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नागौर क्रिकेट संघ में घोटाला! धनंजय सिंह की शिकायत पर जांच, क्रीड़ा परिषद का राजस्थान स्पोर्ट्स एक्ट के तहत एक्शन

जयपुर में राजस्थान राज्य क्रीड़ा परिषद (RSSC) ने नागौर जिला क्रिकेट संघ (DCA) में गंभीर वित्तीय और प्रशासनिक अनियमितताओं के आरोपों को लेकर बड़ा कदम उठाया है. क्रीड़ा परिषद के सचिव राजेंद्र सिंह ने नागौर के उप रजिस्ट्रार (सोसायटीज) को पत्र लिखकर राजस्थान स्पोर्ट्स (रजिस्ट्रेशन, रिकग्निशन एंड रेगुलेशन ऑफ एसोसिएशंस) एक्ट, 2005 के तहत जांच शुरू करने का आग्रह किया है. यह कार्रवाई नागौर जिला क्रिकेट संघ के पूर्व अध्यक्ष धनंजय सिंह खींवसर की शिकायत के आधार पर की गई है, जिसमें खिलाड़ियों के चयन और वित्तीय प्रबंधन में अनियमितताओं का आरोप लगाया गया है. यह मामला राजस्थान क्रिकेट जगत में हलचल मचा रहा है और इससे स्थानीय क्रिकेट प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं.

शिकायत का आधार और आरोपधनंजय सिंह खींवसर, जो नागौर जिला क्रिकेट संघ के पूर्व अध्यक्ष और राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (RCA) के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष रह चुके हैं, ने क्रीड़ा परिषद को पत्र लिखकर नागौर DCA में गंभीर अनियमितताओं की ओर ध्यान आकर्षित किया. उनकी शिकायत में आरोप लगाया गया है कि संघ में खिलाड़ियों के चयन में पारदर्शिता की कमी रही है और वित्तीय प्रबंधन में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां हुई हैं. खास तौर पर धनंजय ने दावा किया कि कुछ प्रभावशाली व्यक्तियों ने अपने हितों को साधने के लिए नियमों का उल्लंघन किया, जिससे स्थानीय क्रिकेटरों को नुकसान पहुंचा.

क्रीड़ा परिषद का त्वरित एक्शनराजेंद्र सिंह, क्रीड़ा परिषद के सचिव ने इस शिकायत को गंभीरता से लेते हुए तत्काल कार्रवाई की. उन्होंने नागौर के उप रजिस्ट्रार (सोसायटीज) को पत्र लिखकर राजस्थान स्पोर्ट्स एक्ट, 2005 की धारा 23 और 24 के तहत जांच शुरू करने का निर्देश दिया. इस एक्ट के तहत, खेल संगठनों में अनियमितताओं की जांच के लिए एक स्वतंत्र समिति गठित की जा सकती है और दोषी पाए जाने पर संगठन का पंजीकरण रद्द करने या अन्य दंडात्मक कार्रवाई की जा सकती है. क्रीड़ा परिषद ने यह भी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि जांच पारदर्शी और समयबद्ध हो ताकि दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई हो सके.

नागौर DCA और RCA का इतिहासनागौर जिला क्रिकेट संघ पहले भी विवादों में रहा है. 2017 में राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (RCA) ने नागौर DCA और इसके तत्कालीन सचिव राजेंद्र सिंह नांधू को निलंबित कर दिया था, जिसे ललित मोदी गुट से जोड़ा जाता था. इसके बाद, धनंजय सिंह खींवसर को 2022 में नागौर DCA का अध्यक्ष चुना गया था और उनके नेतृत्व में संघ ने कई गतिविधियां आयोजित की. हालांकि, हाल के वर्षों में RCA और क्रीड़ा परिषद के बीच वित्तीय अनियमितताओं और प्रशासनिक विवादों को लेकर तनाव रहा है. फरवरी 2024 में क्रीड़ा परिषद ने RCA कार्यालय को सील कर दिया था और मार्च 2024 में RCA की कार्यकारी समिति को भंग कर एक तदर्थ समिति गठित की गई थी, जिसमें धनंजय सिंह खींवसर को सदस्य बनाया गया था.

राजस्थान स्पोर्ट्स एक्ट, 2005 का महत्वराजस्थान स्पोर्ट्स (रजिस्ट्रेशन, रिकग्निशन एंड रेगुलेशन ऑफ एसोसिएशंस) एक्ट, 2005 राज्य में खेल संगठनों के पंजीकरण, मान्यता और नियमन के लिए एक महत्वपूर्ण कानून है. इस एक्ट की धारा 23 के तहत किसी भी खेल संगठन में अनियमितताओं की शिकायत पर जांच शुरू की जा सकती है और धारा 24 के तहत दोषी संगठन का पंजीकरण रद्द किया जा सकता है. इस कानून के तहत क्रीड़ा परिषद को यह अधिकार है कि वह खेल संगठनों की गतिविधियों की निगरानी करे और अनियमितताओं पर कठोर कार्रवाई करे.

स्थानीय और राजनीतिक प्रतिक्रियाइस मामले ने नागौर और राजस्थान के क्रिकेट समुदाय में हलचल मचा दी है. धनंजय सिंह खींवसर, जो राज्य के स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर के पुत्र हैं, एक प्रभावशाली राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखते हैं. उनकी शिकायत को कुछ लोग RCA और क्रीड़ा परिषद के बीच चल रहे आंतरिक विवादों का हिस्सा मान रहे हैं. सोशल मीडिया पर भी इस मुद्दे पर चर्चा तेज है, जहां कुछ लोग धनंजय की शिकायत को क्रिकेट प्रशासन में सुधार की दिशा में कदम मान रहे हैं, जबकि अन्य इसे राजनीतिक दबाव का हिस्सा बता रहे हैं.

आगे की राहक्रीड़ा परिषद के निर्देश पर उप रजिस्ट्रार (सोसायटीज) अब इस मामले की गहन जांच शुरू करेगा. जांच में वित्तीय लेखा-जोखा, खिलाड़ी चयन प्रक्रिया और अन्य प्रशासनिक प्रक्रियाओं की गहन पड़ताल की जाएगी. यदि अनियमितताएं सिद्ध होती हैं तो नागौर DCA के खिलाफ कठोर कार्रवाई हो सकती है, जिसमें पंजीकरण रद्द करना या नई कार्यकारी समिति का गठन शामिल हो सकता है.

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