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International Forum : …तो इस तरह एक ही झटके में रोका जा सकता है युद्ध | Online organization of international literary program

सौंदर्य और दृष्टि से परिचित होते

उन्होंने कहा कि’साहित्य का विश्वरंग’ आयोजन में,अक्सर हम दुनिया के विभिन्न महाद्वीपों की सृजनात्मक अभिव्यक्तियों से रूबरू होकर, अलक्षित-अदेखे जीवन समाज की संस्कृति और साहित्य के रंग, ध्वनि, सौंदर्य और दृष्टि से परिचित होते हैं।

बेटियां हार जाती हैं, बाप की बदनामी से

इस आयोजन में कनाडा ( Canada) से शिखा पोरवाल ( Shikha Porwal) ने कहा कि प्रेम पत्र केवल खत नहीं, जिंदगी हुआ करते हैं। दोहा ( Doha) से शालिनी वर्मा ने अपनी मन को छूती रचना के माध्यम से बताया “बेटियां हार जाती हैं, बाप की बदनामी से। भारत से मीनाक्षी जीजिविषा ( Meenzxi jijvisha) ने मार्मिक शब्दों में बताया “तुम्हारी आवाज़ बांध ली है, दुपट्टे में टोटके सी,एक दिन ढ़ूढ़ोगे मुझे, आधी पढ़ी किताब सी।

भाषा प्रेम, सत्यम शिवम् सुन्दरम

केन्या ( Kenya) से सरिता शर्मा ने भारत और केन्या, इन दो संस्कृतियों के विस्तार और इनके बीच घटते प्रेम की पाती पढ़ी। अमरीका ( America) से वरिष्ठ अतिथि रचनाकार नीलम जैन ( Neelam Jain) ने कालिदास ( Kalidas) के पात्रों को उद्धृत करते हुए कहा कि अनुराग की भाषा प्रेम, सत्यम शिवम् सुन्दरम है। इस आयोजन के संयोजक रामा तक्षक ने सभी रचनाकारों और श्रोताओं के स्वागत वक्तव्य में कहा कि बिन प्रेम अस्तित्व के स्वरूप की कल्पना भी नहीं की जा सकती। तक्षक ने भाई बहन के प्रेम को रेखांकित करते हुए इटालियन भाषा में फिलिप्पो सास्तेती की ओर से 1585 में, अपनी बहन को लिखे गए पत्र का अनुवाद पढ़ा। अमरीका से विनीता शर्मा ( Vinita Sharma )ने इस आयोजन का संचालन किया।

रामा तक्षक : परिचय
राजस्थान के अलवर जिले के मूल निवासी रामा तक्षक का जन्म में एक छोटे से गांव जाट बहरोड के सामान्य परिवार में 8 दिसंबर 1962 को हुआ। उनकी प्रारंभिक शिक्षा गांव में पंडित जी की पाठशाला में हुई। दसवीं कक्षा तक तो स्वयं के गाँव जाट बहरोड़ में ही पढ़ाई की। हायर सैकण्डरी बीजवाड़ चौहान स्कूल से की। सन 1978 में गाँव से महाविद्यालय की पढ़ाई के लिए अलवर शहर गए। वे 9/11 के बाद नीदरलैंड में स्थाई रूप से रहने लगे। उनके आलेख भारत की विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहे हैं। उन्होंने सन 1983 में, छात्र जीवन में ही तृतीय विश्व हिंदी सम्मेलन, दिल्ली में भी भाग लिया था। उन्हें भारत की विभिन्न भाषाओं के साथ-साथ, इटालियन और डच भाषा का भी अच्छा ज्ञान है। वे इटालियन और डच भाषा से हिंदी में अनुवाद करते हैं।

रामा तक्षक की गतिविधियां

वे साझा संसार, नीदरलैंड साहित्यिक एवं सांस्कृतिक मंच के संस्थापक व अध्यक्ष हैं। वहीं भारतीय ज्ञानपीठ, विश्व रंग और वनमाली सृजन पीठ के साथ मिल कर ‘साहित्य का विश्व रंग’ ऑनलाइन आयोजन करते रहे हैं। विगत वर्षों में, इस आयोजन के माध्यम से आपने लगभग पांच सौ प्रवासी भारती रचनाकारों को इस मंच से जोड़ा है। इस आयोजन के अलावा ‘प्रवास मेरा नया जन्म’ और ‘संस्कृत की वैश्विक विरासत’ शीर्षक से भी ऑनलाइन आयोजन करते हैं। उन्हें अब तक प्रवासी साहित्यकार सम्मान, विश्व रंग सम्मान, अंतरराष्ट्रीय भारतीय भाषा सम्मान सहित दर्जनों सम्मान मिल चुके हैं। वे राजस्थान हिंदी साहित्य अकादमी, उदयपुर राजस्थान, नागरी लिपि परिषद, 19, गांधी स्मारक निधि, राजघाट, नई दिल्ली के सदस्य हैं। उन्होंने विगत वर्ष 11 अगस्त 2023 को नीमराणा, अलवर, राजस्थान में राठ रंग महोत्सव का आयोजन किया था। उन्हें उपन्यास ‘हीर हम्मो’ पर राजस्थान साहित्य अकादमी का प्रभा खेतान पुरस्कार मिला है।

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