सौ रुपए के टोल बचाने की जिद ने ली कई जिंदगियां, जयपुर के पास स्लीपर बस बनी आग का गोला!

Last Updated:October 28, 2025, 20:07 IST
Jaipur Bus Fire : पीलीभीत से जयपुर आ रही स्लीपर बस टोडी गांव के पास हाईटेंशन लाइन से टकराकर आग का गोला बन गई, बस में बैठे मजदूर जिंदा जल गए, ड्राइवर की लापरवाही हादसे की वजह बनी.
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जयपुर. पीलीभीत से जयपुर आ रही स्लीपर बस रविवार को मनोहरपुर के टोडी गांव के पास आग का गोला बन गई. इस दर्दनाक हादसे में कई मजदूर जिंदा जल गए, जबकि कई ने खिड़कियां तोड़कर किसी तरह जान बचाई. बस में आग लगने की वजह बनी ड्राइवर की जिद, जो महज सौ रुपए का टोल टैक्स और दस किलोमीटर की दूरी बचाने के लिए यात्रियों की जान से खेल गया. हादसे के वक्त बस में महिलाएं और बच्चे भी सवार थे. चंद मिनट की देरी होती तो पूरी बस लाक्षागृह बन जाती और सभी मजदूर जिंदा जल जाते.
कांच तोड़कर निकले मजदूर, महिलाएं और बच्चे बाहर फेंकेआग लगने के बाद बस में अफरा-तफरी मच गई. बस में सिर्फ एक ही गेट था, जिससे निकलना मुश्किल हो गया. धुएं से सांस लेना मुश्किल था. मजदूरों ने जोर-जोर से विंडो के शीशे तोड़ना शुरू किया. महिलाओं और बच्चों को पहले नीचे फेंका गया, फिर पुरुष मजदूर खुद कूदे. कई लोग घायल भी हुए. मिट्टी और खेतों के बीच बस फंसी हुई थी, लेकिन जिंदा बचने की कोशिश में सबने हिम्मत दिखाई. ड्राइवर कूदकर भाग निकला, जबकि दो मजदूर बाहर नहीं निकल पाए और जिंदा जल गए.
गैस सिलेंडर से धमाके, लोहा तक पिघल गयाचंद मिनटों में आग इतनी भीषण हो गई कि बस में रखे तीन गैस सिलेंडर फट गए. धमाके इतने तेज थे कि बस के परखच्चे उड़ गए. बस का लोहा तक पिघल गया. मौके पर पहुंचे एसडीएम संजीव कुमार ने बताया कि यह हादसा लापरवाही और नियमों की अनदेखी का नतीजा है. बस में न फायर फाइटिंग उपकरण थे, न इमरजेंसी गेट.
लापरवाही पर सवाल, सिस्टम की नींद उड़ गई
पीलीभीत से मनोहरपुर तक यह बस रातभर मौत का सामान लेकर चलती रही. छत पर बाइक और गैस सिलेंडर जैसे खतरनाक सामान थे, फिर भी न किसी ने रोका, न जांच हुई. जबकि जैसलमेर हादसे के बाद राज्य में स्लीपर बसों पर अभियान चलाया जा रहा है. लेकिन इस हादसे ने फिर साबित कर दिया कि नियमों की अनदेखी अब भी जानलेवा साबित हो रही है.
Anand Pandey
नाम है आनंद पाण्डेय. सिद्धार्थनगर की मिट्टी में पले-बढ़े. पढ़ाई-लिखाई की नींव जवाहर नवोदय विद्यालय में रखी, फिर लखनऊ में आकर हिंदी और पॉलीटिकल साइंस में ग्रेजुएशन किया. लेकिन ज्ञान की भूख यहीं शांत नहीं हुई. कल…और पढ़ें
नाम है आनंद पाण्डेय. सिद्धार्थनगर की मिट्टी में पले-बढ़े. पढ़ाई-लिखाई की नींव जवाहर नवोदय विद्यालय में रखी, फिर लखनऊ में आकर हिंदी और पॉलीटिकल साइंस में ग्रेजुएशन किया. लेकिन ज्ञान की भूख यहीं शांत नहीं हुई. कल… और पढ़ें
Location :
Jaipur,Rajasthan
First Published :
October 28, 2025, 20:07 IST
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सौ रुपए के टोल बचाने की जिद ने ली कई जिंदगियां, स्लीपर बस बन गई आग का गोला!



