Jalore DM imposed complete ban on metal-made manjha Initiative to save environment and birds change in timing of kite flying

जालोर. राजस्थान के जालौर में जिला मजिस्ट्रेट डॉ. प्रदीप के. गावंडे ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 163 के तहत जिले में धातु निर्मित मांझे की बिक्री, भंडारण और उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है. यह आदेश मकर संक्रांति और अन्य पर्वों के दौरान पतंगबाजी में इस्तेमाल होने वाले खतरनाक मांझे से जन-धन, पक्षियों और पर्यावरण को होने वाले नुकसान को ध्यान में रखते हुए लागू किया गया है.
डॉ. गावंडे ने बताया कि धातु निर्मित मांझा, जिसमें नायलॉन, प्लास्टिक, चीनी मांझा और सिंथेटिक या टॉक्सिक सामग्री जैसे ग्लास पाउडर और आयरन पाउडर शामिल होते हैं, पतंगबाजी में अधिक कारगर होता है. लेकिन, इसकी तेज धार वाहन चालकों, पक्षियों और मानव जीवन के लिए जानलेवा साबित हो सकती है.
मंझे के थौक और खुदरा बिक्री पर लगा प्रतिबंध
डॉ. गावंडे ने बताया कि यह मांझा विद्युत का सुचालक है, जिससे बिजली के तारों के संपर्क में आने पर ना केवल पतंगबाजों को नुकसान पहुंचता है बल्कि विद्युत आपूर्ति में भी बाधा उत्पन्न होती है. उच्च न्यायालय राजस्थान और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल, नई दिल्ली ने भी पतंगबाजी में इस प्रकार के हानिकारक मांझे के उपयोग को प्रतिबंधित किया है. इन निर्देशों का पालन करते हुए जालोर में इसे थोक और खुदरा स्तर पर बिक्री, भंडारण, परिवहन और उपयोग को भी पूरी तरह से प्रतिबंधित किया गया है. ऐसा करते पकड़े जाने पर विधि संवत कार्रवाई की जाएगी.
इस समय पर पतंगबाजी पर प्रशासन ने लगाई रोक
इसके अलावा, पक्षियों को बचाने के लिए पतंगबाजी के लिए सुबह 6 बजे से 8 बजे और शाम 5 बजे से 7 बजे के समय को भी प्रतिबंधित किया गया है. आदेश का उल्लंघन करने पर प्रचलित कानूनों के तहत कठोर कार्रवाई की जाएगी. यह प्रतिबंध 31 जनवरी 2025 तक प्रभावी रहेगा. जिला प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे पर्यावरण-अनुकूल और सुरक्षित मांझे का उपयोग करें. सुरक्षित पतंगबाजी सुनिश्चित करना हर नागरिक की सामाजिक जिम्मेदारी है.
Tags: Kite Festival, Local18, Makar Sankranti festival, Rajasthan news
FIRST PUBLISHED : December 26, 2024, 17:18 IST