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जयपुर ट्रॉमा सेंटर हादसा: जिसने खतरे की घंटी बजाई, वही बना ‘बलि का बकरा’… मामले में बड़ा खुलासा!

Last Updated:October 10, 2025, 03:00 IST

Jaipur News: एसएमएस ट्रॉमा सेंटर अग्निकांड में चेतावनी देने वाले एक्सईएन मुकेश सिंघल को निलंबित किया गया, प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठे, निष्पक्ष जांच की मांग जारी है.जिसने खतरे की घंटी बजाई, वही बना बलि का बकरा... ट्रॉमा सेंटर हादसे में खुलासा!

जयपुर. एसएमएस ट्रॉमा सेंटर में हाल ही में हुए अग्निकांड से जुड़ी बड़ी और चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है. इस हादसे से पहले जिस इंजीनियर ने अस्पताल प्रशासन को खतरे की चेतावनी दी थी, अब उसी इंजीनियर को निलंबित कर दिया गया है. सस्पेंड किए गए इंजीनियर एक्सईएन मुकेश सिंघल ने हादसे से कई दिन पहले ही ट्रॉमा सेंटर की इलेक्ट्रिकल सिस्टम में खामियों को लेकर अस्पताल प्रशासन को सचेत किया था.

जानकारी के अनुसार, मुकेश सिंघल ने पहले ट्रॉमा सेंटर के अधीक्षक और फिर एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल को पत्र भेजा था. पत्र में उन्होंने साफ लिखा था कि ट्रॉमा सेंटर में इलेक्ट्रिकल ओवरलोड और खराब वायरिंग के कारण किसी भी समय बड़ा हादसा हो सकता है. उन्होंने 28 अगस्त को ‘इलेक्ट्रिकल सेफ्टी ऑडिट’ का प्रस्ताव भी भेजा था ताकि समय रहते खामियों को दुरुस्त किया जा सके. लेकिन उस समय इस प्रस्ताव को नजरअंदाज कर दिया गया.

हादसे के बाद चेतावनी देने वाले पर कार्रवाईहैरानी की बात यह है कि जब हादसा हुआ और ट्रॉमा सेंटर में आग लगने से अफरा-तफरी मच गई, तब प्रशासन ने जिम्मेदारी तय करने के बजाय उसी इंजीनियर को निलंबित कर दिया जिसने पहले ही खतरे की चेतावनी दी थी. यानी जिसने सचेत किया, अब वही जांच के घेरे में है.

प्रस्ताव की कॉपी से हुआ खुलासा
न्यूज18 राजस्थान के पास मुकेश सिंघल द्वारा भेजे गए ‘इलेक्ट्रिकल सेफ्टी ऑडिट’ प्रस्ताव की कॉपी मौजूद है, जिससे यह साफ होता है कि इंजीनियर ने अपनी जिम्मेदारी पूरी तरह निभाई थी. इसके बावजूद, कार्रवाई का निशाना उन्हें ही बना दिया गया.

प्रशासन के रवैये पर उठे सवालइस पूरे मामले ने अस्पताल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. जब पहले से चेतावनी दी गई थी, तो उस पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई? और अब जब हादसा हो गया, तो असली जिम्मेदारों पर सख्त कदम क्यों नहीं उठाया गया? फिलहाल, निलंबित इंजीनियर मुकेश सिंघल मामले की निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं, जबकि ट्रॉमा सेंटर की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर एक बार फिर चिंता गहराने लगी है.

Anand Pandey

नाम है आनंद पाण्डेय. सिद्धार्थनगर की मिट्टी में पले-बढ़े. पढ़ाई-लिखाई की नींव जवाहर नवोदय विद्यालय में रखी, फिर लखनऊ में आकर हिंदी और पॉलीटिकल साइंस में ग्रेजुएशन किया. लेकिन ज्ञान की भूख यहीं शांत नहीं हुई. कल…और पढ़ें

नाम है आनंद पाण्डेय. सिद्धार्थनगर की मिट्टी में पले-बढ़े. पढ़ाई-लिखाई की नींव जवाहर नवोदय विद्यालय में रखी, फिर लखनऊ में आकर हिंदी और पॉलीटिकल साइंस में ग्रेजुएशन किया. लेकिन ज्ञान की भूख यहीं शांत नहीं हुई. कल… और पढ़ें

Location :

Jaipur,Rajasthan

First Published :

October 10, 2025, 03:00 IST

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जिसने खतरे की घंटी बजाई, वही बना बलि का बकरा… ट्रॉमा सेंटर हादसे में खुलासा!

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