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Vice Chancellor Of Sanskrit University,#Raj Bhavan#returned The Rights – संस्कृत विश्वविद्यालय की कुलपति को झटका, राजभवन ने रजिस्ट्रार को लौटाए अधिकार

Jagadguru Ramanandacharya Rajasthan Sanskrit University में कुलपति प्रो.अनुला मौर्य को राजभवन से तगड़ा झटका लगा है। राजभवन ने कुलपति ने उस आदेश पर रोक लगा दी है जिसमें उन्होंने रजिस्ट्रार राजेंद्र सिंह चारण के अधिकार सीज कर लिए थे। राजभवन ने कुलपति के आदेश पर रोक लगाते हुए चारण को उनके अधिकार लौटा दिए हैं।

राजभवन ने कुलपति के आदेश पर लगाई रोक
कुलपति डॉ.अनुला मौर्य ने रजिस्ट्रार राजेंद्र सिंह चारण के अधिकार किए थे सीज
कुलपति और रजिस्ट्रार के बीच कई मामलों पर था विवाद
चारण ने की थी राजभवन कुलपति की शिकायत
अब राजभवन ने कुलपति के आदेश को रोक रजिस्ट्रार को लौटाए अधिकार
जयपुर।
जगद्गुरु रामानंदाचार्य राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय में कुलपति प्रो.अनुला मौर्य को राजभवन से तगड़ा झटका लगा है। राजभवन ने कुलपति ने उस आदेश पर रोक लगा दी है जिसमें उन्होंने रजिस्ट्रार राजेंद्र सिंह चारण के अधिकार सीज कर लिए थे। राजभवन ने कुलपति के आदेश पर रोक लगाते हुए चारण को उनके अधिकार लौटा दिए हैं।
गौरतलब है कि कुलपति और रजिस्ट्रार के मध्य कई मामलों को लेकर विवाद चल रहा था। जिसके चलते गत माह 17 सितंबर को कुलपति ने चारण से उनके कई अहम अधिकार छीन कर वित्त नियंत्रक को दे दिए थे जिसके बाद चारण ने इस संबंध में राजभवन में शिकायत की थी।
यह था मामला
एक कार्मिक के तबादले को लेकर कुलपति प्रो. अनुला मौर्य ने रजिस्ट्रार पर अनावश्यक रूप से दबाब डाला था जिसका रजिस्ट्रार ने विरोध किया। जिससे खफा होकर कुलपति ने रजिस्ट्रार के पर कतर दिए थे। उन्होंने 17 सितंबर को एक आदेश जारी कर संस्थापन, सामान्य प्रशासन, स्टोर, पूल शाखा, शैक्षणिक, अनुसंधान, मंत्र प्रतिष्ठान, प्री शिक्षा शास्त्री टेस्ट से जुड़े
सभी कार्य रजिस्ट्रार से छीनकर वित्त नियंत्रक उम्मेद सिंह को सौंप दिए थे। यहां तक वेतन आहरण का काम भी रजिस्ट्रार से छीन लिया था। जिसका विवि में दबे रूप से विरोध भी हुआ था। विवि से जुड़े शिक्षको का भी कहना था कि रजिस्ट्रार विवि के अधिनियम का हिस्सा होता है और उसे अकिधकार विवि के अधिनियम 1998 के तहत मिले हैं। ऐसे में कुलपति उनके अधिकार कैसे छीन सकती हैं। इससे पूर्व भी कुलपति डॉ. अनुला मौर्य की रजिस्ट्रार से पटरी नहीं बैठी थी। पिछले तीनों रजिस्ट्रार अशोक कुमार शर्मा, ज्योति भारद्वाज और सुरेंद्र सिंह यादव के साथ तो इतनी अधिक तनातनी हुई थी कुलपति ने तीनों को 15 नोटिस थमाए थे।
वित्त नियंत्रक पर मेहरबान कुलपति
रजिस्ट्रार के अधिकार छीनने का प्रदेश के किसी भी विश्वविद्यालय में संभवत यह पहला मौका था। विवि सूत्रों का कहना है कि कुलपति की वित्त नियंत्रक पर विशेष कृपा है। कुलपति ने उन्हें तिरुपति की सेंट्रल संस्कृत यूनिवर्सिटी के साथ एमओयू करने के लिए हवाई जहाज से उस समय भेजा था जबकि सरकार ने मितव्यतता के आदेश दे रखे थे।



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