Jaipur News : राजस्थान में सबसे ज्यादा की जाती है इस फसल की खेती, जानिए क्या है कटाई की प्रोसेस
जयपुर. राजस्थान में सबसे ज्यादा बाजरे की खेती की जाती है. यह फसल बरसात के मौसम उगाई जाती है. इस फसल को बहुत कम पानी की आवश्यकता होती है. बाजरे की जून- जुलाई में बुवाई और सितंबर- अक्टूबर में कटाई की जाती है. बाजरे का मुख्य उपयोग विभिन्न प्रकार के व्यंजन बनाकर किया जाता है. वही पशुओं में मुर्गियों के आहार के लिए भी इसका उपयोग होता है.
राजस्थान में उगाई जाने वाली बाजरे की फसल के लिए माध्यम से भारी यानी दोमट मिट्टी बड़ी उपयुक्त मिट्टी मानी जाती रही है. बाजरे को हमेशा दीमक और लट के प्रभाव से बचना चाहिए. बाजरे के लिए मिट्टी का पीएच मान 6.5 और 7.5 के बीच होना चाहिए.
बाजरे की कटाई कैसे करेंराजस्थान में बाजरे की फसल मुख्य रूप से उगाई जाती है. इसकी कटाई के लिए जब बाजरे के सिट्टे पूरी तरह से पककर भूरे रंग के नजर आने लगे या सूखने लगे तब बाजरे की कटाई शुरू कर देनी चाहिए. इसके अलावा बाजरे की बलिया यानी सिट्टे को काट कर अलग कर लिया जाता है फिर डेंटल को काटा जाता है.
सिट्टै से बाजरे के दाने अलग करने के लिए थ्रेसर का इस्तेमाल किया जाता है या फिर पटक कर या कुचलकर दाने को निकाल कर अलग किया जा सकते हैं. दाने निकलने के बाद उसे अच्छी तरह से सुखाकर बोरियों में भरकर भंडारण किया जाता है.
बाजरा खाने के फायदेबाजरा में प्रोटीन, फाइबर, और विटामिन्स जैसे बी-कॉम्प्लेक्स विटामिन्स की अच्छी मात्रा होती है. इसके अलावा फाइबर की उच्च मात्रा पाचन तंत्र को स्वस्थ रखती है और कब्ज से राहत दिलाती है. वहीं बाजरा में कार्बोहाइड्रेट की अच्छी मात्रा होती है, जो ऊर्जा प्रदान करती है. यह कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करता है और हृदय स्वास्थ्य को बढ़ाता है. इसकी फाइबर सामग्री भूख को नियंत्रित करने में मदद करती है, जिससे वजन प्रबंधन आसान होता है.
बाजरा का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जिससे यह रक्त शर्करा के स्तर को स्थिर रखने में सहायक होता है. इसमें कैल्शियम, फास्फोरस, और मैग्नीशियम जैसे खनिज होते हैं, जो हड्डियों के स्वास्थ्य में मदद करते हैं. इन फायदों के कारण बाजरा को अपनी डाइट में शामिल करना एक अच्छा विकल्प हो सकता है.
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FIRST PUBLISHED : September 30, 2024, 22:54 IST