IPS Story: हाथ में पिस्टल लेकर सड़कों पर उतरने वाले पुलिस अधिकारी कौन हैं? थाने में बैठकर करते थे पढ़ाई!
IPS Story, UP News, Bahraich News: बहराइच में इस समय हिंसा हो रही है. यहां मूर्ति विसर्जन के दौरान हुए विवाद ने उग्र रूप ले लिया है, जिसके बाद यूपी पुलिस के बड़े-बड़े अफसर इसे रोकने में लगे हैं. इसी बीच एक आईपीएस और यूपी पुलिस के सीनियर अफसर का वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वह दंगाइयों से निपटने के लिए हाथ में पिस्टल लेकर चल रहे हैं. आपको बता दें कि इस आईपीएस अधिकारी का नाम अमिताभ यश है. अमिताभ यश मूल रूप से बिहार के भोजपुर जिले के रहने वाले हैं. खास बात यह है कि उनके पिता रामयश सिंह भी बिहार कैडर के आईपीएस अफसर थे और डीआईजी के पद से रिटायर हुए थे. वर्तमान में अमिताभ यश उत्तर प्रदेश के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर के पद पर हैं.
पुलिस स्टेशन में हुई पढ़ाई-लिखाईपुलिस वाले के बेटे होने के कारण अमिताभ यश का बचपन पुलिस वालों के बीच ही बीता. 11 अप्रैल 1971 को जन्मे अमिताभ यश ने एक पुराने इंटरव्यू में बताया है कि कई बार तो बचपन में उनकी पढ़ाई-पढ़ाई पुलिस स्टेशन में ही होती थी. कई बार वह पुलिस स्टेशन की मेज पर किताब-कॉपी रखकर पढ़ाई करते थे. एक इंटरव्यू में उन्होंने यह भी बताया था कि थाने में कार्यरत कई पुलिसकर्मियों ने उन्हें अक्षरों के बारे में बताया. यही नहीं, घर आने में देर होने पर कई बार उन्हें थाने के बैरकों में मिलने वाला भोजन भी करना पड़ता था. इस तरह बचपन से ही उनका जुड़ाव पुलिस से हो गया, लेकिन हकीकत यह थी कि अमिताभ यश के पिता उन्हें पुलिस से दूर रखना चाहते थे, लेकिन यूपीएससी पास करके जब वह आईपीएस बने, तो पिता ने उन्हें बहुत सारी बारीकियां भी सिखाईं.
IIT कानपुर से की मास्टर डिग्री शुरुआती पढ़ाई के बाद अमिताभ यश हायर एजुकेशन के लिए दिल्ली आ गए. उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से ग्रेजुएशन किया. इसके बाद मास्टर डिग्री के लिए उनका चयन आईआईटी कानपुर के लिए हो गया, जहां से उन्होंने केमिस्ट्री में मास्टर की डिग्री ली. इसके बाद उन्होंने वर्ष 1996 में यूपीएससी परीक्षा पास की और आईपीएस बन गए. 4 सितंबर 1998 को उन्हें यूपी पुलिस में कन्फर्मेशन मिली.
कहां-कहां रही पोस्टिंग आईपीएस बनने के बाद अमिताभ यश को बतौर पुलिस अधीक्षक सबसे पहले संतकबीरनगर जिले में तैनात किया गया. 11 महीने के कार्यकाल के बाद उनका तबादला बाराबंकी के लिए हो गया. इसके बाद वह हरदोई, जालौन, सहारनपुर, महाराजगंज, सीतापुर, बुलंदशहर, नोएडा और कानपुर में बतौर SP और SSP तैनात रहे. 2007 में उन्हें एसटीएफ (STF) का एसएसपी बनाया गया. इसी दौरान उन्होंने बुंदेलखंड के कुख्यात डकैत ददुआ गिरोह का सफाया किया था. वर्ष 2017 में अमिताभ यश को एसटीएफ का आईजी (IG) बनाया गया. इसके बाद जनवरी 2021 में वह एसटीएफ के एडीजी (ADG) बन गए. अभी जनवरी 2024 में उन्हें उत्तर प्रदेश का एडीजी लॉ एंड ऑर्डर की जिम्मेदारी दी गई है.
अमिताभ को कहते हैं एनकाउंटर स्पेशलिस्टयूपी पुलिस जॉइन करने के बाद अमिताभ यश कई अलग-अलग पदों पर रहे. वह कुछ समय तक यूपी एसटीएफ में भी रहे. अमिताभ यश को यूपी पुलिस का एनकाउंटर स्पेशलिस्ट माना जाता है. बताया जाता है कि अब तक वह 150 से अधिक शातिर अपराधियों का खात्मा कर चुके हैं. अमिताभ यश के नाम चंबल घाटी में निर्भय गैंग से लेकर ददुआ गैंग को खत्म करने का रिकॉर्ड भी शामिल है. इसके अलावा विकास दुबे, अतीक अहमद समेत न जाने कितने बदमाशों को सबक सिखाने में भी उनकी अहम भूमिका मानी जाती है. उमेश पाल हत्याकांड में शामिल अतीक के बेटे असद का एसटीएफ ने एनकाउंटर कर दिया उस समय एसटीएफ की टीम को अमिताभ यश ही लीड कर रहे थे.
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FIRST PUBLISHED : October 14, 2024, 15:12 IST