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क्या बच्चों को ‘शाकाहारी’ बनाना सही है? दुनिया की सबसे बड़ी रिसर्च में आया जवाब, क्या होगा फायदा

Last Updated:December 23, 2025, 14:22 IST

Vegetarian diet boost kid health: क्या बच्चों को शाकाहारी बनाना चाहिए. आज की तारीख में अधिकांश माता-पिता ऐसा नहीं सोचते. लेकिन एक बड़ी रिसर्च में यह बात सामने आई है कि शाकाहारी आहार बच्चों के हार्ट को मजबूत बनाने के लिए परफेक्ट है.क्या बच्चों को 'शाकाहारी' बनाना सही है? दुनिया की सबसे बड़ी रिसर्च में आया सचबच्चों को बेजिटेरियन डाइट देने से क्या होता है.

Is a vegan diet safe for kids: आजकल अक्सर कहा जाता है कि बच्चों को पौष्टिक चीजें खिलाओ जिससे उन्हें ताकत मिलती है? पौष्टिक चीजों में आमतौर पर लोग यह मान बैठते हैं कि इसके लिए मटन-मछली-अंडा ही है लेकिन ऐसा नहीं है. दुनिया में अपनी तरह की सबसे बड़ी रिसर्च में यह बात साबित हुई है कि प्लांट बेस्ड डाइट यानी पूरी तरह शाकाहारी भोजन भी बच्चों के हार्ट को मजबूत कर सकता है.

रिसर्च में क्या साबित हुआ
जर्नल ‘क्रिटिकल रिव्यूज इन फूड साइंस एंड न्यूट्रिशन‘ में प्रकाशित इस मेटा-एनालिसिस में 18 देशों के 48,000 से अधिक बच्चों और किशोरों के डेटा का गहराई से अध्ययन किया गया. वैज्ञानिकों ने रिसर्च में पाया कि अगर सही तरीके से प्लानिंग की जाए और जरूरी सप्लीमेंट्स शामिल किए जाएं तो शाकाहारी और वीगन डाइट बच्चों के विकास में पूरी तरह सहायक हो सकती है. शाकाहारी डाइट का मतलब होता है जिसमें जानवरों का मांस नहीं हो जबकि वीगन डाइट में जानवरों की कोई चीज न हो, जैसे दूध भी नहीं. वीगन डाइट में सिर्फ प्लांट बेस्ड फूड होते हैं. रिसर्च के अनुसार शाकाहारी बच्चे उन बच्चों के मुकाबले ज्यादा हेल्दी हो सकते हैं जो मांस-मछली खाते हैं. हालांकि इसके लिए शाकाहारी भोजन में पौष्टिक चीजों का समावेश किया जाए.

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शाकाहारी बच्चों को मिलने वाले फायदे

रिसर्च में पाया गया कि जो बच्चे मांस नहीं खाते, उनके शरीर में कुछ पोषक तत्वों की मात्रा बहुत अच्छी रहती है. ऐसे बच्चों में फाइबर की मात्रा ज्यादा होती है जिसके कारण उनका पाचन तंत्र बेहतरीन काम करता है. इसी तरह उसे विटामिन सी और फोलेट मिलता है जिससे इम्यूनिटी और खून बनाने में मदद मिलती है. ऐसे बच्चों में मैग्नीशियम और आयरन की मात्रा भी भऱपूर रहती है जो हड्डियों और ऊर्जा के लिए जरूरी है. खास बात यह है कि जो बच्चे शाकाहारी थे उनमें बैड कोलेस्ट्रॉल का लेवल काफी कम पाया गया जो भविष्य में दिल की बीमारियों के खतरे को कम करता है.

लेकिन सतर्कता जरूरी

वैज्ञानिकों ने आगाह किया है कि अगर सतर्कता से काम नहीं लिया गया तो शाकाहारी और खासकर वीगन (जो दूध और शहद भी नहीं लेते) बच्चों में कुछ पोषक तत्वों की भारी कमी हो सकती है. रिसर्च में बिना सप्लीमेंट या फोर्टिफाइड फूड (किलेबंदी वाले खाद्य पदार्थ) के शाकाहारी बच्चों में विटामिन B12 का स्तर बहुत कम पाया गया. इसकी कमी से दिमाग और नसों पर बुरा असर पड़ सकता है. वहीं वीगन बच्चों में कैल्शियम की मात्रा बहुत कम देखी गई, जो हड्डियों के विकास के लिए खतरा है.शाकाहारी बच्चों में मांस खाने वाले बच्चों की तुलना में प्रोटीन और फैट का सेवन कम पाया गया.

क्या शाकाहारी बच्चों का कद छोटा रह जाता है?

स्टडी में एक दिलचस्प बात सामने आई कि शाकाहारी और वीगन बच्चे मांस खाने वाले बच्चों की तुलना में थोड़े दुबले और हल्के होते हैं. उनका बीएमआई और शरीर में फैट की मात्रा कम होती है. हालांकि वे कद में भी मामूली रूप से छोटे पाए गए. वैज्ञानिकों का कहना है कि यह अंतर बहुत बड़ा नहीं है, लेकिन विकास के शुरुआती सालों में पोषण पर ध्यान देना जरूरी है.

पैरेंट्स के लिए वैज्ञानिकों की 5 बड़ी सलाह 

विटामिन B12 सप्लीमेंट: डॉक्टर की सलाह पर B12 का सप्लीमेंट जरूर दें, क्योंकि यह पौधों से मिलने वाले भोजन में कम होता. हालांकि दूध और हरी सब्जियों में पर्याप्त मात्रा में विटामिन बी 12 होता है.
कैल्शियम का ख्याल: वीगन बच्चों के लिए फोर्टिफाइड प्लांट मिल्क या कैल्शियम युक्त सब्जियां शामिल कर सकते हैं.
आयोडीन और जिंक: नमक में आयोडीन होना चाहिए और दाल और नट्स में जिंक का संतुलन भी होना चाहिए. विकास कर रहे बच्चों में जिंक की कमी नहीं होनी चाहिए.
बैलेंस्ड डाइट: सिर्फ जंक फूड (जैसे चिप्स या नूडल्स) शाकाहार नहीं है. ताजी हरी सब्जियां, फल, फलियां और नट्स का समुचित सेवन करना जरूरी है.
एक्सपर्ट की सलाह-रिसर्च की लीड ऑथर डॉ. मोनिका दिनु कहती हैं कि शाकाहार बच्चों के लिए एक बेहतरीन विकल्प है और इसके कई स्वास्थ्य लाभ हैं, लेकिन माता-पिता को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि यह भोजन पौष्टिक है और इसमें विटामिन बी 12, कैल्शियम, जिंक को संतुलन बनाए रखना चाहिए.
About the AuthorLakshmi Narayan

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First Published :

December 23, 2025, 13:54 IST

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