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ipl vaibhav suryavanshi ms dhoni I धोनी के सामने बवाल होगा, छोटा बम बड़ा धमाका करने की तैयारी में

नई दिल्ली. दिल्ली में मंगलवार की शाम कई मायनों में यादगार होगी क्योंकि दो बाहर की टीमें मैच खेलेंगी, धोनी के सामने वैभव सूर्यवंशी मैदान पर होंगे और मैच में हार और जीत से अंकतालिका पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा. प्ले ऑफ की दौड़ से पहले ही बाहर हो चुकीं और अंतिम दो स्थान पर चल रही चेन्नई सुपर किंग्स और राजस्थान रॉयल्स की टीम मंगलवार को यहां जब इंडियन प्रीमियर लीग में आपस में भिड़ेंगी जो उनकी नजरें इस मुकाबले को जीतकर अपनी प्रतिष्ठा बचाने पर टिकी होंगी.

मंगलवार का मैच रॉयल्स के लिए 2025 सत्र का आखिरी मैच है. टीम के पास इस सत्र में वैभव सूर्यवंशी के रूप में असाधारण प्रतिभा खोजने के अलावा दिखाने के लिए कुछ भी नहीं है. नीलामी में खराब गेंदबाजी विकल्प चुनने का जयपुर की टीम को सबसे अधिक नुकसान हुआ है और इसके अलावा उसके मध्य क्रम का प्रदर्शन भी प्रभावशाली नहीं रहा.

राजस्थान रॉल्यस का फ्लॉप शो 

रॉयल्स की टीम अगर 10 टीम की तालिका में नौवें स्थान पर हैं तो इसका मुख्य कारण उनके गेंदबाजों का औसत प्रदर्शन और शीर्ष क्रम के बल्लेबाजों पर अत्यधिक निर्भरता है. जोस बटलर को टीम से जाने देने और जोफ्रा आर्चर के खराब प्रदर्शन के कारण रॉयल्स के सामने कई चुनौतियां रहीं.  विपक्षी टीम को दबाव में डालने की क्षमता रखने वाले एक अच्छे भारतीय गेंदबाज की कमी भी टीम की बड़ी कमजोरी रही है. अगर मुंबई इंडियंस की टीम वापसी करने में सफल रही तो इसकी सबसे बड़ी वजह स्टार तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह और ट्रेंट बोल्ट थे.  अगर गुजरात टाइटंस की स्थिति मजबूत है तो इसकी वजह मोहम्मद सिराज और प्रसिद्ध कृष्णा हैं जिन्होंने मिलकर 30 से अधिक विकेट लिए हैं. रॉयल्स की टीम के साथ मौजूदा सत्र में ऐसा देखने को नहीं मिला.  उन्होंने बल्लेबाजी में कुछ शानदार शुरुआत की जैसे कि रविवार को पंजाब किंग्स के खिलाफ जब उन्होंने शुरुआती पांच ओवर में 70 से अधिक रन बनाए लेकिन टीम फिर भी मैच हार गई.

चेन्नई नहीं कर पाई चमत्कार 

चेन्नई सुपरकिंग्स की टीम बदलाव के दौर से गुजर रही है और परखे हुए खिलाड़ियों को शामिल करने का उसका पुराना फार्मूला मौजूदा सत्र में पूरी तरह से विफल रहा जिससे टीम का प्रदर्शन बुरी तरह प्रभावित हुआ है. सुपरकिंग्स को राहुल त्रिपाठी और दीपक हुड्डा से बहुत ज्यादा उम्मीदें थी.  भारत के लिए खेलने के अनुभव ने उन्हें फ्रेंचाइजी के साथ अनुबंध दिलाया होगा लेकिन वे दबाव की स्थिति में लगातार मैच जीतने वाला प्रदर्शन नहीं कर पाए. आयुष म्हात्रे, शेख रशीद और उर्विल पटेल जैसे युवा खिलाड़ियों के आने से टीम के पुनर्निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो गई है. बीस वर्षीय म्हात्रे रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के खिलाफ शतक लगाने के करीब पहुंचे और सनराइजर्स हैदराबाद तथा मुंबई इंडियन्स के खिलाफ भी अच्छा प्रदर्शन किया. कप्तान रुतुराज गायकवाड़ के टूर्नामेंट से बाहर होने से टीम की मुश्किलें और बढ़ गईं. कई लोगों को उम्मीद थी कि धोनी के कप्तान के रूप में वापस आने से टीम की किस्मत बदल जाएगी लेकिन इतने सीमित संसाधनों के साथ वह भी कुछ खास नहीं कर सके.

दिल्ली के दंगल के लिए दोनों टीमों की प्लेइंग इलेवन 

चेन्नई सुपरकिंग्स: महेंद्र सिंह धोनी (कप्तान), शेख रशीद, आयुष म्हात्रे, दीपक हुडा, सैम कुरेन, रविंद्र जडेजा, डेवाल्ड ब्रेविस, शिवम दुबे, नूर अहमद, खलील अहमद, मथीशा पथिराना, अंशुल कंबोज

राजस्थान रॉयल्स: संजू सैमसन (कप्तान) , शुभम दुबे, फजलहक फारूकी, वानिंदु हसरंगा, शिमरोन हेटमायर, यशस्वी जयसवाल, ध्रुव जुरेल, , क्वेना मफाका, रियान पराग,  वैभव सूर्यवंशी, महेश तीक्षणा, युद्धवीर सिंह

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