भारत की परमाणु ताकत: 2000 के बाद 92% वृद्धि, FAS रिपोर्ट.

दो परमाणु संपन्न देशों से घिरे भारत ने साल 2000 के बाद अपने परमाणु हथियारों में अनुमानित रूप से 92% की वृद्धि दर्ज की है. अमेरिका स्थित प्रतिष्ठित थिंक टैंक ‘Federation of American Scientists’ (FAS) की रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2000 में भारत के पास लगभग 13 परमाणु हथियार थे. 25 वर्षों बाद, यह संख्या बढ़कर अनुमानित 180 तक पहुंच चुकी है. इसका अर्थ है कि हर साल औसतन 7 नए परमाणु हथियार भारत ने अपने ज़खीरे में जोड़े हैं. रिपोर्ट के अनुसार, भारत के कोई भी परमाणु हथियार तैनात नहीं हैं, सभी रिजर्व में रखे हुए हैं. भारत ने अपना पहला परमाणु परीक्षण 18 मई 1974 को पोखरण, राजस्थान में किया था, जिसका कोड नाम ‘स्माइलिंग बुद्धा’ था.
दुनिया में कितने हैं परमाणु हथियार?दुनिया के 195 देशों में से केवल 9 देश ही परमाणु हथियार संपन्न हैं. FAS की रिपोर्ट के अनुसार, इन 9 देशों के पास कुल मिलाकर 12,331 परमाणु हथियार हैं (अनुमान). चौंकाने वाली बात यह है कि इनका लगभग 90% हिस्सा केवल अमेरिका और रूस के पास है. रिपोर्ट बताती है कि दुनिया में करीब 9,604 परमाणु हथियार “मिलिट्री-रेडी” यानी सैन्य रूप से उपयोग के लिए तैयार स्थिति में हैं. इनमें से करीब 3,804 परमाणु हथियार बैलिस्टिक मिसाइलों और बॉम्बर बेस पर तैनात हैं. इन तैनात हथियारों में से लगभग 2,100 परमाणु हथियार “हाई अलर्ट” मोड पर हैं, जिन्हें बेहद कम नोटिस पर लॉन्च किया जा सकता है.
भारत, चीन, उत्तर कोरिया, पाकिस्तान, रूस और यूके अपने परमाणु हथियार बढ़ा रहे हैं. वहीं अमेरिका अब भी धीरे-धीरे अपने परमाणु हथियारों का भंडार घटा रहा है. इतिहास के संदर्भ में देखें तो दुनिया में परमाणु हथियारों की संख्या शीत युद्ध (Cold War) के समय की तुलना में काफी कम हुई है. साल 1986 में जहां परमाणु हथियारों की कुल संख्या लगभग 70,300 थी, वहीं 2025 की शुरुआत तक यह संख्या घटकर अनुमानित 12,331 रह गई है.
विश्व का परमाणु ज़खीरा, 2025 (अनुमान)देशकुल परमाणु भंडारसैन्य तैयार हथियारभंडार किए गए हथियार तत्काल लॉन्च योग्यरूस5,4494,2992,5891,710अमेरिका5,2773,7001,9301,670फ्रांस29029010280चीन60060057624यूके225225105120इजराइल9090900पाकिस्तान1701701700भारत1801801800उत्तर कोरिया5050500कुल मिलाकर12,3319,6045,7003,804
भारत की परमाणु ताकत का सफर, आंकड़े कर देंगे हैरान18 मई 1974 को राजस्थान के पोखरण में भारत ने अपना पहला परमाणु परीक्षण किया, जिसे ‘स्माइलिंग बुद्धा’ नाम दिया गया. इस परीक्षण के साथ ही भारत परमाणु संपन्न देशों की सूची में शामिल हो गया. FAS (Federation of American Scientists) की रिपोर्ट के अनुसार, साल 1998 में भारत ने पहले 3 परमाणु बम बनाए थे. रिपोर्ट के आंकड़ों के मुताबिक, 1999 में भारत के पास 8 परमाणु हथियार थे, इसी साल पाकिस्तान के साथ ‘कारगिल जंग’ भी हुई थी. साल 2008 से 2012 तक भारत ने हर साल अपने परमाणु हथियारों के भंडार में औसतन 10 परमाणु बमों की वृद्धि की, हालांकि, 2013, 2014, 2019 और 2022 में इस समय अवधि के दौरान परमाणु हथियारों की संख्या में कोई वृद्धि दर्ज नहीं हुई.
भारत परमाणु हथियार 1998 – 2025 (अनुमान)सालपरमाणु हथियार बदलाव% वृद्धि19983310019998562.5200013538.5200118527.8200223521.7200328517.9200433515.2200538513.2200643511.6200750714.02008601016.72009701014.32010801012.52011901011.120121001010.0201310000.0201410000.02015110109.12016120108.32017130107.72018140107.1201914000.02020150106.72021160106.3202216000.0202316442.4202417284.7202518084.4
भारत का परमाणु लॉन्च सिस्टम, Nuclear Triad!आज भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल है, जिन्हें Nuclear Triad की क्षमता हासिल है. इसका मतलब है कि भारत के पास परमाणु हथियारों को जमीन से, पानी से (परमाणु पनडुब्बियों द्वारा) और आकाश से (परमाणु बम गिराने वाले विमानों द्वारा) दागने की क्षमता है.
आकाश से हमला करने के लिए भारत के पास सुखोई-30 MKI, जगुआर और मिराज 2000 जैसे लड़ाकू विमान हैं, जो परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम हैं.
ज़मीन से हमला करने के लिए अग्नि मिसाइल श्रृंखला मौजूद है, जिसकी मारक क्षमता 500 किलोमीटर से लेकर 6,000 किलोमीटर तक है.
पानी से हमला करने के लिए भारत के पास अरिहंत क्लास परमाणु पनडुब्बियां हैं, जो गहराई में रहते हुए दुश्मन पर परमाणु हमला करने की ताकत रखती हैं.
**नोट: ऊपर दिया गया सारा डाटा अमेरिका स्थित प्रतिष्ठित थिंक टैंक ‘Federation of American Scientists’ (FAS) की रिपोर्ट का है और सभी अनुमानित हैं. हर देश के पास कितने परमाणु हथियार हैं, यह एक गुप्त जानकारी है, इसलिए यहां दिए गए अनुमान में कुछ गलतियां हो सकती हैं. ज्यादातर परमाणु संपन्न देश अपने हथियारों की संख्या के बारे में जानकारी नहीं देते. हालांकि, हर देश में गुपनियता का स्तर अलग-अलग होता है .