INS Aridhaman Submarine | Indian Navy- समंदर का अजेय शिकारी तैयार: INS अरिदमन जल्द भारतीय नौसेना में शामिल, चीन-पाकिस्तान को 3500 किमी दूर से देगी न्यूक्लियर जवाब

INS Aridhaman Submarine: भारत की समुद्री सीमा अब पहले से कहीं ज्यादा सुरक्षित होने जा रही है. भारतीय नौसेना अपनी न्यूक्लियर ट्रायड की सबसे मजबूत कड़ी को और दमदार बनाने की कगार पर है. नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी ने पुष्टि की है कि देश की तीसरी स्वदेशी न्यूक्लियर-पावर्ड बैलिस्टिक मिसाइल सबमरीन INS अरिदमन अपने अंतिम ट्रायल्स में है और जल्द ही नौसेना में कमीशन की जाएगी. यह सबमरीन एक ऐसे अजेय शिकारी की तरह है जो दुश्मन को हजारों किलोमीटर दूर से भी जवाब देने की क्षमता रखती है.
INS अरिदमन की तैनाती चीन और पाकिस्तान दोनों के लिए बड़े रणनीतिक संदेश के रूप में देखी जा रही है. 3500 km रेंज वाली K-4 SLBM से लैस यह प्लेटफॉर्म भारत को पानी के भीतर से न्यूक्लियर सेकेंड-स्ट्राइक क्षमता देता है, जो किसी भी संघर्ष की स्थिति में निर्णायक बढ़त सुनिश्चित करता है. INS अरिहंत और INS अरिघात के बाद यह सबमरीन अरिहंत-क्लास का सबसे एडवांस्ड अपग्रेड मानी जा रही है.
INS अरिदमन क्या है और क्यों है इतनी अहम?
अरिहंत-क्लास की तीसरी सबमरीन होने के नाते INS अरिदमन भारत के स्वदेशी Advanced Technology Vessel (ATV) प्रोजेक्ट का सबसे शक्तिशाली चरण है. यह न सिर्फ पहले से बड़ी है, बल्कि इसकी मारक क्षमता और स्टील्थ फीचर्स भी कई गुना एडवांस हैं. यह सबमरीन भारत को उन 6 देशों की खास सूची में मजबूती से खड़ा करती है जिनके पास वास्तविक न्यूक्लियर SSBN फ्लीट है.
3500 किमी रेंज की K-4 मिसाइलों, एडवांस्ड स्टेल्थ और हाई-पावर न्यूक्लियर रिएक्टर के साथ. (फोटो PTI)
INS अरिदमन की प्रमुख खूबियां (Bullet Points)
83 MW Nuclear Reactor, अनलिमिटेड ऑपरेशनल रेंज.
24 K-15 (750 km) या 8 K-4 (3500 km) SLBM ले जाने में सक्षम.
एनेकोइक टाइल्स और एडवांस्ड सोनार से लैस.
300–450 मीटर की टेस्ट डेप्थ.
95–100 सदस्यों का क्रू.
वर्टिकल लॉन्च सिस्टम (VLS) ट्यूब्स की संख्या दोगुनी (4 → 8).
Varunastra जैसे हेवीवेट टॉरपीडो से लैस.
टेक्निकल स्पेसिफिकेशन: एक नजर
1. डिजाइन और साइज
लंबाई: 125–130 मीटर
चौड़ाई: 11 मीटर
विस्थापन: 7,000 टन (डूबने पर)
2. गति और शक्ति
डूबने पर स्पीड: 24 नॉट्स
83 MW न्यूक्लियर रिएक्टर
3. हथियार प्रणाली
K-15/K-4 मिसाइल क्षमता
6 × 533 mm टॉरपीडो
INS अरिदमन बनाम अरिहंत और अरिघात
सबमरीनक्षमतामिसाइल रेंजVLS ट्यूब्सस्टील्थशक्तिINS Arihantबेसिक SSBN750 km4सामान्यपहला संस्करणINS Arighatअपग्रेडेड SSB750–3500 km4बेहतरसेकंड जेनरेशनINS अरिदमनएडवांस्ड SSBN3500 km8हाई स्टील्थसबसे शक्तिशाली
ऑपरेशन सिंदूर और अरिदमन की रणनीतिक भूमिका
नेवी चीफ ने ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए बताया कि भारतीय नौसेना की आक्रामक तैनाती ने पाकिस्तान नौसेना को अपने बंदरगाहों तक सीमित कर दिया था. इसी के दौरान भारत ने पानी के भीतर निगरानी और स्ट्राइक-पोज़िशनिंग को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया. INS अरिदमन इस रणनीतिक बढ़त को कई गुना बढ़ाने वाला प्लेटफॉर्म साबित होगा.
एनेकोइक टाइल्स और एडवांस्ड सोनार से लैस. (फोटो PTI)
भारत की न्यूक्लियर ट्रायड का सबसे मजबूत स्तंभ
INS अरिदमन की तैनाती के बाद भारत की परमाणु त्रिशक्ति (न्यूक्लियर ट्रायड) जमीन, हवा और समंदर पूरी तरह संतुलित और उच्च क्षमता वाली हो जाएगी. SSBN के जरिए भारत दुश्मन को यह संकेत देता है कि किसी भी परमाणु हमले का जवाब निश्चित और विनाशकारी होगा.
भविष्य की तैयारी (Project-75 India और Rafale-M)
इसके साथ भारत 70,000 करोड़ रुपए की लागत से छह स्टील्थ सबमरीन भी खरीदने वाला है. वहीं 26 Rafale-M की पहली खेप 2028 में आ जाएगी. INS Vikrant के एयर-विंग में ये लड़ाकू विमान नौसेना की ताकत को कई गुना बढ़ा देंगे.
INS अरिदमन क्यों बदलेगा इंडो-पैसिफिक का समीकरण?
समुद्र में महीनों तक छिपकर रह सकता है.
दुश्मन की किसी भी स्ट्राइक क्षमता को न्यूट्रलाइज कर सकता है.
चीन और पाकिस्तान दोनों की समुद्री एक्टिविटी पर बड़ा दबाव बनाता है.
भारत को स्थायी सेकंड-स्ट्राइक क्षमता प्रदान करता है.
INS अरिदमन के ऑपरेशनल होते ही भारत इंडो-पैसिफिक में एक निर्णायक रणनीतिक शक्ति के रूप में उभरेगा.



