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Jaipur: Bullying of ruling party leader, farmers plead for justice | जयपुर: सत्तारुढ़ पार्टी के नेता की दबंगई, किसानों ने लगाई न्याय की गुहार

locationजयपुरPublished: Jun 22, 2023 11:30:09 pm

– पीडि़त किसानों के लिए समाजसेवी रिचा सैनी ने उठाई आवाज

जयपुर। आमेर तहसील के राजस्व ग्राम बैनाड़-नांगल सिरस एवं सर्किल क्षेत्र-खोराबीसल में स्थित कृषि भूमि में से जबरन रास्ता निकालने का एक मामला सामने आया हैं। महिला समाजसेवी ऋचा सैनी के जरिए पीडित किसानों श्यामा देवी, मुकेश कुमार शर्मा, सन्तोष कुमार शर्मा, श्रीशरण शर्मा सहित अन्य ने गुरुवार को प्रेस क्लब में मीडिया को बताया कि उपरोक्त जमीन उन्हें राज्य सरकार ने 1978 में आवंटित की थी। उनके खेतों के पास कुछ अन्य खातेदारों की भी भूमियां हैं।

जयपुर: सत्तारुढ़ पार्टी के नेता की दबंगई, किसानों ने लगाई न्याय की गुहार

जयपुर: सत्तारुढ़ पार्टी के नेता की दबंगई, किसानों ने लगाई न्याय की गुहार

जयपुर। आमेर तहसील के राजस्व ग्राम बैनाड़-नांगल सिरस एवं सर्किल क्षेत्र-खोराबीसल में स्थित कृषि भूमि में से जबरन रास्ता निकालने का एक मामला सामने आया हैं। महिला समाजसेवी ऋचा सैनी के जरिए पीडित किसानों श्यामा देवी, मुकेश कुमार शर्मा, सन्तोष कुमार शर्मा, श्रीशरण शर्मा सहित अन्य ने गुरुवार को प्रेस क्लब में मीडिया को बताया कि उपरोक्त जमीन उन्हें राज्य सरकार ने 1978 में आवंटित की थी। उनके खेतों के पास कुछ अन्य खातेदारों की भी भूमियां हैं। उनकी जमीन के पास 2००4 में मोहन डागर उर्फ मोहन चौधरी ने भी भूमि क्रय की थी। पीडितों का कहना है कि मोहन डागर कांग्रेस पार्टी से जुड़े हुए है और जयपुर जिला परिषद् में उप जिला प्रमुख के पद पर हैं। महिला समाजसेवी ऋचा सैनी ने बताया कि वह बिना डरे इस मामले को उठाने के लिए आगे आई हैं। उसने कई पीड़ितों को न्याय दिलाया हैं। गत दिनों उसने राज्य में पुरुष आयोग बनाने की मांग करते हुए हाईकोर्ट में भी जनहित याचिका दायर की हैं। इस मामले में विधवा श्यामा देवी व अन्य खातेदारों ने 2०18 से पीडित होना बताया हैं। उनकी जमीन में से ही अपने खेत में आने-जाने का रास्ता जबरन निकाल लिया गया, जब आपत्ति की गई तो एसीएम कोर्ट से रास्ते को लेकर स्टे ले लिया। बाद में दबाव बनाने के लिए एसडीएम कोर्ट में भी केस कर दिया। पीडितों का यह भी कहना है कि अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए पटवारी से भी अपने अनुसार रिपोर्ट बनवाकर कोर्ट में पेश कर दी गई। तीन बार पटवारी/तहसीलदार ने रिपोर्ट बनाई। एक बार पटवारी ने निष्पक्ष तौर पर लिखा है कि मोहन चौधरी और अन्य खातेदारों के पास अपने खेत में जाने के लिए दो वैकल्पिक रास्ते और मौजूद है। बाद में उनकी गैरमौजूदगी में मनमाफिक रिपोर्ट बनवाई गई। पीडिता श्यामा देवी व अन्य पक्षकारों को कोर्ट से नोटिस नहीं मिला और एकतरफा आदेश हो गया। फैसले से असन्तुष्ट किसानों ने एसडीएम अर्शदीप बरार से मिलकर वास्तविक स्थिति से अवगत करवाया। उन्होंने कहा आदेश हो चुका हैं, राजस्व अपील अधिकारी के समक्ष अपील करें। अपील की सूचना मिलते ही विपक्षी आनन-फानन में अब उनकी भूमि में से जेडीए से रास्ता बनवाने की कार्यवाही शुरू कर दी हैं। साथ ही अदालतों में विपक्षी ने खुद को काश्तकार बताते हुए उनका व उनके परिवार का जीवन-यापन बमुश्किल उक्त भूमि पर काश्त करके होने की भी असत्य जानकारी दी हैं। पीडितों पर ही पैसे व ताकत के बल पर चालू रास्ते को बंद करने की भी झूठी जानकारी दी गई हैं। किसानों ने अपनी व्यथा जिला कलेक्टर व मुख्यमंत्री कार्यालय तक कर चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई है।

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