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Health Tips: विष में भी है औषधि का वरदान: धतूरा कर सकता है कई रोगों का इलाज, लेकिन ज़रा संभलकर!

Last Updated:October 18, 2025, 17:34 IST

Health Tips: भरतपुर और आसपास के क्षेत्रों में पाए जाने वाला धतूरा पौधा अपने औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है. आयुर्वेदाचार्यों के अनुसार, यह विषैला होने के बावजूद चर्म रोग, पेट संबंधी समस्याएं और वात-पित्त-कफ विकारों के उपचार में बेहद लाभकारी है. इसके पत्ते, बीज और तेल का उपयोग केवल विशेषज्ञ डॉक्टर की सलाह से ही किया जाना चाहिए, क्योंकि ज़रा सी लापरवाही इसके औषधीय गुणों को ज़हर में बदल सकती है.

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भरतपुर. हमारे आसपास के खेत-खलिहानों और गांवों में कई ऐसी वनस्पतियां पाई जाती हैं. जो औषधीय गुणों से भरपूर होती हैं. इन्हीं में से एक पौधा है धतूरा जो देखने में साधारण लगने के बावजूद अपने भीतर अनेक औषधीय गुण समेटे हुए है. आयुर्वेद में धतूरे को कई रोगों के उपचार में उपयोगी माना गया है. लेकिन यह पौधा अत्यधिक विषैला भी होता है, इसलिए इसका उपयोग केवल विशेषज्ञ आयुर्वेद चिकित्सक की देखरेख में ही करना चाहिए.

वरिष्ठ आयुर्वेदाचार्य डॉ. चंद्रप्रकाश दीक्षित ने लोकल 18 को बताया कि धतूरा प्राचीन काल से आयुर्वेद में एक महत्वपूर्ण औषधि के रूप में प्रयोग किया जाता रहा है. उन्होंने बताया कि यह पौधा चर्म रोग त्वचा संबंधी समस्याओं, उदार रोग पेट संबंधी, समस्याओं और वात-पित्त-कफ से जुड़ी कई बीमारियों में लाभदायक माना जाता है. इसके पत्ते, बीज, फल और फूल सभी में औषधीय तत्व पाए जाते हैं. जो शरीर के लिए काफी अच्छे होते है.

धतूरे का पंचामृत भी शरीर के लिए लाभकारी

डॉ. दीक्षित ने बताया कि धतूरे का पंचामृत भी शरीर के लिए लाभकारी माना जाता है. इसका उपयोग आयुर्वेदिक दवाओं में संतुलित मात्रा में किया जाता है. जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में सहायक होता है. वहीं धतूरे का तेल जोड़ों के दर्द, त्वचा संक्रमण और सूजन में भी राहत देता है. हालांकि उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि धतूरा एक विषैला पौधा है. इसके बीज और पत्तों में मौजूद तत्व अल्कलॉइड की मात्रा अधिक होती है. जो शरीर में जाने पर गंभीर दुष्प्रभाव पैदा कर सकती है.

इसलिए इसका प्रयोग केवल डॉक्टर की सलाह और देखरेख में ही करना चाहिए. बिना जानकारी या घरेलू प्रयोग करने पर यह औषधि ज़हर का काम भी कर सकती है. डॉ. दीक्षित ने बताया कि भरतपुर और आसपास के क्षेत्रों में यह पौधा प्राकृतिक रूप से काफी मात्रा में पाया जाता है. खेतों बंजर जमीनों और सड़कों के किनारे धतूरे के पौधे अक्सर देखे जा सकते हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में लोग पारंपरिक ज्ञान के आधार पर इसका उपयोग करते हैं. लेकिन आधुनिक चिकित्सा विज्ञान के अनुसार यह तरीका सुरक्षित नहीं है. आयुर्वेदाचार्य का कहना है कि यदि सही मात्रा और विधि से इसका प्रयोग किया जाए तो यह शरीर के कई रोगों में वरदान है.

डिस्क्लेमर –यह जानकारी आयुर्वेद डॉक्टर द्वारा बताई गई हैं. लोकल 18 किसी भी बात की पुष्टि नहीं करता इस औषधि का उपयोग डॉक्टरों की देखरेख और सलाह पर ही करे 

Monali Paul

Hello I am Monali, born and brought up in Jaipur. Working in media industry from last 9 years as an News presenter cum news editor. Came so far worked with media houses like First India News, Etv Bharat and NEW…और पढ़ें

Hello I am Monali, born and brought up in Jaipur. Working in media industry from last 9 years as an News presenter cum news editor. Came so far worked with media houses like First India News, Etv Bharat and NEW… और पढ़ें

Location :

Bharatpur,Rajasthan

First Published :

October 18, 2025, 17:34 IST

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भरतपुर के आयुर्वेद विशेषज्ञ की सलाह से जाने धतूरा के औषधीय गुण और उपयोग

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