Mahabharat Pankaj Dheer Cancer regrowth | महाभारत के कर्ण का निधन

Last Updated:October 15, 2025, 15:07 IST
Why Pankaj Dheer Cancer regrowth: महाभारत के कर्ण पंकज धीर का कैंसर के कारण निधन हो गया. बताया जा रहा है कि उनके कैंसर का इलाज हो गया था तो फिर क्यों यह बीमारी दोबारा लौटकर आ गई है. इस विषय पर हमने सर गंगाराम अस्पताल में कैंसर डिपार्टमेंट के प्रमुख डॉ. श्याम अग्रवाल से बात की.पंकज धीर का कैंसर से निधन.
Why Pankaj Dheer Cancer regrowth: कैंसर के इलाज में अत्याधुनिक तकनीक के बावजूद आजतक हमारा विज्ञान इसे पूरी तरह से ठीक नहीं कर पाया है. इस कैंसर की वजह से महान धार्मिक धारावाहिक महाभारत में कर्ण की भूमिका निभाने वाले पंकज धीर का 68 साल की आयु में निधन हो गया. रिपोर्ट के मुताबिक वे लंबे समय से कैंसर से पीड़ित थे लेकिन इसका सफलतापूर्वक इलाज करा चुके थे. उन्हें इसके लिए एक बड़ी सर्जरी भी करानी पड़ी लेकिन कैंसर ने उन्हें दोबारा हमला कर दिया और इस बार वे बच नहीं सके. अंततः 15 अक्टूबर को उन्होंने अंतिम सांस ली और कैंसर के जंग से हार गए. पर असली मुद्दा यह है कि एक बार जब कैंसर को निकाल कर खत्म कर दिया गया तो दोबारा कैंसर कैसे हो गया. आखिर क्यों कैंसर फ्री इंसान कभी हो नहीं सकता. इस बारे में हमने सर गंगाराम अस्पताल में कैंसर डिपार्टमेंट के प्रमुख डॉ. श्याम अग्रवाल से बात की.
क्या पूरी तरह ठीक हो जाता कैंसर
डॉ. श्याम अग्रवाल कहते हैं कि कैंसर पूरी तरह खत्म हो भी सकता है और नहीं भी हो सकता है. शरीर के जिस हिस्से में कैंसर होता है, हो सकता है कि वह ठीक हो जाए लेकिन शरीर के किसी अंग में अलग से हो जाए. इसलिए विज्ञान इस विषय पर स्पष्ट नहीं है. चूंकि आजकल कैंसर के इलाज में कई तकनीकियां सामने आ गई हैं, इसलिए बहुत हद तक इसे काबू में किया जा सकता है लेकिन कोई यह दावा नहीं कर सकता कि कैंसर अब नहीं होगा. रही बात पंकज धीर में दोबारा से कैंसर होने का तो यह पूरी तरह संभव है. कैंसर किसी भी इंसान में दोबारा से हो सकता है. इसके कई कारण है. वैसे भी हम 5 साल के बाद ही किसी को संबंधित अंग से कैंसर फ्री का दावा कर सकते हैं. इसलिए अधिकतक इंसान में दोबारा से कैंसर पनपने की आशंका होती है.
कैंसर दोबारा क्यों पनप जाताडॉ. श्याम अग्रवाल बताते हैं कि कैंसर को पहचानने का अब तक का पूरी दुनिया में जो सबसे एडवांस टेक्नोलॉजी है, वह है पैट सीटी स्कैन PET CT SCAN. पैट सीटी स्कैन में 5 मिलीमीटर यानी आधे सेंटीमीटर से ज्यादा में कैंसर कोशिकाओं को पकड़ने की क्षमता होती है. यानी यह मशीन कैंसर को तभी यह पकड़ सकती है जब किसी टिशू में 5 एमएम से उपर में कैंसर कोशिकाएं हो. अगर इससे कम दायरे में है तो कैंसर कोशिकाओं की मौजूदगी है या नहीं, मशीन नहीं पकड़ सकती.इसलिए यदि किसी मरीज का पैट सीटी स्कैन नॉर्मल है तो यह नहीं कहा जा सकता है वह कैंसर से पूरी तरह क्योर हो गया है या मुक्त हो गया है. मेडिकल टर्म में हम यह कहते हैं कि मरीज का रेमीशन हो गया है. यानी अभी तो कैंसर नहीं है लेकिन बाद में हो भी सकता है और नहीं भी हो सकता है. आमतौर पर अगर 5 एमएम से कम एरिया में जब कैंसर कोशिकाएं जिंदा रहती है तो इस बात का रिस्क ज्यादा है कि उसे 5 साल के अंदर दोबारा से कैंसर कोशिकाएं उभर जाए.
मशीन में क्यों पकड़ में नहीं आतीमशीन की क्षमता 5 एमएम तक के एरिया में मौजूद कैंसर कोशिकाओं को पकड़ने की है. अगर इससे कम में कैंसर कोशिकाएं हैं तो मशीन नहीं बता सकती. इसका कारण है कि हमारे शरीर में एक एमएम एरिया में एक करोड़ कोशिकाएं होती हैं. 5 एमएम में करीब 5 करोड़ कोशिकाएं होंगी. यानी 5 करोड़ कोशिकाओं को मशीन अछूता कर देती है. चूंकि कैंसर सिर्फ एक कोशिका से शुरू होता है और इसे लाखों कोशिकाओं तक पहुंचने में सालों लग जाता है, इसलिए 5 साल से पहले किसी भी कैंसर मुक्त नहीं किया जा सकता है. अगर 5 एमएम से कम एरिया में कैंसर की एक कोशिकाएं भी जिंदा है तो इसे 5 साल के बाद उभरने का खतरा बरकरार रहता है. ब्रेस्ट कैंसर के मामले में तो 10 साल के बाद भी कैंसर वापस आ जाती है.
Lakshmi Narayan
Excelled with colors in media industry, enriched more than 19 years of professional experience. Lakshmi Narayan is currently leading the Lifestyle, Health, and Religion section at . His role blends in-dep…और पढ़ें
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October 15, 2025, 15:03 IST
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महाभारत के कर्ण पंकज धीर में दोबारा कैसे लोट गई कैंसर, ठीक होने के बाद क्यों