ग्रीन ऊर्जा के क्षेत्र में कोटा रेल मंडल ने बढ़ाया एक और बड़ा कदम, Kota Rail Division has taken another big step in field of green energy– News18 Hindi

कोटा. कोटा रेल मंडल (Kota Railway Division) ने ग्रीन ऊर्जा (Green energy) के क्षेत्र में एक और नई पहल की है. यहां रेलवे कोच के रखरखाव के लिए बिजली की आपूर्ति के लिए विद्युत सब स्टेशन (Electricity Sub Station) का निर्माण कराया गया है. इससे अब कोटा जंक्शन की पिट लाइन पर अत्याधुनिक तकनीक के एलएचबी टाइप के कोचों के रखरखाव के लिये 750 वोल्ट की बिजली निर्बाध रूप से मिलती रहेगी. ईंधन के तौर पर अब डीजल ऑयल के उपयोग से निजात मिल गई है. इससे कोचों के रखरखाव के दौरान होने वाला वायु और ध्वनि प्रदूषण भी खत्म हो गया है. इससे रेल मंडल को काफी आर्थिक लाभ भी मिलेगा.
भारतीय रेलवे में आधुनिक कोचों का उपयोग निरंतर बढ़ता जा रहा है. वर्तमान में नए प्रकार के अत्याधुनिक कोच उपयोग में लाए जा रहे हैं. विशेष रूप से एलएचबी ( लिंक हाफमेन बुश) कोच में इन दिनों पावर कार का उपयोग किया जा रहा है. इस पावर कार में दो डीजी सेट लगे होते हैं. कोचों में उपयोग के लिए ऊपरी उपस्कर (ओएचई) लाइन से बिजली उत्पादित की जा रही है.
40 लीटर प्रति घंटे के हिसाब से होती थी डीजल की खपत
कोटा रेल मंडल के वरिष्ठ वाणिज्य प्रबंधक अजय कुमार पाल ने बताया कि कोटा में पहले कोचों के प्राथमिक रखरखाव के दौरान पावर कार में उपलब्ध डीजी सेट चलाकर कोचों का मेंटेनेंस कार्य किया जाता था. इसमें 40 लीटर प्रति घंटे के हिसाब से डीजल ऑयल की खपत होती थी. कोचों के रखरखाव के लिए 750 वोल्ट बिजली सप्लाई की आवश्यकता को देखते हुए अब नवाचार के तहत मंडल के कोचिंग डिपो में गोल्डन जुबली पिट लाइन पर 750 वोल्ट सप्लाई देने के उद्देश्य से बिजली सब स्टेशन का निर्माण कराया गया है.
ध्वनि और वायु प्रदूषण से भी निजात मिल गई
अब कोच के रखरखाव के दौरान इस नवनिर्मित बिजली सब स्टेशन के माध्यम से जरूरी सप्लाई मिलती रहेगी. इससे रखरखाव का कार्य सुगमता से किया जा सकेगा. इस सिस्टम के उपयोग करने से पेट्रोलियम इंधन की तो बचत हो रही है इसके साथ ही ध्वनि और वायु प्रदूषण से भी निजात मिल गई है.
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