मासूम ने खेलते-खेलते निगल ली बैटरी, आनन-फानन में अस्पताल पहुंचे परिजन, फिर डॉक्टर ने जो किया!

Last Updated:April 17, 2025, 16:45 IST
बीकानेर में 5 साल के बच्चे ने गलती से बटन बैटरी निगल ली. पेट दर्द की शिकायत पर अस्पताल लाया गया, जहां एंडोस्कोपी से बैटरी सफलतापूर्वक निकाली गई. डॉक्टरों की तत्परता से बच्चे की जान बच गई.
पांच वर्षीय बालक के पेट से बटन बैटरी सैल को निकाल कर स्वास्थ्य में राहत दी
निखिल स्वामी /बीकानेर- बीकानेर में बुधवार को एक पांच वर्षीय बालक के पेट से बटन बैटरी निकाल कर उसकी जान बचाई गई. बच्चा पेट दर्द की शिकायत के बाद डॉ. श्याम अग्रवाल चिल्ड्रन हॉस्पिटल पहुंचा था. एक्सरे में पता चला कि उसने बटन बैटरी निगल ली थी, जो पाइलोरस (अमाशय और छोटी आंत के बीच का हिस्सा) तक पहुंच चुकी थी.
एंडोस्कोपी से निकला बैटरी बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. श्याम अग्रवाल ने बताया कि बच्चे ने करीब दो घंटे पहले बैटरी निगली थी, जिसके बाद पेट में हल्का दर्द शुरू हुआ. एक्सरे रिपोर्ट में बैटरी स्पष्ट दिखाई दी, जिसके तुरंत बाद बिना समय गंवाए एंडोस्कोपी के जरिए बैटरी को निकालने का निर्णय लिया गया.
गैस्ट्रोलॉजिस्ट डॉ. निखिल गांधी ने की एंडोस्कोपीप्रसिद्ध गैस्ट्रोलॉजिस्ट डॉ. निखिल गांधी की मदद ली गई, जिन्होंने कोठारी अस्पताल में एंडोस्कोपी के जरिए बैटरी को सफलतापूर्वक बाहर निकाल दिया. यह ऑपरेशन कई घंटों तक चला और पूरी प्रक्रिया डॉक्टरों की सतर्क निगरानी में हुई.
ऑपरेशन के बाद मिली राहत, बच्चा स्वस्थऑपरेशन के बाद बच्चे की हालत में तेजी से सुधार हुआ और उसे डॉक्टरों की देखरेख में कुछ घंटे रखने के बाद छुट्टी दे दी गई. अब बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ है.
डॉक्टरों को मिला दिल से धन्यवादबच्चे के परिजनों ने डॉ. निखिल गांधी, डॉ. श्याम अग्रवाल और उनकी टीम को उनके समर्पण और जीवन रक्षक प्रयासों के लिए धन्यवाद दिया. यह घटना एक बार फिर साबित करती है कि समय पर इलाज और विशेषज्ञ डॉक्टरों की मौजूदगी से किसी की जान बचाई जा सकती है.
Location :
Bikaner,Rajasthan
First Published :
April 17, 2025, 16:45 IST
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मासूम ने खेलते-खेलते निगल ली बैटरी, आनन-फानन में अस्पताल पहुंचे परिजन, फिर डॉक