Rajasthan

जयपुर जू का नन्हा मेहमान बना आकर्षण का केन्द्र, लंबे समय बाद प्रजनन कराने में मिली है कामयाबी

जयपुर. राजस्थान का सबसे पुराना और सबसे बड़ा चिड़ियाघर जयपुर में है. साथ ही जयपुर जंतुआलय देश का चौथा सबसे बड़ा घड़ियाल प्रजनन क्षेत्र भी है. इसकी स्थापना 1868 में हुई थी. जयपुर जू में कई तरह के जानवर और पक्षियों देखने को मिल जाएंगे. जयपुर घूमने के लिए आने वाले पर्यटक यहां के जू का जरूर दीदार करते हैं. हाल ही में इस जू में एक नन्हें मेहमान का जन्म हुआ है, जो आकर्षण का केन्द्र बन गया है और लोग देखने के लिए भी पहुंच रहे हैं. आपको बता दें कि जयपुर जू में मादा शुतुरमुर्ग अवंतिका के अंडे से नवजात शुतुरमुर्ग का जन्म हुआ है, जो जयपुर चिड़ियाघर के लिए ऐतिहासिक उपलब्धि के साथ सबसे खास समय है.

जयपुर जंतुआलय में मार्च 2021 में चेन्नई से शुतुरमुर्ग का जोड़ा लाया गया था, जिसके बाद से ही  वन्यजीव अधिकारी और डॉक्टर्स इनके सफल प्रजनन के लिए लगातार प्रयास कर रहे थे. पहली बार जयपुर जंतुआलय में शुतुरमुर्ग का बच्चा जन्मा है. चिड़ियाघर प्रशासन के वन्यजीव अधिकारीयों के अनुसार शुतुरमुर्ग अवन्तिका के दिए हुए अंडो से एक बच्चे का जन्म हुआ है, जिसके बाद बच्चा पूर्ण रूप से स्वस्थ है और बच्चे का व्यवहार भी सामान्य है.

आकर्षण का केन्द्र बना नन्हा शुतुरमुर्ग

बच्चे और मादा की सुरक्षा और स्वास्थ्य की निगरानी सीसीटीवी कैमरों के साथ-साथ व्यक्तिगत स्टॉफ द्वारा भी रखी जा रही है. वरिष्ठ पशु चिकित्सक के अनुसार शुतुरमुर्ग काफी संवेदनशील होते हैं, इसलिए उनके स्वास्थ्य और आहार का विशेष रूप से ध्यान रखा जा रहा है. आपको बता दें जयपुर चिड़ियाघर में वैसे तो कई पशु-पक्षी हैं, जिनमें हिरण, साभर, हेमू, इंडियन पाइथन, कोबरा, कछुए, बतख, मुंड, हंसावर जैसे कई पंक्षी हैं. लेकिन, उनमें सबसे खास शुतुरमुर्ग है, जो हर जगह देखने को नहीं मिलता. खासतौर पर अभी जयपुर जू में नन्हें शुतुरमुर्ग को देखने के लिए लोग सबसे ज्यादा पहुंच रहें हैं. आपको बता दें इससे पहले  मादा शुतुरमुर्ग ने कई अंडे दिए, लेकिन उनसे बच्चे का प्रजनन नहीं हो सका था. लम्बे समय बाद जयपुर जू में शुतुरमुर्ग के अंडे से बच्चे के सफल प्रजनन कराने में बड़ी सफलता मिली है.

शुतुरमुर्ग के अभी 10 अंडे और भी हैं

जयपुर जू के वरिष्ठ पशु चिकित्सकों के अनुसार अभी जू में 10 अंडे और हैं, जिनसे बच्चे निकलने की उम्मीद बरकरार है. अगर इन अंडों से भी बच्चों का जन्म हुआ, तो यह जयपुर जू के लिए सबसे बड़ी उपलब्धि होगी. आपको बता दें कि जयपुर चिड़ियाघर में मौजूद नर और मादा शुतुरमुर्ग के अलावा छोटा शुतुरमुर्ग अभी लोगों के लिए सबसे ज्यादा आकर्षक का केंद्र बना हुआ हैं, डॉक्टर्स के अनुसार नन्हें शुतुरमुर्ग का वजन लगभग डेढ़ से 2 किलो एंव रंग गेहुंआ है और शरीर पर बाल है. लेकिन, शुतुरमुर्ग का चूजा मेल है या फीमेल अब तक पता नहीं चल पाया है. फिलहाल माता-पिता और नवजात की सुरक्षा के लिए उनके इलाके को ग्रीन तरपाल से कवर किया गया है. लोग सिर्फ दूर से ही इन्हें देख सकते हैं.

दो भागों में बंटा है जयपुर चिड़ियाघर

आपको बता दें कि जयपुर रामनिवास बाग में स्थित चिड़ियाघर को दो अलग-अलग भागों में तैयार किया गया है. जिसमें एक हिस्से में अलग-अलग जंतु और दूसरे हिस्से में अलग-अलग प्रजाति की पक्षियों को पर्यटक देख सकते हैं. जयपुर के इस जंतुआलय को देखने के लिए भारतीय नागरिकों के लिए टिकट दर 23 रूपए और भारतीय छात्रों के लिए मात्र 18 रूपए का टिकट लगता है. वहीं विदेशी पर्यटकों के लिए टिकट दर 156 रूपए है. इसके अलावा चिड़ियाघर में 5 वर्ष के बच्चे का कोई टिकट नहीं लगता है. जयपुर जू में एक ही टिकट दर में चिडियाघर के दोनों भागों को देख सकते हैं. जयपुर जू को गर्मियों में देखने का समय सुबह 8:30 से शाम 5:30 बजे तक रहता है.

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