IRCTC Case: हुजूर हम निर्दोष हैं, बरी कर दीजिए- लालू-राबड़ी और तेजस्वी की कोर्ट से गुहार, जज ने पट से कही यह बात – irctc case lalu prasad Yadav Tejaswi Yadav rabri devi plead not guilty judge postpone hearing

Last Updated:March 29, 2025, 23:17 IST
IRCTC Case: IRCTC अनियमितता मामले में कोर्ट ने लालू प्रसाद यादव, तेजस्वी यादव और राबड़ी देवी की दलीलें सुनीं. तीनों ने कोर्ट से एक ही गुहार लगाई, लेकिन जज ने मामले का पोस्टपोन कर दिया.
लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव ने IRCTC मामले में खुद को निर्दोष बताया है.
नई दिल्ली. राष्ट्रीय जनता दल (RJD) प्रमुख लालू प्रसाद, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटे तेजस्वी यादव ने शनिवार को दिल्ली की एक अदालत से आईआरसीटीसी में साल 2004 से 2014 के बीच हुई कथित अनियमितताओं से जुड़े भ्रष्टाचार के एक मामले में उन्हें बरी करने का आग्रह किया. तीनों ने स्पेशल जज विशाल गोगने के समक्ष दलीलें पेश करते हुए दावा किया कि सीबीआई का मामला चुनिंदा लोगों को आरोपी बनाने पर आधारित है और उन पर लगाए गए आरोप झूठे हैं. उन्होंने मामले में आरोप तय करने के लिए हुई बहस के दौरान सीनियर एडवोकेट मनिंदर सिंह के जरिये अपनी दलीलें पेश कीं.
लालू, राबड़ी और तेजस्वी के खिलाफ आपराधिक साजिश रचने, धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार सहित विभिन्न अपराधों के लिए आरोप पत्र दाखिल किया गया है, जिनके लिए अधिकतम 7 साल की जेल की सजा का प्रावधान है. तीनों ने कोर्ट के समक्ष दावा किया कि सीबीआई की ओर से उनके खिलाफ लगाए गए आरोप झूठे, सेलेक्टिव नेचर के और प्रायोजित हैं. उन्होंने कहा कि सीबीआई के पास उन पर मुकदमा चलाने के लिए सबूतों का अभाव है. मामले की सुनवाई 21 अप्रैल को फिर से शुरू होगी.
यूपीए-1 से जुड़ा है मामलासुनवाई के दौरान जज ने कहा कि ए-1 से लेकर ए-4 (लालू, राबड़ी, तेजस्वी और लारा प्रोजेक्ट्स एलएलपी) तक की आंशिक दलीलें सुनी गईं. आगे की दलीलें पेश करने के लिए मामले को लिस्ट किया जाए. केंद्र में यूपीए की पहली सरकार में रेल मंत्री रहे लालू यादव ने पहले इस मामले में उनके खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए सीबीआई की ओर से ली गई मंजूरी की वैधता पर सवाल उठाया था. सीबीआई ने 28 फरवरी को अदालत को बताया था कि आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त सबूत मौजूद हैं. यह मामला आईआरसीटीसी के दो होटल के ऑपरेशन का ठेका एक निजी कंपनी को दिए जाने में हुई कथित अनियमितताओं से जुड़ा है.
सीबीआई की दलीलसीबीआई की ओर से दाखिल आरोप पत्र के मुताबिक, साल 2004 से 2014 के बीच एक साजिश रची गई, जिसके तहत पुरी (ओडिशा) और रांची (झारखंड) में स्थित भारतीय रेलवे के बीएनआर होटल को पहले आईआरसीटीसी को हस्तांतरित किया गया था. बाद में पटना स्थित सुजाता होटल्स प्राइवेट लिमिटेड को पट्टे पर इनके संचालन और रखरखाव का जिम्मा दे दिया गया था. जांचे एजेंसी ने आरोप लगाया है कि निविदा प्रक्रिया में धांधली एवं हेराफेरी की गई और निजी पक्ष-सुजाता होटल्स-की मदद करने के लिए शर्तों में बदलाव किया गया.
कई नामजदआरोप पत्र में आईआरसीटीसी के तत्कालीन समूह महाप्रबंधक वीके अस्थाना और आरके गोयल और सुजाता होटल्स के निदेशक और चाणक्य होटल के मालिक विजय कोचर और विनय कोचर को भी नामजद किया गया है. अब लारा प्रोजेक्ट्स के नाम से जानी जाने वाली डिलाइट मार्केटिंग कंपनी को भी आरोप पत्र में आरोपी के तौर पर शामिल किया गया है.
Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
March 29, 2025, 23:17 IST
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