जालौर: एक मुश्त समझौता योजना की अवधि 2025 तक बढ़ी, ऋणी सदस्यों को राहत

सोनाली भाटी /जालौर: जिले के कृषि और अकृषि ऋणी सदस्यों के लिए राहत की खबर आई है. एक मुश्त समझौता योजना-2024″ की अवधि अब 31 मार्च, 2025 तक बढ़ा दी गई है. जालौर सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड के प्रबंध निदेशक ओमपाल सिंह भाटी ने बताया कि यह निर्णय सहकारिता विभाग, राजस्थान जयपुर के निर्देशानुसार लिया गया है, जिसका उद्देश्य बैंक के एनपीए (गैर निष्पादित आस्तियाँ) और अवधिपार ऋणी सदस्यों को आर्थिक रूप से राहत प्रदान करना है.
एनपीए ऋणधारकों को मिलेगा लाभयोजना के तहत, वे सभी ऋणी सदस्य, जिनकी ऋण राशि 31 मार्च, 2023 तक एनपीए की संदिग्ध या अशोध्य श्रेणी में आ चुकी है, इस योजना का लाभ उठा सकते हैं. योजना के अनुसार, ऋणी सदस्यों को अपने बकाया ऋण का 25 प्रतिशत जमा करवाना होगा. इसके बाद, शेष ऋण पर ब्याज दर को या तो ऋण स्वीकृति पत्र में अंकित दर पर या 8 प्रतिशत की साधारण ब्याज दर पर वसूला जाएगा, जो भी कम हो. इस कदम से ऋणी सदस्यों को ब्याज में राहत मिलेगी और उन्हें अपने कर्ज चुकाने में सहूलियत होगी.
बैंक से संपर्क करने की सलाहकृषि और अकृषि ऋणी सदस्यों को सलाह दी जाती है कि वे जालौर सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक की निकटतम शाखा या क्षेत्रीय अधिकारी से संपर्क करें. पात्र सदस्य 25 प्रतिशत ऋण चुकाकर योजना के तहत मिल रही राहत का लाभ उठा सकते हैं. यह योजना ऋणी सदस्यों को अपने वित्तीय दायित्वों को पूरा करने का सुनहरा अवसर प्रदान करती है.
आर्थिक संकट से उबारने का उद्देश्यइस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों और गैर-कृषि ऋणी सदस्यों को आर्थिक संकट से उबारना और उन्हें आर्थिक स्थिरता की ओर अग्रसर करना है. समय सीमा बढ़ाकर यह सुनिश्चित किया गया है कि अधिक से अधिक ऋणी सदस्य इस राहत योजना का लाभ उठा सकें और अपने आर्थिक बोझ को कम कर सकें.
यह योजना ऋणी सदस्यों के लिए न केवल कर्ज चुकाने में सहूलियत लाएगी बल्कि उन्हें भविष्य में आर्थिक रूप से मजबूती प्रदान करने में भी मददगार साबित होगी.
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FIRST PUBLISHED : October 21, 2024, 13:28 IST