार्बाइन भारत फोर्ज देगी, जबकि 40% PLR-Adani बनाएगी. ये हथियार एक साल के भीतर सेना को मिल जाएंगे. पहले बैच का प्रशिक्षण 30 अक्टूबर तक पूरा हो जाएगा.
हर जवान के हाथ में नई कार्बाइनसेना की नई योजना के तहत हर इन्फैंट्री बटालियन को अत्याधुनिक कार्बाइनों से लैस किया जा रहा है. लेफ्टिनेंट जनरल कुमार के अनुसार तकनीक में हुए विकास ने इन हथियारों की जरूरत को और भी बढ़ा दिया है. ये कार्बाइन न सिर्फ हल्की और सटीक हैं, बल्कि नजदीकी युद्ध (Close Combat) में भी बेहद घातक साबित होंगी.
बनेगी 25 ‘भैरव’ कमांडो बटालियनभारतीय सेना 25 नई ‘भैरव’ कमांडो बटालियनों का गठन कर रही है. इनमें कुल 5,000 अतिरिक्त सैनिक शामिल होंगे. प्रत्येक बटालियन में 200 स्पेशल कमांडो होंगे जो दुश्मन की सीमा के अंदर गहराई तक जाकर मिशन को अंजाम देंगे. ये यूनिट्स इन्फैंट्री, आर्टिलरी, स्पेशल फोर्सेज, सिग्नल्स और ड्रोन यूनिट्स को एक साथ जोड़कर मल्टी-डोमेन ऑपरेशन चलाएंगी. इन यूनिट्स की टास्किंग कोर कमांडर स्तर पर होगी.
हर बटालियन में ड्रोन प्लाटून ‘अश्नि’
सेना की 380 इन्फैंट्री बटालियनों में अब ड्रोन प्लाटून ‘अश्नि’ बनाई गई है. प्रत्येक प्लाटून में लगभग 25 सैनिक होंगे जो निगरानी, कॉम्बैट, सप्लाई और ‘कामिकाजे’ (स्व-विस्फोटक) मिशनों के लिए ड्रोन ऑपरेट करेंगे.
सेना ने ‘Eagle in the Arm’ नामक नई सोच के तहत हर जवान को ड्रोन ऑपरेशन में प्रशिक्षित करने की योजना बनाई है. इसके लिए देहरादून की इंडियन मिलिट्री अकादमी, इन्फैंट्री स्कूल (मऊ) और ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी (चेन्नई) में ड्रोन ट्रेनिंग सेंटर स्थापित किए गए हैं.
भविष्य की फोर्स बनेगी भारतीय सेनाऑपरेशन सिंदूर (7 से 10 मई) में ड्रोन की निर्णायक भूमिका के बाद सेना ने इसे अपनी मुख्य रणनीति में शामिल किया है. आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने पहले ही घोषणा की थी कि हर इन्फैंट्री यूनिट में ड्रोन प्लाटून अनिवार्य होगी. यह रीस्ट्रक्चरिंग 2023 से चरणबद्ध तरीके से चल रही है और इसका लक्ष्य सेना को 21वीं सदी की ‘स्मार्ट वॉरफेयर फोर्स’ में बदलना है.
Sumit Kumar
Sumit Kumar is working as Senior Sub Editor in Hindi. He has been associated with the Central Desk team here for the last 3 years. He has a Master’s degree in Journalism. Before working in Hindi, …और पढ़ें
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October 24, 2025, 03:31 IST
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हर जवान किलर, हर बटालियन में ड्रोन एक्सपर्ट- आर्मी का 21वीं सदी वाला प्लान



