कैंसर ने नहीं, 10 साल के अंश को अस्तपाल में चूहों ने मार डाला.. इस हद लापरवाही के लिए क्या सजा दी जाए?

जयपुर : जयपुर में स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट में भर्ती एक कैंसर पीड़ित बच्चे के पैर को चूहों ने कुतर दिया, जिससे उसकी मौत हो गई. न्यूज 18 राजस्थान द्वारा इंस्टीट्यूट में सफाई-व्यवस्था की पड़ताल की गई तो इसमें मरीजों की दुर्दशा को लेकर चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. कैंसर इंस्टीट्यूट की पड़ताल में सामने आया है कि कैंसर के मरीज गंदगी में इलाज कराने को मजबूर हैं.. तो अस्पताल प्रशासन वहां सफाई होने के दावे करता रहा. इस हद सरकारी लापरवाही के बावजूद भी अस्पताल प्रशासन अजीब तर्क दे रहा है. इस घनघोर लापरवाही की घटना के बाद न केवल हॉस्पिटल प्रबंधन, बल्कि पूरे सरकारी सिस्टम पर सवाल खड़े हो गए हैं. किसे इस लापरवाही की सजा दी जाए..
बता दें कि ब्लड कैंसर से ग्रसित 10 साल के अंश ने दम तोड़ दिया है. दम तोड़ने से पहले अंश को स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट की बदहाल सफाई व्यवस्था का दंश झेलना पड़ा. 11 दिसंबर को एडमिट होने वाले अंश के पैर को चूहों ने कुतर दिया था. हालांकि अस्पताल प्रशासन अस्पताल परिसर में चूहों की बात स्वीकार कर रहा है, लेकिन चूहों के कुतरने की बात स्वीकार करने से इनकार किया जा रहा है.
स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट के अधीक्षक डॉ.संदीप जसूजा कहते हैं कि बच्चा गंभीर हालत में एडमिट हुआ था. डॉक्टर्स द्वारा तमाम प्रयास किए गए थे, लेकिन लास्ट स्टेज में होने के कारण उसकी मौत हो गई. उनका कहना है कि चूहों के काटने का कोई निशान नहीं मिला है. संभवत: बच्चे की मां को चूहा दिखने के कारण संदेह हुआ था.
अब इस तरह स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट प्रशासन चूहे के कुतरने की बात से इनकार कर रहा है, लेकिन न्यूज 18 राजस्थान की पड़ताल में इस संस्थान में एडमिट कैंसर के मरीजों की दुर्दशा साफ सामने आ गई है. अस्पताल परिसर में स्थित लाउन में चूहों ने बड़े-बड़े गढ्ढे कर रखे हैं.. तो अस्पताल के अंदर बेहाल सफाई व्यवस्था ने चूहों को अंदर आने का खुला निमंत्रण दे रखा है. अस्पताल के वार्डों, आईसीयू, बाथरुम-टॉयलेट्स समेत तमाम जगहों पर गंदगी बेशुमार है. वार्डो में गंदगी का आलम यह है कि लगता है कई दिनों से सफाई व्यवस्था ही नहीं की गई है. टॉयलेट्स में लाइट्स बंद है और ऐसा लगता है जैसे सालों से सफाई नहीं हुई हो. ये बात सिर्फ मरीज और परिजन ही नहीं कर रहे हैं, बल्कि स्टाफ भी गंदगी से परेशान है.
मरीजों की दुर्दशा और अस्पताल की बदहाली पर अस्पताल प्रशासन अजीब तर्क दे रहा है. अस्पताल प्रशासन का कहना है कि पहले वाले ठेकेदार की कमियों को देखते हुए नया ठेकेदार रखा गया है. स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट के अधीक्षक डॉ. संदीप जसूजा ने कहा कि सफाई व्यवस्था अच्छी है. चूहों पर कंट्रोल करने की व्यवस्था की जा रही है.
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FIRST PUBLISHED : December 13, 2024, 15:56 IST