भारत की हवाई ताकत: राफेल जेट्स और बालाकोट सर्जिकल स्ट्राइक.

Rafale Jets: पहलगाम में निर्दोष पर्यटकों पर हुए हमले से करीब छह साल पहले पाकिस्तानी आतंकवादियों ने कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हमला किया था. उस हमले के बाद भारत ने एलओसी पार कर पाकिस्तान को उसके घर में हवाई हमले किए थे. उसे बालाकोट सर्जिकल स्ट्राइक नाम दिया गया था. उस वक्त भारत ने इन हमलों में मिराज-2000 लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल किया था. लेकिन, इन छह सालों में स्थिति काफी बदल चुकी है. आज भारत के पास राफेल लड़ाकू विमान हैं. ये दुनिया के सबसे उन्नत फाइटर जेट्स में से एक है. इतना ही नहीं इन विमानों के लिए भारत के पास फ्रांस निर्मित स्कैल्प मिसाइलें भी हैं, जो इसे और ताकतवर बनाती हैं.
भारत के पास मौजूदा वक्त में राफेल के दो स्क्वायड्रन हैं. इसमें कुल 36 विमान हैं. उस समय ये विमान उपलब्ध नहीं थे जब बालाकोट में सर्जिकल स्ट्राइक की गई थी. 2020 से शुरू हुई इनकी खरीद ने भारत को क्षेत्र में हवाई युद्ध में बेहतर बढ़त दी है. राफेल का एक स्क्वाड्रन अंबाला में और दूसरा हाशिमारा (पश्चिम बंगाल) में है.
‘आक्रामण’ युद्धाभ्यासफिलहाल, भारत बड़े पैमाने पर ‘आक्रामण’ नामक युद्धाभ्यास कर रहा है, जिसमें राफेल जेट्स की अगुवाई में मुख्य लड़ाकू विमान शामिल हैं. यह अभ्यास ऐसे समय में हो रहा है जब 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच रिश्ते सबसे बुरे दौर में पहुंच चुके हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को चेतावनी दी कि भारत आतंकवादियों और उनके समर्थकों को सजा देने के लिए किसी भी हद तक जाएगा.
बालाकोट हमले में भारत ने मिराज 2000 जेट्स से स्पाइस-2000 प्रेसिजन गाइडेड बमों का इस्तेमाल किया था. लेकिन अब राफेल जेट्स के लिए स्कैल्प मिसाइलें हैं, जिनकी सटीक मारक क्षमता 300 किलोमीटर से अधिक है. ये मिसाइलें बेहद प्रभावी हैं और भारत की मारक क्षमता को कई गुना बढ़ाती हैं. बालाकोट हमले के बाद यह स्पष्ट हो गया था कि भारत को क्षेत्र में हवाई श्रेष्ठता हासिल करने और पाकिस्तान के एफ-16 लड़ाकू विमानों पर हावी होने के लिए उन्नत राफेल जेट्स की जरूरत है. इसके लिए भारत ने 2020 से 2023 के बीच फ्रांस से 36 राफेल जेट्स खरीदे.
2019 में पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले के जवाब में भारत ने पाकिस्तान के बालाकोट में एक आतंकी शिविर पर हवाई हमला किया था. अगले दिन, पाकिस्तान वायुसेना ने अपने चौथी पीढ़ी के एफ-16 विमानों के साथ भारत की ओर उड़ान भरी. भारत ने तुरंत अपने जेट्स भेजकर उन्हें रोकने की कोशिश की. इस दौरान विंग कमांडर अभिनंदन वर्थमान ने एक पीछे हट रहे एफ-16 जेट को अपने मिसाइल से मार गिराया, जो एक बड़ी सफलता थी.
बीवीआर मिसाइलेंहालांकि, दुश्मन के एक विमान ने कई उन्नत बीवीआर मिसाइलें दागीं, जिनमें से एक ने अभिनंदन के विमान को निशाना बनाया. इससे उन्हें दुश्मन क्षेत्र में इजेक्ट करना पड़ा. बाद में पाकिस्तान ने उन्हें भारत को सौंप दिया. उनकी बहादुरी के लिए उन्हें ‘वीर चक्र’ से सम्मानित किया गया. अब वे ग्रुप कैप्टन हैं.
राफेल जेट्स की ताकत ने भारत की वायुसेना को क्षेत्र में एक मजबूत स्थिति दी है. ये जेट्स न केवल आधुनिक तकनीक से लैस हैं, बल्कि इनकी मिसाइलें और सेंसर भी अत्यंत उन्नत हैं, जो युद्ध में भारत को बढ़त देते हैं. बालाकोट हमले के बाद भारत ने अपनी हवाई ताकत को और मजबूत करने का फैसला किया, और राफेल जेट्स इस दिशा में एक बड़ा कदम हैं.
भारत भविष्य में अपनी वायुसेना के लिए और राफेल जेट्स शामिल करने की योजना बना रहा है. इसके अलावा, भारत जल्द ही फ्रांस से 26 राफेल एम (मरीन) जेट्स खरीदेगा, जो इसके विमानवाहक पोतों, आईएनएस विक्रांत और आईएनएस विक्रमादित्य पर तैनात होंगे. इन सबके साथ भारत की वायुसेना क्षेत्र में एक ताकतवर ताकत बन चुकी है, जो किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार है.