INS ब्रह्मपुत्र में आग लगने से झुंझुनूं का लाल शहीद, 23 साल थी उम्र, सैन्य सम्मान से होगा अंतिम संस्कार

झुंझुनूं. सैनिकों की जन्म भूमि कहे जाने वाले झुंझुनूं जिले के वीर सपूत देश की रक्षा में अपने प्राणों की बाजी लगा रहे हैं. बीते दिनों जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों से लोहा लेते हुए शहीद हुए जिले के दो जवानों के बाद, आज चिड़ावा के डांगर गांव का एक और जवान देश की सेवा करते हुए शहीद हो गया है. जानकारी के मुताबिक, 21 जुलाई को मुंबई (महाराष्ट्र) के नेवी डॉकयार्ड में मेंटेनेंस के लिए खड़े INS ब्रह्मपुत्र में आग लग गई थी.
अधिकारियों के अनुसार, जब ये हादसा हुआ तब मल्टी रोल फ्रिगेट नेवल डॉकयार्ड में मरम्मत का काम चल रहा था. हादसे में झुंझुनूं जिले के डांगर का एक जूनियर नाविक शहीद हो गया. 23 वर्षीय शहीद जवान सितेंद्र सिंह सांखला पुत्र पूर्ण सिंह सांखला झुंझुनूं जिले की चिड़ावा तहसील के गांव डांगर गांव का रहने वाला था. जानकारी के मुताबिक, गुरुवार को शहीद का पैतृक गांव डांगर में सैन्य सम्मान से अंतिम संस्कार किया जाएगा.
गोताखोरों ने निकाला शव
नेवी जवान सत्येन्द्र सिंह सांखला के चाचा पवन सिंह सांखला ने बताया कि रविवार 21 जुलाई को आईएनएस ब्रह्मपुत्र के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद, अगले दिन नेवी के अधिकारियों ने सूचना दी कि दुर्घटना के बाद से ही सितेंद्र सिंह सांखला लापता हैं. उसकी तलाश की जा रही है. बुधवार 24 जुलाई को सुबह 3 बजे सितेंद्र सिंह सांखला का शव नेवी के गोताखोरों ने निकाला.
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आग लगने से एक तरफ झुक गया था आईएनएस ब्रह्मपुत्र
आग लगने की घटना के बाद आईएनएस ब्रह्मपुत्र एक तरफ झुक गया था. जहाज पर लगी आग को 16 घंटे बाद बुझाया जा सका. जिस वक्त हादसा हुआ, तब आईएनएस ब्रह्मपुत्र पर लगभग 300 अधिकारी और अन्य कर्मचारी मौजूद थे. सभी को सुरक्षित निकाल लिया गया, लेकिन झुंझुनूं का जवान सितेंद्र सिंह लापता था. नेवी जवान सितेंद्र सिंह का पार्थिव शरीर आज शाम तक दिल्ली और उसके बाद गुरुवार सुबह 10 बजे तक सड़क मार्ग से उनके पैतृक गांव डांगर लाया जाएगा. डांगर में सैनिक सम्मान से शहीद सितेंद्र सिंह सांखला का अन्तिम संस्कार किया जाएगा. शहीद के सम्मान में गुरुवार सुबह तिरंगा यात्रा निकाली जाएगी.
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2018 में हुआ था भर्तीसितेंद्र सिंह सांखला 2018 में नेवी में नाविक के पद पर भर्ती हुए थे. अभी 3 महीने पहले मार्च में ही चचेरे भाई की हादसे में मौत के बाद सितेंद्र सिंह गांव आकर गए थे. गांव के लोगों ने बताया कि सितेंद्र सिंह काफी मिलनसार और हंसमुख थे. परिवार में पिता पूर्ण सिंह और माता प्रेम देवी हैं, जो कि गांव में ही रहते हैं. आजीविका खेती-बाड़ी पर निर्भर है. सितेंद्र का एक बड़ा भाई मनेन्द्र सिंह है, जो कि जोधपुर में निजी शिक्षण संस्था में शिक्षक है और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा है.
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FIRST PUBLISHED : July 24, 2024, 23:46 IST