Jamaat-E-Islami | Bangladesh Election | Bangladesh’s Islamist party | Jamaat-E-Islami warns No election without referendum | India bangladesh relations | Jamaat-E-Islami warns mohammad yunus | जमात-ए-इस्लामी | बांग्लादेश चुनाव | बांग्लादेश इस्लामिक पार्टी | बांग्लादेश चुनाव से पहले जनमत संग्रह

Last Updated:November 12, 2025, 00:02 IST
Bangladesh Election से पहले Jamat-E-Islami ने बवाल काट दिया है. ये संगठन देश में चुनाव नहीं होने देना चाहता है बल्कि धोखेबाजी करके बांग्लादेश पर कब्जे की फिराक में है. आगे जानें ये चालबाजी भारत के लिए कैसे मुश्किल पैदा कर सकती है.
जमात-ए-इस्लामी का बांग्लादेश कब्जे का प्लान
ढाका: बांग्लादेश के चुनाव जैसे-जैसे करीब आ रहे हैं, वैसे ही मोहम्मद यूनुस का किया-धरा सामने आ रहा है. हाल ही में अंतरिम सरकार की सपोर्टर और बांग्लादेश की सबसे बड़ी इस्लामवादी पार्टी जमात-ए-इस्लामी ने हल्ला काट दिया है. इस पार्टी ने प्रस्तावित राष्ट्रीय चुनाव के खिलाफ तगड़ा विरोध शुरू कर दिया है. इस पार्टी ने बड़ी ही चालाकी से ऐसी मांग रखी है जिससे बिना कुछ किए ही उसका बांग्लादेश पर कब्जा हो जाएगा. ये धोखेबाजी प्रस्तावित जनमत संग्रह कराने के नाम पर चल रही है. जमात-ए-इस्लामी के हौसले इस कदर बुलंद हैं कि चुनाव को लेकर चेतावनी तक दे डाली है.
बांग्लादेश में फरवरी 2026 में चुनाव होने हैं. जमात-ए-इस्लामी ने मांग की है कि चुनाव के लिए पहले जनमत संग्रह कराया जाए. इस पार्टी का दावा है कि बांग्लादेश के लोग किसी तरह का कोई चुनाव नहीं चाहते हैं लेकिन असल में जमात-ए-इस्लामी के इस दावे के पीछे उनकी खौफनाक मंशा छुपी हुई है. पार्टी चाहती है कि बांग्लादेश में जनता नहीं बल्कि सत्ता का राज चले.
बांग्लादेश में मौजूदा सच्चाई यही है कि यूनुस की सरकार तो बस गालियां खाने के लिए है लेकिन असलियत में देश से जुड़े फैसले जमात-ए-इस्लामी ही लेती है. अब अगर चुनाव हुए और बांग्लादेश में खालिदा जिया की पार्टी बीएनपी जीत गई तो जमात का छुप कर सत्ता चलाने का सपना टूट जाएगा.वहीं, जमात-ए-इस्लामी (JeI) का जनमत संग्रह की जिद भारत के लिए मुसीबत बन सकती है.
खालिदा जिया की पार्टी भारत की कोई दोस्त नहीं है लेकिन वो एक राजनीतिक पार्टी है, जिसे अपना अस्तित्व बनाए रखना है, ऐसे में इस पार्टी से भारत फिर भी डील कर सकता है लेकिन अगर JeI ने जबरदस्ती या किसी तरह का घोटाला करने ये इसमें चुनाव ना करवाने पर बहुमत बना लिया तो बांग्लादेश और भारत के संबंध बदतर स्थित में पहुंच जाएंगे.
बता दें कि बीएनपी पूरी तरह से जमात के जनमत न संग्रह के खिलाफ खड़ी हुई है. BNP के महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर ने उत्तर-पश्चिमी ठाकुरगांव में मंगलवार को आयोजित पार्टी रैली में कहा, ‘आप (जमात) चुनाव से डरते हैं क्योंकि आपको पता है कि इससे आपकी अस्तित्व समाप्त हो जाएगा’. उन्होंने साफ कहा कि संविधान में जनमत संग्रह का कोई प्रावधान नहीं है.
First Published :
November 12, 2025, 00:02 IST
homeworld
बांग्लादेश में धोखे से कब्जे की फिराक में जमात-ए-इस्लामी, क्या है प्लानिंग?



