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ISRO Satellite Launch For Indian Navy GSAT-7R CMS 03 Ocean Communication And Surveillance | बाहुबली रॉकेट से इसरो ने लॉन्च किया नौसेना का सबसे ताकतवर सैटेलाइट – हिंद महासागर में भारत की निगरानी अब होगी और भी घातक

Agency:एजेंसियां

Last Updated:November 02, 2025, 20:14 IST

Indian Navy Satellite Launch: इसरो ने एलवीएम3-एम5 रॉकेट से भारतीय नौसेना का सबसे उन्नत संचार सैटेलाइट जीसैट-7आर सफलतापूर्वक लॉन्च किया. 4,410 किलोग्राम वजनी यह उपग्रह नौसेना की समुद्री निगरानी, संचार और रणनीतिक क्षमताओं को कई गुना बढ़ाएगा.स्पेस में नेवी की नई आंखें, बाहुबली रॉकेट से ISRO ने भेजा सबसे ताकतवर सैटेलाइटवो पल जब CMS03 को लेकर उड़ा LVM3M5 (Photos : ISRO)

श्रीहरिकोटा: भारत की अंतरिक्ष शक्ति ने एक बार फिर दुनिया को चौंका दिया है. इसरो ने रविवार को भारतीय नौसेना के अत्याधुनिक संचार उपग्रह जीसैट-7आर (सीएमएस-03) को सफलतापूर्वक लॉन्च किया. यह मिशन सिर्फ एक तकनीकी उपलब्धि नहीं बल्कि हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की समुद्री शक्ति और निगरानी क्षमता को कई गुना बढ़ाने वाला कदम है. करीब 4,410 किलोग्राम वजनी यह उपग्रह अब तक का भारत का सबसे भारी संचार उपग्रह है. इसे श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से बाहुबली रॉकेट एलवीएम3-एम5 के जरिए प्रक्षेपित किया गया. इस मिशन ने एक बार फिर साबित किया कि भारत न सिर्फ आत्मनिर्भर है, बल्कि अंतरिक्ष रक्षा क्षेत्र में तेजी से महाशक्ति बनता जा रहा है. इसरो ने लॉन्च के तुरंत बाद घोषणा की – ‘सीएमएस-03 सफलतापूर्वक पृथक हुआ. मिशन सफल रहा.’

क्यों खास है इसरो का यह सैटेलाइट?

जीसैट-7आर पूरी तरह स्वदेशी तकनीक से विकसित किया गया है. यह नौसेना के जहाजों, पनडुब्बियों, विमानों और कमांड सेंटर्स को एक सुरक्षित, रीयल-टाइम नेटवर्क में जोड़ेगा.
इससे समुद्र के किसी भी हिस्से में मौजूद भारतीय नौसैनिक बलों को तेज़ी से सूचना और आदेश मिल सकेंगे. इसके ट्रांसपोंडर विभिन्न बैंडों में आवाज, डेटा और वीडियो लिंक को सपोर्ट करने की क्षमता रखते हैं. यह नौसेना के ऑपरेशन्स को पहले से अधिक सटीक और प्रभावशाली बनाएगा.
जीसैट-7आर का लॉन्च न केवल नौसेना की क्षमता को बढ़ाएगा बल्कि भारत की सामरिक स्थिति को भी मजबूत करेगा. हिंद महासागर में लगातार बढ़ते चीनी नौसैनिक प्रभाव के बीच यह सैटेलाइट भारत को वास्तविक समय में निगरानी और त्वरित प्रतिक्रिया की क्षमता देगा.
विशेषज्ञों के अनुसार, यह मिशन भारत की ‘स्पेस-बेस्ड नेवी नेटवर्क’ को पूरी तरह आत्मनिर्भर बनाएगा. आने वाले समय में इससे ड्रोन कम्युनिकेशन, पनडुब्बी ट्रैकिंग और समुद्री सीमाओं की मॉनिटरिंग को भी बढ़ावा मिलेगा.

PM मोदी ने दी सफल लॉन्च पर बधाई

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसरो को बधाई देते हुए लिखा, ‘भारत का अंतरिक्ष क्षेत्र हमें निरंतर गर्व महसूस कराता है. सीएमएस-03 का सफल प्रक्षेपण हमारे वैज्ञानिकों की प्रतिभा और देश की प्रगति का प्रमाण है.’

Our space sector continues to make us proud!

Congratulations ISRO on the successful launch of India’s heaviest communication satellite, CMS-03.

Powered by our space scientists, it is commendable how our space sector has become synonymous with excellence and innovation. Their…

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