भारत का योद्धा: आतंकवादियों के हमले को किया जिसने नाकाम, पढ़िए शौर्य चक्र पाने वाले सैनिक मुकेश कुमार की जांबाज कहानी

Last Updated:December 05, 2025, 13:41 IST
Warrior of India: राजस्थान के राइफलमैन मुकेश कुमार बुडानियां ने 16 जुलाई 2020 को कश्मीर के पीर पंजाल में आतंकवादियों के हमले को नाकाम किया और अदम्य साहस के लिए शौर्य चक्र से सम्मानित हुए. गोली लगने के बावजूद उन्होंने आतंकी वालिद को मार गिराया. उनकी जांबाज कारनामों की कहानी आज पूरे देश के लिए प्रेरणा बन गई है.
Sikar: राजस्थान की वीर भूमि ने देश को ऐसे अनेक सपूत दिए हैं. जिन्होंने संकट की घड़ी में अपने प्राणों की परवाह किए बिना मातृभूमि की रक्षा की. ऐसे ही एक जांबाज भारतीय सैनिक हैं. राजपूताना राइफल्स की नौवीं बटालियन के राइफलमैन मुकेश कुमार बुडानियां. उन्होंने अपनी जान पर खेलकर आतंकवादियों को नाकाम किया और अदम्य साहस दिखाया. उनकी यह वीरता गाथा देश के हर नागरिक के लिए प्रेरणा का स्रोत है.
मुकेश कुमार बुडानियां मूल रूप से सीकर जिले के लक्ष्मणगढ़ तहसील के हमीपुरा गांव के रहने वाले हैं. बचपन से ही निडर और साहसी. उनका सपना भारतीय सेना में वर्दी पहनने का था. उनका परिवार खेतीबाड़ी से जुड़ा था. लेकिन मुकेश ने देश की सेवा को अपने जीवन का लक्ष्य बनाया और कठोर परिश्रम के बाद राजपूताना राइफल्स में शामिल हुए. उनका जुनून और समर्पण उनकी शुरुआती जिंदगी से ही स्पष्ट था.
आतंकवादियों के हमले में दिखाया अद्भुत साहस
यह वीरतापूर्ण कार्रवाई 16 जुलाई 2020 की अंधेरी रात कश्मीर के पीर पंजाल की पहाड़ियों में हुई. जब आतंकवादियों ने भारतीय सैन्य टुकड़ी पर हमला किया.
राइफलमैन मुकेश कुमार सबसे आगे मोर्चा संभाल रहे थे. आतंकियों से हुई सीधी मुठभेड़ में उन्हें गोली लगी. लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. उन्होंने घायल होने के बावजूद अपनी पूरी ताकत झोंक दी और आतंकवादियों की दिशा पर लगातार गोलियां बरसाईं. निर्णायक क्षण में. उन्होंने अपनी राइफल से कुख्यात आतंकी वालिद को नष्ट किया और इस पूरे ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया. उनकी इस अदम्य वीरता के कारण टुकड़ी को बड़ी सफलता मिली और अन्य जवानों को सुरक्षित रखा जा सका.
शौर्य चक्र से सम्मानित
इस साहसिक कार्य के लिए राइफलमैन मुकेश कुमार बुडानियां को भारत का दूसरा सर्वोच्च वीरता सम्मान शौर्य चक्र प्रदान किया गया. यह सम्मान उनकी सर्वोच्च बलिदान और कर्तव्य के प्रति उनके दृढ़ संकल्प को दर्शाता है. घायल होने के बाद भी उन्होंने जल्द ही ड्यूटी पर लौटकर देश की सेवा जारी रखी. जो उनकी असाधारण प्रतिबद्धता को दिखाता है.
सैनिकों की वीरता और प्रेरणा
राइफलमैन मुकेश कुमार की यह वीरता गाथा दर्शाती है कि भारतीय सैनिक गोलियों और विपरीत परिस्थितियों से नहीं डरते. उनका प्राथमिक लक्ष्य हमेशा मातृभूमि की सुरक्षा होता है. उनकी शौर्य गाथा आज गांव के बच्चों और पूरे देश को प्रेरित करती है कि वे चुनौतियों का सामना साहस और निडरता से करें.
Location :
Sikar,Sikar,Rajasthan
First Published :
December 05, 2025, 13:41 IST
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