अभेद्य को भेद पाना दुश्मन के लिए नामुमकिन, हर जवान की रक्षा करेगी स्वदेशी बुलेटप्रूफ जैकेट, जानिए खासियत

Army bulletproof jacket : अभेद्य का मतलब ही होता है जिसे भेदा ना जा सके. सच कहें तो अब भारतीय सैनिकों को दुश्मन की गोली छू भी नहीं सकेगी. ऐसा बुलेटप्रूफ जैकेट भारतीय सेना के लिए तैयार किया जा चुका है. खास बात यह है कि यह पूरी तरह से स्वदेशी है. भारतीय सैनिकों की जरूरतों को पूछ कर ही बनाया गया है. इसका नाम ABHED (एडवांस्ड बैलिस्टिक फ़ॉर हाई एनर्जी डिफीट) है. DRDO और IIT दिल्ली ने मिलकर इस बुलेटप्रूफ जैकेट को बनाया है. खास बात यह है कि वजन में यह इतनी हल्की है कि उसे आसानी से सैनिकों पहन सकते हैं और किसी भी ऑपरेशन को अंजाम दे सकते हैं.
अभेद्य की खासियतवजन में हल्का होना इसकी सबसे बड़ी खासियत है. इसका वजन 8.2 किलो से 9.5 किलो के बीच है. अलग अलग बैलिस्टिक के लिए अलग अलग जैकेट है. इस जैकेट से स्टील बुलेट को भी रोका जा सकता है. यह मॉड्यूलर-डिज़ाइन जैकेट है. यह सामने और पीछे के आर्मर के साथ 360 डिग्री सुरक्षा प्रदान करते हैं. यह जैकेट पॉलिमर और स्वदेशी बोरॉन कार्बाइड सिरेमिक सामग्री से बनाया गया है. आर्मर प्लेट प्रोटोकॉल के तहत सभी जरूरी परीक्षणों से गुजरने का बाद ही सेना ने इसे चुना है. इस जैकेट के प्रोडक्शन के लिए आईआईटी दिल्ली में डीआरडीओ के डीआईए-सीओई ने तीन नीजि कंपनियों के साथ करार किया है. जल्द यह हल्की बुलेटप्रूफ जैकेट भारतीय सैनिकों के लिए जारी कि जाने लागेगी.
ऑपरेशन में होगी आसानीसैनिक दुश्मन देश और आतंकियों की लाइन ऑफ फायर पर रहते है. ऐसे समय बुलेटप्रूफ जैकेट की जरूरत बढ़ जाती है. बुलेटप्रूफ जैकेट क्लोज क्वाटर बैटल यानी की नजदीक की लड़ाई में ज्यादा इस्तेमाल होती है. जम्मू कश्मीर और पूर्वोत्तर के राज्यों में आतंकियों के साथ मुठभेड़, पेट्रोलिंग और सेना के कैंट में तैनात संतरी के लिए ये जैकेट एक रक्षक का काम करती है. अब तक सेना जो बुलेटप्रूफ जैकेट का इस्तेमाल कर रही है वह वजन में भारी है. सिर्फ छाती और पीठ की तरफ भारी मेटल प्लेट लगी होती है, साइड प्रोटेक्शन नही होती. एनकाउंटर के दौरान गोली कहीं से भी आ सकती है, अभेद्य उनसे सैनिक को सुरक्षित करेगा. पुरानी जैकट में गर्दन के हिस्से की प्रोटेक्शन ना के बराबर होती है. यह जैकेट उस हिस्से को भी सुरक्षित रखने में कारगर होगी. अभी की जैकेट बॉडी फिट ना होने के चलते उसे पहन कर मूवमेंट और ऑपरेशन के समय पोजिशन लेने में भी दिक्कतें आती रहती है. अभेद इन सब दिक़्क़तों से सैनिकों को राहत देगा. पहाड़ों पर पूरे बैटल लोड के साथ चढ़ना हो तो भारी जैकेट के साथ मुश्किल होता था. अब अभेद्य के आने से ना सिर्फ ऑपरेशन में आसानी होगी, सैनिको की सुरक्षा भी सुनिशिचत हो सकेगी.
FIRST PUBLISHED : December 19, 2024, 20:15 IST