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इंडियन नेवी भी एक्शन में थी, अरब सागर में… ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर DGMO लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई का बड़ा खुलासा

Last Updated:October 14, 2025, 22:21 IST

Operation Sindoor: लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने बताया कि मई में पाकिस्तान युद्ध विराम के दौरान भारतीय नौसेना अरब सागर में तैयार थी, पहलगाम हमले के अपराधियों को 96 दिन में पकड़ा गया.इंडियन नेवी भी एक्शन में थी, अरब सागर में... 'ऑपरेशन सिंदूर' पर बड़ा खुलासाडीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा कि नौसेना भी हमले को तैयार थी.

नई दिल्ली. महानिदेशक सैन्य अभियान (डीजीएमओ) लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने मंगलवार को खुलासा किया कि मई में चार दिनों के सैन्य संघर्ष के बाद जब पाकिस्तान ने युद्ध विराम का आह्वान किया था, तब भारतीय नौसेना अरब सागर में पहुंच गई थी और कार्रवाई के लिए तैयार थी. डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा, “भारतीय नौसेना भी एक्शन में थी… नौसेना अरब सागर में पहुंच चुकी थी और जब डीजीएमओ ने बात की, तो वे पूरी तरह से तैयार थे. अगर दुश्मन ने इसे और आगे बढ़ाने का फैसला किया होता, तो यह उनके लिए विनाशकारी हो सकता था, और न केवल समुद्र से, बल्कि अन्य रास्तों से भी… पहलगाम में हमले के अपराधियों को, हमें 96 दिन लगे, लेकिन हमने उन्हें चैन से नहीं बैठने दिया. जब इन तीनों को ढूंढा गया और उनका मेडिकल टेस्ट किया गया, तो ऐसा लगा जैसे वे दौड़ते-भागते थक गए हों, और वे बहुत कुपोषित भी लग रहे थे…”

उन्होने आगे कहा, “अक्सर, लोग पलटकर हमसे पूछ सकते हैं कि वे कहां गायब हो गए. लेकिन कभी-कभी यह भूसे के ढेर में सुई ढूंढ़ने जैसा होता है… गृह मंत्री ने भारतीय संसद में इस बारे में बात की है. उनका सफाया कर दिया गया, और न्याय हुआ. आतंक के विरुद्ध हमारी रणनीति में एक सैद्धांतिक बदलाव आया है. हमारे प्रधानमंत्री ने इसके बारे में बात की है. और ये तीन बातें उन्होंने कहीं. आतंकवादी हमले युद्ध की कार्रवाई हैं. और निर्णायक जवाबी कार्रवाई होगी. हम परमाणु ब्लैकमेल के आगे न झुकें. और आतंकवादियों और आतंकवाद के प्रायोजकों के बीच कोई अंतर नहीं है…”

लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा, “दुश्मन को आने और शत्रुता समाप्त करने के लिए कहने में 88 घंटे लगे. आप इस बात से अच्छी तरह वाकिफ हैं. फिर मेरे पाकिस्तानी समकक्ष द्वारा यह आह्वान किया जाना था. हमने अपने राजनीतिक और सैन्य लक्ष्य हासिल किए. हमने पाकिस्तान के कोने-कोने में नौ लक्ष्यों को निशाना बनाया. यह शांति और युद्ध के द्वैतवाद से परे भारत के सिद्धांत का परिपक्व होना है. यह सैन्य सटीकता और कूटनीतिक चपलता, सूचनात्मक श्रेष्ठता और आर्थिक लाभ का सम्मिश्रण था… मैं 1960 की सिंधु जल संधि के बारे में बात कर रहा हूं जिसे पहलगाम में आतंकवादी हमले के समय ही स्थगित कर दिया गया था… हमारी सैन्य कार्रवाइयां लक्षित, नियंत्रित, गैर-बढ़ाने वाली थीं, और हमने अपनी विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए उन्हें खुले तौर पर स्वीकार किया.”

Rakesh Ranjan Kumar

राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h…और पढ़ें

राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h… और पढ़ें

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New Delhi,Delhi

First Published :

October 14, 2025, 22:19 IST

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