Rajasthan

वर्धमान महावीर ओपन विश्वविद्यालय का अभिनव प्रयास: कोटा में टैक्सोनॉमी वॉल, विद्यार्थियों के लिए जटिल विज्ञान बना आसान

शक्ति सिंह / कोटा: वर्धमान महावीर ओपन विश्वविद्यालय, कोटा ने टैक्सोनॉमी वॉल के जरिए छात्रों को प्राणियों के वर्गीकरण और उनके विकास की जटिल प्रक्रिया को सरल और रुचिकर तरीके से समझाने की अनूठी पहल की है. यह वॉल प्रोटोजोआ से लेकर स्तनधारियों तक के प्राणियों के विकास की कहानी बताती है.

इस वॉल पर बिना रीढ़ वाले जीवों से लेकर रीढ़धारी प्राणियों तक का क्रमिक विकास दर्शाया गया है. इसमें ऑक्टोपस और डायनासोर के बड़े और आकर्षक चित्र विशेष रूप से ध्यान आकर्षित करते हैं. यह वॉल सिर्फ छात्रों के लिए ही नहीं, बल्कि अन्य विश्वविद्यालय और कॉलेजों के शिक्षकों के लिए भी शैक्षिक प्रेरणा का स्रोत बनी है.

विषय को रुचिकर और सरल बनाने की कोशिश विश्वविद्यालय के प्राणी शास्त्र संयोजक डॉ. संदीप हुड्डा ने बताया कि टैक्सोनॉमी वॉल का निर्माण छात्रों को प्राणियों के वर्गीकरण (टैक्सोनॉमी) और उनके विकास को बेहतर ढंग से समझाने के लिए किया गया है. अक्सर जूलॉजी के छात्र कठिन नामों और वर्गीकरण की प्रक्रिया को याद रखने में परेशानी महसूस करते हैं और इस विषय को छोड़ देते हैं. इसे ध्यान में रखते हुए, हर वर्ग के प्राणियों के चित्र को उनके लक्षणों के साथ इस वॉल पर हाई-क्वालिटी स्टिकर की मदद से उकेरा गया है.

टैक्सोनॉमी वॉल का अनूठा डिजाइन डॉ. हुड्डा ने बताया कि वॉल पर प्रत्येक प्राणी के चित्र के नीचे उसका वैज्ञानिक और सामान्य नाम लिखा गया है. यह छात्रों को प्राणियों के नाम याद रखने और उनके विकास को समझने में मदद करता है.– बाईं तरफ: बिना रीढ़ वाले प्राणियों (इनवर्टिब्रेट्स) जैसे प्रोटोजोआ, पोरीफेरा, सिलेंटरेटा, कर्मी, अर्थोपोडा, मोलस्का और इकाइनोडर्मेटा का क्रमिक विकास प्रदर्शित किया गया है.– दाईं तरफ: मछली वर्ग, उभयचर, सरीसृप, पक्षी और स्तनधारी (वर्टिब्रेट्स) का वर्गीकरण दिखाया गया है.ऑक्टोपस और डायनासोर जैसे बड़े चित्र छात्रों और आगंतुकों का ध्यान आकर्षित करते हैं.

प्रेरक और शिक्षाप्रद पहल डॉ. हुड्डा ने बताया कि इस टैक्सोनॉमी वॉल को वाइल्डलाइफ कंजर्वेशनिस्ट आदिल सैफ और ग्राफिक डिजाइनर धारा जेठी के सहयोग से तैयार किया गया है. यह वॉल सिर्फ छात्रों को नहीं, बल्कि अन्य विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के शिक्षकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र है. वे इसे शैक्षिक भ्रमण के तहत देखने आते हैं.

छात्रों को मिल रही नई दृष्टि डॉ. हुड्डा का कहना है कि इस वॉल का बार-बार अवलोकन करने से छात्र सिर्फ मुश्किल नाम याद नहीं करते, बल्कि प्राणियों के क्रमिक विकास और उनके लक्षणों को भी गहराई से समझते हैं. यह पहल छात्रों में जूलॉजी विषय के प्रति रुचि बढ़ाने और उन्हें नई दृष्टि प्रदान करने में सफल रही है.

नवाचार से विषय की जटिलता हुई आसानवर्धमान महावीर ओपन विश्वविद्यालय का यह प्रयास न केवल शैक्षिक नवाचार का उदाहरण है, बल्कि यह छात्रों और शिक्षकों दोनों के लिए सीखने का एक प्रभावी माध्यम भी साबित हो रहा है. टैक्सोनॉमी वॉल विज्ञान शिक्षा के क्षेत्र में एक नई दिशा प्रदान कर रही है.

Tags: Kota news, Local18, Rajasthan news

FIRST PUBLISHED : November 22, 2024, 21:53 IST

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