Jag Mandir Palace Amid Lake unique history of mugal Royal Heritage – हिंदी

Last Updated:May 13, 2025, 14:14 IST
मुग़ल सम्राट शाहजहां, जो उस समय राजकुमार खुर्रम थे, ने पिता जहांगीर से बगावत के बाद राजस्थान के इस स्थान पर शरण ली थी.यहां बिताया गया समय उनके भविष्य के वास्तु प्रेम और ताजमहल जैसे भव्य निर्माण की प्रेरणा बना.
झीलों की नगरी के नाम से प्रसिद्ध उदयपुर की झील पिछोला के बीचों-बीच स्थित जग मंदिर पैलेस न सिर्फ वास्तुकला की दृष्टि से अद्वितीय है, बल्कि ऐतिहासिक घटनाओं और शाही वैभव की जीती-जागती मिसाल भी है. अरावली की पहाड़ियों से घिरी यह भव्य इमारत हर साल देश-विदेश से आने वाले हजारों पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है.
जग मंदिर का निर्माण 17वीं शताब्दी में महाराणा कर्ण सिंह ने प्रारंभ कराया था और बाद में उनके पुत्र महाराणा जगत सिंह ने इसे पूर्ण कराया. उनके नाम पर ही इस पैलेस का नाम जग मंदिर पड़ा. सफेद संगमरमर और बलुआ पत्थर से बने इस महल की वास्तुकला मुग़ल और राजस्थानी शैलियों का सुंदर संगम है.
महल में प्रवेश करते ही सबसे पहले नजर आती है पत्थर की बनी हाथियों की विशाल प्रतिमाएं, जो इसकीभव्यता को और भी प्रभावशाली बनाती हैं. इतिहास के पन्नों में झांकें, तो यह महल कई महत्वपूर्ण घटनाओं का साक्षी रहा है.
ऐसा कहा जाता है कि मुग़ल सम्राट शाहजहां, जो उस समय राजकुमार खुर्रम थे, ने पिता जहांगीर से बगावत के बाद यहीं शरण ली थी. यहां बिताया गया समय उनके भविष्य के वास्तु प्रेम और ताजमहल जैसे भव्य निर्माण की प्रेरणा बना.
वर्तमान में जग मंदिर पैलेस को हेरिटेज होटल के रूप में भी संचालित किया जा रहा है. यहां निजी आयोजन, शाही शादियां और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं. पिछोला झील में नाव से इस महल तक पहुंचने का अनुभव भी पर्यटकों के लिए अविस्मरणीय होता है.
सूर्यास्त के समय जब महल की रौशनी झील के पानी में प्रतिबिंबित होती है, तो दृश्य किसी स्वप्नलोक जैसा प्रतीत होता है. उदयपुर आने वाले पर्यटकों के लिए यह एक प्रमुख आकर्षण है, जो इतिहास से रूबरू कराता है,
साथ ही ये शाही राजस्थान की भव्यता का अनुभव भी कराता है. पर्यटन विभाग भी इस ऐतिहासिक धरोहर को संजोने और वैश्विक स्तर पर प्रचारित करने के लिए विभिन्न योजनाओं पर कार्य कर रहा है.
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जब शाहजहां ने पिता जहांगीर से की थी बगावत, तो राजस्थान में यहां ली थी शरण