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Israel-Hamas War: China’s stance towards war in ICJ | Israel-Hamas War: ICJ में चीन ने सीजफायर के लिए मांगी ये मांग, बोला- तभी हो सकता है युद्धविराम

अमेरिका का तर्क का समर्थन नहीं दूसरी तरफ चीन ने अमेरिका का युद्ध के प्रति रुख का विरोध किया। चीन ने बयान दिया कि अमेरिका ने जो युद्ध के बारे में कहा है वो वर्तमान हालातों के बिल्कुल विपरीत है। अमेरिकियों ने कल इस बात पर जोर दिया कि दोनों पक्ष कूटनीति के जरिए इसका समाधान निकालेंगे, लेकिन अमेरिका की मध्यस्थता में हुई बातचीत इजराइल के प्रति पक्षपातपूर्ण रही है, जिसका समर्थन नहीं किया जा सकता।

चीन ने कहा कि अमेरिका ने मध्य पूर्व में प्रासंगिक बने रहने के लिए फिलिस्तीनी क्षेत्रों पर इजरायल के कब्जे का इस्तेमाल किया है और वह इसे उत्तोलन के रूप में इस्तेमाल करते हुए फिलिस्तीनी लोगों के कब्जे में निवेश करता है। इसलिए, अमेरिका को तटस्थ मध्यस्थ नहीं माना जा सकता।

बता दें कि अमेरिका (America) ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र और ICJ को इजरायल और फिलिस्तीन के बीच द्विपक्षीय मुद्दे से दूर रहना चाहिए। इधर चीन का कहना है कि संयुक्त राष्ट्र के लिए फिलिस्तीनी लोगों के आत्मनिर्णय के बारे में बात करना निश्चित रूप से एक मुद्दा है और इस पर बात होनी चाहिए। लेकिन अमेरिका ने जो तर्क दिया कि इजराइल को आत्मरक्षा का अधिकार है, इसीलिए वो कब्ज़ा जारी रखना चाहता है लेकिन इजरायल फिलिस्तीन पर कब्जा करने वाला एक विदेशी राष्ट्र है। इसलिए आत्मरक्षा का अधिकार इजरायलियों की तुलना में फिलिस्तीनियों के पास ज्यादा है। चीन ने कहा कि दुनिया की सर्वोच्च अदालत से आने वाली सलाहकारी राय वास्तव में बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि ये भविष्य की किसी भी बातचीत का मार्गदर्शन करेगी।

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