Jal Jhulni Ekadashi 2021 September – जगत के पालनहार भगवान विष्णु ने बदली करवट, भगवान करेंगे जलविहार
विभिन्न योग संयोगों में शुक्रवार को जलझूलनी एकादशी के तहत मंदिरों में कई कार्यक्रम हो रहे हैं। इस मौके पर ठाकुरजी का पंचामृत अभिषेक, नवीन पोशाक धारण करवाने के साथ ही जलविहार करवाया जाएगा।
पत्रिका न्यूज नेटवर्क
जयपुर। विभिन्न योग संयोगों में शुक्रवार को जलझूलनी एकादशी के तहत मंदिरों में कई कार्यक्रम हो रहे हैं। इस मौके पर ठाकुरजी का पंचामृत अभिषेक, नवीन पोशाक धारण करवाने के साथ ही जलविहार करवाया जाएगा। इसके साथ कृष्ण भगवान की पूजा अर्चना की जाएगी। कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के चलते वृहद स्तर पर डोल यात्राएं नहीं निकलेगी।
मंदिर परिसर में ही सभी रस्मों को पूरा किया जाएगा। ठाकुरजी पालकी में विराजमान कर जलयात्रा निकाली जाएगी। देवशयनी एकादशी के करीब दो महीने बाद जलझूलनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु योग निद्रा के दौरान करवट बदलते हैं। जलझूलनी, परिवर्तनी, पदमा एकादशी, डोल ग्यारस और वामन जयंती एकादशी के नाम से भी इस दिन को जाना जाता है। देवउठनी एकादशी को भगवान विष्णु का शयन समय यानि चातुर्मास समापन होगा। 14 नवंबर कार्तिक शुक्ल एकादशी को देवउठनी एकादशी रहेगी।
यहां होंगे कार्यक्रम
शहर आराध्य गोविंददेवजी मंदिर में महंत अंजन कुमार गोस्वामी के सान्निध्य में मंदिर परिसर में शाम को ग्वाल आरती के बाद सालिगरामजी को चौकी पर विराजमान कर संकीर्तन के साथ तुलना मंच तक ले जाया जाएगा। पूजा के बाद सालिगरामजी को पुन: गृभग्रह में विराजमान करवाने के साथ ही डोल यात्रा निकलेगी। भक्त् सामाजिक दूरी की पालना के साथ ठाकुर जी के दर्शन होंगे। साथ ही वामन जयंती पर्व मनाया जाएगा। गोनेर लक्ष्मी जगदीशजी मंदिर में इस बार भी मेला नहीं भरेगा। सांकेतिक रूप से जलविहार कराया जाएगा। शोभायात्रा आदि नहीं निकलेगी। भक्तों से ईदर्शन की अपील भी की गई है।
सुभाष चौक पानों का दरीबा स्थित सरस निकुंज में महंत अलबेली माधुरीशरण के सान्निध्य में आनंदकृष्ण बिहारी मंदिर, चौड़ा रास्ता स्थित राधा दामोदर, मदन गोपाल, पुरानी बस्ती गोपीनाथजी, चांदनी चौक स्थित आंनद कृष्ण बिहारीजी, रामगंज बाजार स्थित लाड़लीजी मंदिर में भी कार्यक्रम होंगे।