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45 सालों में बढ़ी प्रचंड हीटवेव, आठ दिनों की बजाय 12 दिनों तक इंसानों को झुलसा रही गर्मी | Extreme heatwave increased in 45 years heat scorching humans for 12 days instead of eight days

2016 के बाद बढ़ी हीटवेव की अवधि

प्रचंड लहरों के दौर में उच्चतम तापमान लगभग चार दशक पहले की तुलना में अधिक गर्म हो गया है। रिसर्च के को-राइटर वेई झांग के अनुसार यह शोध न केवल तापमान व क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करता है, बल्कि भीषण गर्मी कितने समय तक रहती है और यह महाद्वीपों में कैसे फैलती है इस पर भी फोकस करता है। 1979-1983 तक वैश्विक गर्मी की लहरें औसतन आठ दिनों तक चलती थीं, लेकिन 2016-2020 तक ये 12 दिनों तक बढ़ गईं।

यूरोप और एशियाई देशों पर सबसे ज्यादा असर

गर्मी के इस दौर से सबसे ज्यादा यूरोप और एशियाई देशों पर प्रभाव पड़ा है। वहीं अफ्रीकी देशों में गर्मी की लहरें सर्वाधिक धीमी हुई हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि शोध चेतावनी देता है कि जलवायु परिवर्तन गर्मी की लहरों को कई मायनों में और भी खतरनाक बना देता है। रिसर्च टीम ने कम्प्यूटर तकनीक की मदद से दिखाया कि यह परिवर्तन कोयले, तेल और प्राकृतिक गैस के जलने से होने वाले उत्सर्जन से उपजी गर्मी का परिणाम था।

और बुरे असर से बचने के लिए उपाय जरूरी

अध्ययन मौसम के पैटर्न में होने वाले बदलावों पर भी गौर करता है, जो गर्मी की लहरों को फैलाते हैं। वायुमंडलीय तरंगें जो मौसम प्रणालियों को अपने साथ ले जाती हैं, जैसे कि जेट स्ट्रीम असल में लगातार कमजोर हो रही हैं इसलिए वे गर्मी की लहरों को उतनी तेजी से नहीं ले जा रही हैं। यदि ग्रीन हाउस गैस बढ़ती रहीं और कोई प्रभावी उपाय नहीं किए गए तो लंबे समय तक धीमी गति से चलने वाली भीषण गर्मी की लहरें भविष्य में प्राकृतिक और सामाजिक प्रणालियों पर अधिक विनाशकारी प्रभाव डालेंगी।

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