Rajasthan

शेखावाटी की पहचान: परंपरा से जुड़ा यह वस्त्र, हाथों से तैयार होने की वजह से है खास

Last Updated:March 24, 2025, 15:54 IST

राजस्थान के सीकर में पारंपरिक पोमचा, जो शेखावाटी की विशेष पहचान है, की मांग बढ़ रही है. यह ओढ़नी लाल और पीले रंग में कमल के फूलों की आकृति के साथ बनाई जाती है.X
शेखावाटी
शेखावाटी का पोमचा

हाइलाइट्स

शेखावाटी का पोमचा संस्कृति और आस्था का प्रतीक है.पोमचा की मांग शेखावाटी से बाहर भी बढ़ रही है.पोमचा 300 से 10,000 रुपये तक की रेंज में उपलब्ध है.

सीकर: राजस्थान की हर क्षेत्रीय वेशभूषा में वहां की संस्कृति की झलक मिलती है. ग्रामीण इलाकों में पुरुष जहां धोती-कुर्ता और साफा पहनते हैं, वहीं महिलाएं पारंपरिक घाघरा-ओढ़नी धारण करती हैं. इसी परंपरा का एक अहम हिस्सा है ‘पोमचा’, जो शेखावाटी की विशेष पहचान बन चुका है. समय के साथ इसकी डिज़ाइनों में बदलाव जरूर आया, लेकिन इसे बनाने की पारंपरिक कला आज भी बरकरार है.

सीकर की ऐतिहासिक रंगाई-छपाई कला दुनियाभर में प्रसिद्ध है. यहां के हाथ से बने पोमचा की मांग अब सिर्फ शेखावाटी तक सीमित नहीं रही, बल्कि आसपास के राज्यों में भी बढ़ रही है. पारंपरिक तरीके से तैयार किए जाने के कारण ये अन्य कपड़ों की तुलना में महंगा होता है. लाल और पीले रंग के पोमचा को अब नए डिज़ाइन और लुक में बनाया जा रहा है. बाजार में ये 300 रुपये से लेकर 10,000 रुपये तक की रेंज में उपलब्ध हैं.

क्या है पोमचा?पोमचा राजस्थान की पारंपरिक ओढ़नी है, जो मुख्य रूप से महिलाओं के घूंघट या सिर ढकने के लिए उपयोग में लाई जाती है. इसे दो मुख्य रंगों में तैयार किया जाता है –लाल-गुलाबी, लाल-पीलापोमचा पर कमल के फूलों की आकृति बनी होती है, जो इसे विशिष्ट पहचान देती है. राजस्थान की परंपरा के अनुसार, बेटी के जन्म पर लाल पोमचा और पुत्र के जन्म पर पीला पोमचा भेंट किया जाता है. यह न केवल एक वस्त्र, बल्कि संस्कृति और आस्था का प्रतीक भी है.

शेखावाटी में आज भी होती है पारंपरिक रंगाईशेखावाटी के कई हिस्सों में आज भी पोमचा की रंगाई-छपाई प्राकृतिक फूलों से तैयार रंगों से की जाती है. इसके किनारों पर लाल बॉर्डर होता है, और पूरा कपड़ा कमल के डिज़ाइन से सजा होता है. पारंपरिक विधियों से तैयार किए जाने के कारण यह विशेष रूप से पसंद किया जाता है और त्योहारों, मांगलिक कार्यों और शादी-ब्याह में महिलाओं के लिए खास महत्व रखता है. पोमचा सिर्फ एक परिधान नहीं, बल्कि राजस्थान की समृद्ध संस्कृति और परंपराओं का अभिन्न हिस्सा है, जो आधुनिकता के दौर में भी अपनी चमक बरकरार रखे हुए है.


Location :

Sikar,Rajasthan

First Published :

March 24, 2025, 15:54 IST

homerajasthan

परंपरा से जुड़ा यह वस्त्र, हाथों से तैयार होने की वजह से है खास

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj