JAIPUR DHUNDH RIVER JALDHARA – 40 साल बाद ढूंढ़ नदी के उद्गम स्थल से निकली जलधारा

40 साल बाद ढूंढ़ नदी (Dhundh River) के उद्गम स्थल पर ‘जलधारा’ (Jaldhara) बह निकली। सीकर रोड पर भैरूं खेजड़ा के पास नदी के उद्गम स्थल के पास पहाड़ों से यह जलधारा फूटी है। हल्की जलधारा के बहने से स्थानीय लोगों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है। इसका मालूम चलते ही लोग इस जलधारा को देखने पहुंचे। इस साल ढूंढ़ नदी को पुनर्जीवित करने के लिए यहां बड़ और पीपल के पौधे लगाए गए।

40 साल बाद ढूंढ़ नदी के उद्गम स्थल से निकली ‘जलधारा’
— रंग ला रही पौधारोपण कर नदी को पुनर्जीवित करने की मुहिम
— कल करेंगे नदी के बहाव क्षेत्र की परिक्रमा
— हल्की जलधारा फूटी तो लोगों में दौड़ी खुशी की लहर
जयपुर। 40 साल बाद ढूंढ़ नदी (Dhundh River) के उद्गम स्थल पर ‘जलधारा’ (Jaldhara) बह निकली। सीकर रोड पर भैरूं खेजड़ा के पास न्यू ट्रांसपोर्ट नगर स्थित नदी के उद्गम स्थल के पास पहाड़ों से यह जलधारा फूटी है। हल्की जलधारा के बहने से स्थानीय लोगों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है। इसका मालूम चलते ही लोग इस जलधारा को देखने पहुंचे। इस साल ढूंढ़ नदी को पुनर्जीवित करने के लिए गायत्री परिवार और स्थानीय लोगों ने पहल ही, यहां बड़ और पीपल के पौधे लगाए और बच्चे चैक डेम बनाए गए।
स्थानीय निवासी रामकुमार रिया ने बताया कि 1981 की बाढ़ के दौरान यहां झरना बहा था, उसके बाद यहां एक बार भी झरना नहीं दिखा, इस बार यहां पहाड़ पर बड़ और पीपल के बड़ी संख्या में पौध लगाए गए। जगह—जगह कच्चे चैक डेम बनाए गए। इससे यहां पहाड़ों से हल्का झरना बहना शुरू हो गया है। ढूंढ़ नदी पुनर्जीवित परियोजना के प्रभारी भैंरूलाल जाट ने बताया कि पहाड़ और आसपास 300 बड़ और पीपल के दस फीट लंबे पौधे लगाए गए हैं। सभी पौधे अच्छी स्थिति में है।
नदी के बहाव क्षेत्र की करेंगे परिक्रमा
ढूंढ नदी के उद्गम स्थल पर रविवार को यात्रा निकाल परिक्रमा शुरू की जाएगी। सुबह ढूंढ नदी के उद्गम स्थल भूरी डूंगरी, न्यू ट्रांसपोर्ट नगर के पास टोडी हरमाड़ा सीकर रोड पर गायत्री हवन किया जाएगा। वेदमंत्रों के साथ श्रद्धालु यज्ञ में आहुतियां अर्पित करेंगे। इसके बाद पौधरोपण किया जाएगा। जन जागृति के लिए ढूंढ़ नदी की परिक्रमा की जाएगी। परिक्रमा का क्रम दस अगस्त तक चलेगा। ढूंढ़ नदी के बहाव क्षेत्र के मुख्य स्थानों पर दिन में पौधरोपण और शाम को दीपयज्ञ किए जाएंगे। तीन दिवसीय यात्रा के तहत ढूंढ़ नदी के बहाव क्षेत्र के गांवों के सार्वजनिक स्थानों पर पौधरोपण किया जाएगा। साथ ही ग्रामीणों को पौध भी वितरित की जाएगी।