jaipur loot | सब इंस्पेक्टर अपने ही बेटे से करवा रहा था हाथी दांत की तस्करी

3 करोड़ रुपए कीमत के हाथी दांत पकड़े, पिता-पुत्र गिरफ्तार
जयपुर
Published: March 13, 2022 11:14:50 pm
जयपुर. राजस्थान एसओजी ने हाथी दांत की तस्करी में उत्तर प्रदेश (यूपी) पुलिस के एक सब इंस्पेक्टर सहित तीन तस्करों को गिरफ्तार किया है। तस्करों से करीब 3 करोड़ रुपए कीमत के 3० किलोग्राम हाथी दांत के 35 नग और 165 ग्राम हाथी दांत का पाउडर, एक लोडेड रिवॉल्वर (मय 6 कारतूस) बरामद किया है। एडीजी अशोक राठौड़ ने बताया कि रविवार सुबह जयपुर में तस्करों के हाथी दांत या फिर शेर व बघेरे की खाल लेकर आने की सूचना मिली। डीआइजी सत्येन्द्र सिंह के सुपरविजन में और निरीक्षक गजेन्द्र शर्मा के नेतत्व में टीम बनाई गई। सूचना पर टीम सिंधीकैम्प से पोलोविक्ट्री होते हुए गवर्नमेंट हॉस्टल पहुंची, तभी मुखबिर ने बताया कि तस्कर बिना नंबर की काले रंग की स्कार्पियो में जालूपुरा की तरफ गई है। स्कार्पियो में एक तस्कर ने पुलिस की वर्दी पहन रखी है। जालूपुरा में तस्करों की स्कार्पियो मिल गई। घेराबंदी कर उसे पकड़ा गया। वाहन में 30 किलोग्राम के 35 नग हाथ दांत, 165 ग्राम हाथी दांत पाउडर रखा मिला। आरोपियों से 1.50 लाख रुपए भी मिले। निरीक्षक गजेन्द्र सिंह के नेतृत्व ने टीम आरोपियों को एसओजी मुख्यालय ले गई और पूछताछ के बाद तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। गौरतलब है कि अंतर्राष्टीय बाजार में हाथी दांत की कीमत करोड़ों रुपए बताई गई है। एक किलो हाथी दांत की कीमत करीब 8 से 10 लाख रुपए बताई जाती है।

नेपाल से लेकर आए थे हाथी दांत एसओजी की पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि हाथी दांत नेपाल से तस्करी कर लाए थे। उत्तर प्रदेश से शनिवार रात को जयपुर पहुंचे थे और रविवार सुबह हाथी दांत बेचने के लिए जा रहे थे। एसओजी ने अभी इसका खुलासा नहीं किया कि जयपुर में हाथी दांत किसने मंगवाए थे।
बेटे को चालक बनाकर लाया एसओजी ने उत्तर प्रदेश के झांसी निवासी सब इंस्पेक्टर नाजुदीन खां, उसके बेटे गुलाम खां और उत्तर प्रदेश के गौरखपुर निवासी महावत नादीर अली उर्फ शाहरूख खां को गिरफ्तार किया। आरोपी सब इंस्पेक्टर अपने बेटे को चालक बनाकर लाया था। नाजुदीन उत्तर प्रदेश की हरदोई पुलिस लाइन में तैनात था। वह खुद उत्तर प्रदेश से पुलिस की वर्दी पहनकर और रिवॉल्वर साथ लेकर आया। ताकि रास्ते में टोल नाका पर टोल राशि नहीं देनी पड़े और पुलिस नाकाबंदी में चेकिंग से बच सके। बिना नंबर की स्कार्पियो उत्तर प्रदेश से जयपुर तक ले आए, लेकिन रास्ते में उन्हें कहीं नहीं रोका गया।
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