Rajasthan

Invention Story: दृष्टिहीनों को राह दिखाएगा यह हाईटेक चश्मा, कीमत जान रह जाएंगे दंग

कहते है कुछ करने के लिए कोई उम्र नहीं होती और अगर मन मे कुछ अलग करने का जज़्बा हो तो वह करने में उम्र बाधा नहीं बनती है. आज हम बात कर रहे है ग्याहरवीं कक्षा में पढ़ने वाले ऐसे बच्चें के बारे में जिसने नेत्रहीन लोगों के लिए एक ऐसे चश्मे का ईजाद किया है जिसे नेत्रहीन की आखे कहा जा सकता है. अब तक नेत्रहीनों को राह दिखाने के लिए छड़ी का इस्तेमाल होता था लेकिन सरहदी बाड़मेर के बाल वैज्ञानिक ने उनके लिए स्मार्ट विजन ग्लास का चश्मा बनाया है.

यह उन्हें पग पग पर राह दिखाएगा. नेत्रहीनों को चलने-फिरने में आने वाली बाधा को दूर करने के लिए स्वामी विवेकानंद मॉडल स्कूल चौहटन के वाणिजित जोशी ने ऐसा उपकरण बनाया है जो तीन फीट की दूरी से नेत्रहीनों को सतर्क कर देगा. उपकरण का अलार्म बज उठेगा.बाड़मेर के छोटे से गांव चौहटन के वाणिजीत जोशी ने स्कूली शिक्षा के दौरान जो कुछ सीखा उससे वह बना लिया जो नेत्रहीन लोगो के लिए किसी वरदान से कम नहीं है.

1200 रुपए में तैयार हुआ ये चश्माघर के पड़ोस में रहने वाले एक नेत्रहीन को देखकर कुछ करने का मानस बना वही मानस इस खास चश्मे के रूप में धरातल पर उतरा है. इस बच्चें के नवाचार को जिला स्तर के बाद अब राज्य स्तर पर प्रदर्शन के लिए चयनित किया गया है.वाणिजित जोशी के मुताबिक इस चश्मे में हाईटेक अल्ट्रासाउंड सेंसर और माइक्रोकंट्रोलर की मदद से उपयोगी बनाया गया है. इसमे प्रोग्रामिंग ऐसी है कि सामने आने वाले हर चलायमान या निर्जीव बाधा सामने आने पर चश्में में लगे सिस्टम से आवाज निकलना शुरू हो जाती है ताकि दृष्टिहीन व्यक्ति सतर्क हो जाता है. वह बताते है कि इस उपकरण को बनाने में करीब 1200 रुपए का खर्च आया है.

FIRST PUBLISHED : May 20, 2024, 09:24 IST

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