Jaisalmer Bus Fire Bodies Sent to Jodhpur for DNA Test

Jaisalmer Bus Fire Case: राजस्थान के जैसलमेर जिले में मंगलवार दोपहर जोधपुर-जैसलमेर हाईवे पर हुए भीषण बस हादसे में अब तक 20 यात्रियों की मौत की पुष्टि हो चुकी है. प्रारंभिक तौर पर 19 यात्रियों के मौके पर ही मौत की खबर थी, जबकि एक घायल यात्री ने जोधपुर में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया, जिससे मृतकों की कुल संख्या 20 तक पहुंच गई. हादसे में झुलसे 15 यात्रियों का इलाज जोधपुर के एमडीएम (MDM) और एमजीएच (MGH) अस्पताल में जीवन रक्षक प्रणाली के तहत जारी है.
यह हृदयविदारक हादसा थईयात गाँव के पास हुआ जब के के ट्रेवल्स की एसी स्लीपर बस में अचानक शॉर्ट सर्किट से आग लग गई. आग की लपटें इतनी तेज और अचानक फैलीं कि यात्री बस के अंदर फंस गए और उन्हें बाहर निकलने का मौका नहीं मिला.
सभी 20 शव जोधपुर भेजे गए, डीएनए जांच के बाद होगी पहचानहादसे की भयावहता के चलते शव बुरी तरह से झुलस चुके थे, जिससे उनकी पहचान करना मुश्किल हो रहा था. मंगलवार देर रात प्रशासन ने सभी 20 शवों को दो BSF ट्रकों से कड़ी सुरक्षा के बीच जोधपुर रवाना किया. पुलिस और प्रशासन की टीमें भी साथ में थीं.
जोधपुर पहुंचने के बाद शवों की पहचान डीएनए जांच (DNA Identification) के जरिए की जाएगी, क्योंकि अधिकतर शव पहचान से बाहर हैं. शिनाख्त पूरी होने के बाद ही जोधपुर के सरकारी अस्पताल में पोस्टमार्टम किया जाएगा.
जुगाड़ सिस्टम बना मौत का कारण, सुरक्षा नियमों का उल्लंघनप्रारंभिक जांच और सूत्रों के अनुसार, बस में फिट किया गया जुगाड़ एसी सिस्टम ही आग का मुख्य कारण बना. यह बस मूल रूप से नॉन-एसी थी, जिसे बिना किसी तकनीकी स्वीकृति और सुरक्षा मानकों का ध्यान रखे मॉडिफाई कर एसी स्लीपर में बदला गया था.
स्रोतों ने खुलासा किया है कि बस में एसी की वायरिंग लोकल लेवल पर की गई थी, जिससे अत्यधिक लोड के कारण शॉर्ट सर्किट हुआ. बस की फाइबर बॉडी, पर्दे और संकरी गैलरी होने के कारण आग को तेजी से फैलने का मौका मिला, जिससे यात्रियों को बाहर निकलने का समय नहीं मिला और वे अंदर ही फंस गए. हादसे में यह भी सामने आया है कि बस में ओवरलोडिंग भी थी और इमरजेंसी एग्जिट नहीं था.
सेना और स्थानीय लोगों ने रातभर चलाया रेस्क्यू ऑपरेशनचूंकि बस दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद सेना क्षेत्र (आर्मी एरिया) के पास खड़ी थी, हादसे के बाद आसपास के लोगों और आर्मी जवानों ने मिलकर तुरंत रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया. सेना ने जेसीबी मशीन से बस का गेट तोड़ा, क्योंकि आग लगने के बाद दरवाज़ा ऑटोमैटिक लॉक हो गया था. रातभर चले इस रेस्क्यू ऑपरेशन में पुलिस और प्रशासनिक टीमें भी जुटी रहीं. करीब 45 मिनट बाद फायर ब्रिगेड मौके पर पहुंची, लेकिन तब तक बस पूरी तरह जल चुकी थी.
अब भी सेना क्षेत्र में खड़ी है ‘मौत वाली बसहादसे में पूरी तरह जल चुकी बस को फिलहाल सेना क्षेत्र में ही खड़ा रखा गया है. दुर्घटना के कारणों और सुरक्षा मानकों की जांच के लिए तकनीकी निरीक्षण टीम बुधवार सुबह मौके पर पहुंचकर बस का बारीकी से मुआयना करेगी.
मुख्यमंत्री ने जताया शोक, दिए गहन जांच के आदेशमंगलवार देर रात मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर विशेष विमान से जैसलमेर पहुंचे, जहां उन्होंने अधिकारियों से घटना की विस्तृत जानकारी ली और दुर्घटनाग्रस्त बस का निरीक्षण किया.
मुख्यमंत्री ने इस हादसे को “अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण” बताया और कहा कि जिम्मेदार लोगों पर कड़ी कार्रवाई होगी. उन्होंने नियमों के उल्लंघन पर चिंता जताते हुए कहा, “ऑल इंडिया परमिट बसों को लोकल में चलाना और ओवरलोड भरना नियमों का उल्लंघन है. इसकी गहन जांच कराई जाएगी.” मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों के प्रति गहरी संवेदना जताई और तत्काल राहत राशि देने के निर्देश भी दिए. जोधपुर के अस्पताल में भर्ती घायलों की कुशलक्षेम पूछी गई और समुचित उपचार के लिए विशेष टीमों के गठन के निर्देश दिए गए.