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जयपुर. राजस्थान के कोटा संभाग में हुई अतिवृष्टि (Heavy rain in Kota division) के बाद पीड़ितों के जख्मों पर मलहम लगाने के लिये हुये नेताओं के दौरों की गूंज अब राजनीतिक गलियारों में गूंजने लगी है. नेताओं के ये दौरे बीजेपी और कांग्रेस (BJP and Congress) में ग्राउंड जीरो पर प्रभावितों के बीच बढ़त का पैमाने बनने लगे हैं. यही कारण है कि अब अतिवृष्टि ने पूरी तरह से सियासी रूप लेना शुरू कर दिया है. इसको लेकर राजस्थान की राजनीति गरमाने लगी है और आरोप-प्रत्यारोप का दौर हो गया है. माना जा रहा है कि कोटा संभाग में अतिवृष्टि के बाद बीजेपी नेताओं के दौरे और सरकार की ओर से उठाये कदमों की गूंज आने वाले विधानसभा उपचुनाव में भी सुनाई देगी.

दरअसल हाल ही में कोटा संभाग के कोटा, बूंदी, झालावाड़ और बारां में हुई भारी बारिश के बाढ़ के हालात पैदा हो गए थे. उसके बाद पीड़ितों का हाल जानने और नुकसान का जायजा लेने के लिये राजनीतिक पार्टियों के नेताओं के दौरे शुरू हो गये. सबसे पहले कोटा से सांसद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला संसद के सत्र से समय मिलते ही कोटा पहुंचे और प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वे दौर कर डाला. यही नहीं वे प्रभावितों के घर तक भी पहुंचे और उन्हें यथासंभव सहायता का आश्वासन दिया. बाद में उन्होंने हालात की जानकारी गृहमंत्री अमित शाह को दी. केन्द्र सरकार ने भी बिरला की अनुशंषा पर खराबे और नुकसान के सर्वे के लिए केन्द्रीय अध्ययन दल भेजने के निर्देश गृह सचिव को दे दिए.

पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने भी किया हवाई सर्वे
बिरला के दौरे के तुरंत बाद पूर्व मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे भी कोटा संभाग पहुंच गईं और हवाई सर्वेक्षण के साथ ही प्रभावितों के बारे में ग्राउंड रिपोर्ट ली. वहीं राजस्थान बीजेपी मुख्यालय ने भी प्रभावित क्षेत्रों के दौरे के लिए एक कमेटी की गठन कर उसे मैदान में उतार दिया. यह टीम कोटा संभाग के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों के दौरे कर खराबे और नुकसान का जायजा लेकर रिपोर्ट तैयार करेगी. बीजेपी ने बाढ़ से कोटा, बारां, झालावाड़ और बूंदी जिले में 12 हजार से अधिक मकान क्षतिग्रस्त होने और करीब 4 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में फसलें बर्बाद होने का दावा किया है.

सरकार की तरफ से ये मंत्री पहुंचे
दूसरी तरफ सत्तारुढ़ कांग्रेस सरकार की ओर से कोटा के प्रभारी मंत्री लालचन्द कटारिया बाढ़ के हालत जायजा लेने के लिए कोटा पहुंचे. उसके बाद 5 अगस्त को बारां और झालावाड़ जिले के प्रभारी मंत्री टीकाराम जूली और बूंदी के प्रभारी मंत्री परसादीलाल मीणा अपने अपने जिलों में अधिकारियों की बैठक लेकर माकूल इंतजाम करने के निर्देश देकर लौट गये. सरकार की ओर से फसलों के खराबे की गिरदावरी और नुकसान की सर्वे रिपोर्ट करवाने के निर्देश दिए गये हैं. लेकिन गहलोत सरकार को ताकतवर मंत्री के रूप मे पहचान रखने वाले कोटा उत्तर के विधायक शांतिधारीवाल ने अभी तक कोटा का दौरा नहीं किया है. उनका आगामी 18 अगस्त को कोटा जाने का कार्यक्रम है.

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